5 Dariya News

आवश्यकता पड़ी तो उद्योगों की सुविधा के लिए औद्योगिक नीति पर पुन: विचार करेंगे - कैप्टन अमरिंदर सिंह

12वें व्यापार मेले का उद्घाटन, 13,370 नौकरियां उपलब्ध करवाने वाले 2268 करोड़ रुपए के 34 एम.ओ.यू सहीबद्ध होंगे

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अमृतसर 07-Dec-2017

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज यहां 12वें पंजाब इंटरनेशनल ट्रेड एक्सपो (पाईटैकस -2017) का उद्घाटन करते हुए कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो उद्योगों की सुविधा के लिए जारी की औद्योगिक नीति की पुन: जाच पड़ताला की जाएगी जिससे राज्य में उद्यौगों और व्यापार के विकास के साथ-साथ उद्योगपतियों और व्यापारिायों को और अधिक सुविधायें उपलब्ध करवाई जा सकें।पाईटैकस के उद्घाटनी संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मंच पंजाब सरकार और पी.एच.डी. चेंबर की तरफ से संयुक्त तौर पर उनके पिछले शासनकाल के दौरान स्थापित किया गया था जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार और उद्योग को प्रौत्साहन देने और क्षेत्र को औद्योगिक सरगर्मियों के केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए बड़े स्तर पर सहायक साबित हो रहा है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इस बार पाईटैकस में 2268 करोड़ रुपए के निवेश वाले 34 समझौते सहीबन्द किये जाएंगे जिनसे 13,370 नौकरियाँ पैदा होंगी और इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले तीन लाख लोगों से कहीं अधिक के आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि राज्य की बागडोर संभालने के बाद उनकी सरकार द्वारा अब तक 50 हज़ार करोड़ रुपए के समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये है जबकि कई अन्य समझौते प्रक्रिया अधीन हैं।पंजाब में फैक्ट्री लाने के लिए आवश्यक 32 स्वीकृतियां और पावर पलांट लाने के लिए आज भी 50 स्वीकृतियोंं का मुद्दा पी.एच.डी. चेंबर के अध्यक्ष अनिल खेतान द्वारा मुख्यमंत्री के सम्मुख रखे जाने पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह इस विषय को निश्चित रूप से जांचेंगेे। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो औद्योगिक नीति को भी जांचा जायेगा जिससे 'पहले व्यापार का उद्देश्य प्रभावित न हो सके।वर्ष 1966 में विभाजन के समय राज्य की औद्योगिक धुरी छिन जाने पर अफ़सोस जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में औद्योगिक विकास और खोए हुए औद्योगिक आधार को फिर स्थापित करने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है।

किसानों को पेश आ रही अत्यधिक मुश्किलों के बावजूद उनकी तरफ से कृषि और फसलों की पैदावार को बरकरार रखने की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब ने इस वर्ष भी केंद्रीय अन्न-भंडार में 51 प्रतिशत का योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि उद्योगों का विस्तार समय की मुख्य मांग है जो कि लोगों के जीवन को और बेहतर बनाने और रोजग़ार के अवसर पैदा करने के लिए अति आवश्यक है।नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत उद्योगों को दी जाने वाली रियायतों की बात करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार देश-विदेश के उद्योगों द्वारा पंजाब में निवेश करने पर उनको हर पक्ष से हर प्रकार की सुविधा, सहायता और सहयोग देने के लिए वचनबद्ध है। पी.एच.डी चेंबर और दूसरी संस्थाओं की तरफ से पंजाब की औद्योगिक विकास स्कीमों के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाए जाने की प्रशंसा करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पाईटैकस-2017 की सफलता को सुनिश्चित करनेे के लिए उनकी सरकार द्वारा हर संभव सहायता और सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस मंच में देश-विदेश से पहुँचे उद्यमियों, खरीददारों, हिस्सेदारों और दर्शकों को भारी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उद्योग और उद्योगपतियों से बहुत अच्छी तरह परिचित है और वह उनके साथ सम्बन्धित मुद्दों को सुलझाने के साथ-साथ स्वस्थ औद्योगिक वातावरण को न केवल राज्य बल्कि पूरे क्षेत्र में स्थापित करने में कोई कसर नहीं छोडेंगे।इस अवसर पर अन्यों के अतिरिक्त स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, लोकसभा मैंबर गुरजीत सिंह औजला, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, विधायक सुखविंदर सिंह सरकारिया, ओ.पी. सोनी, राज कुमार वेरका, तरसेम सिंह अटारी, सुनीत दत्ती, हरप्रताप सिंह अजनाला, इंदरबीर सिंह बोलारिया, संतोख सिंह बाबा बकाला और सुखविंदर सिंह डैनी बंडाला के अलावा जि़ला कांग्रेस शहरी अध्यक्ष जुगल किशोर भी उपस्थित थे।पी.एच.डी चेंबर पंजाब कमेटी के चेयरमैन आर.एस. सचदेवा, को-चेयरमैन करन गिलहोतरा, अध्यक्ष डायरैक्टर डा. रणजीत मेहता, अध्यक्ष अनिल खेतान, सचिव जनरल सौरव सान्याल के अलावा मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव गुरकिरत किरपाल सिंह, सचिव उद्योग राकेश वर्मा और डायरैक्टर उद्योग डी.पी.एस खरबन्दा भी उपस्थित थे।