5 Dariya News

मटर की फसल का उत्पादन कम होने से चेहरे पर छाई मायूसी

5 Dariya News (कुलजीत सिंह)

जंडियाला गुरु 08-Dec-2017

पिछली बार जहाँ किसानों की नोटबन्दी ने कमर तोड़ कर रख दी।इस बार कम उत्पादन के चलते किसानों के चेहरे पर मायूसी दिखाई दे रही है ।आज पत्रकार द्वारा इस मामले पर  गांव धारड और एकलगड्डा किसानों से बात की गई तो उन्होंने ने कहा कि पिछले वर्ष मटर की फ़सल की पैदावार अच्छी थी लेकिन नोटबन्दी के कारण उनकी फसल के दाम नही मिल सके ।मजबूरन उनको मटर की।फसल से घाटे का सामना करना पड़ा ।जिसके चलते उनको आर्थिक रूप से काफी नुकसान हुआ । उन्होंने ने कहा कि इस बार प्रति एकड़ मटर की फसल का उत्पादन 15 -16 क्विंटल है जो कि पिछले वर्ष  30 -35 क्विंटल प्रति एकड़ था ।जहां पिछले वर्ष  मटर का बीज 250 रुपये प्रति  किलो बिका जबकि इस बार 45 रुपये से लेकर 60 रुपये  प्रति किलो तक बिका ।इस बार मटर मार्किट में 15 -16 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है ।जो कि पिछले वर्ष के भाव  के हिसाब से तो अच्छा है लेकिन उत्पादन कम होने से उनको निराश होने पड़ा ।क्या वजह है कम उत्पादन की ?

किसान जगजीत सिंह निवासी गांव एकलगड्डा ,अजीत सिंह पूर्व सरपंच धारड ,और किसान पिंद्रजीत सिंह निवास गांव धारड ने पत्रकार से बातचीत करते हुए कहा कि मटर की फसल का उत्पादन कम होने की वजह प्रदूषण और धान की फूस की सही ढंग से संभाल न हो पाना है क्योंकि धान के बीज जो  खेतों में रह गए वह फिर उग पड़े जिससे मटर की फसल के बीज पूरी तरह उगने नही पाये ।जिससे  मटर के पौधे कम हुए और उत्पादन कम हुआ ।धान के फूस की।संभाल  नियमों के अनुसार करना हर किसान के बस के बात नही ।रोटावेटर समेत अन्य औजार जिनकी कीमत लाखों रुपये में है वो आम किसान द्वारा खरीदना बस की बात नही है।सरकार अगर किसानों को सही ढंग से धान की फूस की संभाल करवाना चाहती है  तो किसानों को औज़ार सब्सिडी पर उपलब्ध करवाए ।इसलिए धान की।फूस सही।ढंग से हो सके और किसानों को आर्थिक रूप से नुकसान न हो।