5 Dariya News

हिमाचल प्रदेश पुलिस का प्रथम स्थापना दिवस आयोजित

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शिमला 07-Dec-2017

राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्रदेश पुलिस बल के कर्मियों से मैत्रीपूर्ण व्यवहार और उत्तरदायित्व की भावना के साथ कार्य करने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस पर जनता का पूर्ण विश्वास बनाये रखने के लिए उन्हें अधिक व्यवहारिक होकर व्यवस्थित समाज की दिशा में योगदान देना चाहिए।राज्यपाल आज शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में हिमाचल प्रदेश पुलिस के प्रथम स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।स्थापना दिवस की बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 1948 में हिमाचल पुलिस बल का एक छोटी इकाई के रूप में गठन किया गया था। वर्ष 1948-49 में हिमाचल पुलिस बल का कार्यभार पुलिस महानिरीक्षक पद के अधिकारी को सौंपा गया। बाद में, वर्ष 1953 में हिमाचल पुलिस के लिए पृथक पुलिस महानिरीक्षक की नियुक्ति की गई और 3 अप्रैल, 1987 तक बल का नेतृत्व इसी पद के अधिकारी के पास रहा। 4 अप्रैल, 1987 से हिमाचल प्रदेश पुलिस का नेतृत्व पुलिस महानिदेशक पद के अधिकारी को सौंपा गया। वर्ष 1948 से हिमाचल में आरम्भ हुई पुलिस व्यवस्था ने अपने लम्बे सफर में अनेक आयाम स्थापित किए हैं।

उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में कानून व्यवस्था सर्वोपरि है। ऐसे में पुलिस का कार्य और महत्वपूर्ण हो जाता है। वह चाहे खेल का क्षेत्र हो या फिर आंतरिक व्यवस्था, पुलिस ने प्रतिभा का परिचय दिया है। पुलिस और आम जनता में विश्वास पैदा करने के लिए मैत्रीपूर्ण व उत्तरदायित्व का भाव पैदा होना चाहिए। प्रभावित व्यक्ति में यह विश्वास बनना चाहिए कि उसकी समस्या का समाधान होगा तभी विश्वास बढ़ेगा।आचार्य देवव्रत ने कहा, ‘‘यह मानवीय कमजोरी है कि बुराई की ओर व्यक्ति जल्दी आकर्षित होता है और यही कमजोरियां समाज को व्यवस्थित करने में बड़ी बाधा है। इसलिए पुलिस का दायित्व है कि वे ऐसे सिद्धांतों को लागू करे जो समाज को व्यवस्थित करते हैं ताकि समाज का हर व्यक्ति शांति से रह सके और सबको न्याय मिल सके।’’राज्यपाल ने इस बात पर चिंता जताई कि आज हर क्षेत्र में बेशक विकास  हुआ है लेकिन समाज में नैतिकता में कमी आई है। 

देशभूमि के प्रति देशवासियों में अलग आस्था का भाव है। यहां वर्षभर बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, जो सबसे पहले पुलिस के संपर्क में आते हैं। ऐसे में पुलिस का व्यवहार ही राज्य की छवि को बनाता है।युवाओं में बढ़ते नशे की प्रवृति पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि नशाखोरी को रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए ताकि राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी व उपयोग पर पूर्ण रोक लग सके।इससे पूर्व, राज्यपाल ने पुलिस जवानों द्वारा प्रस्तुत मार्चपास्ट की सलामी ली और परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने वार्षिक दिवस पुस्तक तथा स्थापना दिवस मेडल का विमोचन भी किया।राज्यपाल ने इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पुलिस के खिलाड़ियों को सम्मानित किया। उन्होंने मीडिया कर्मियों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया।पुलिस महानिदेशक श्री सोमेश गोयल ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा कहा कि स्थापना दिवस समारोह पुलिस बल के मनोबल, आत्म विश्वास और आत्म सम्मान में वृद्धि करता है। 

साथ ही, इस अवसर पर जनता से संवाद भी स्थापित किया जाता है और भविष्य की रूपरेखा को भी सांझा किया जाता है। पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश पुलिस द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों, कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए विभिन्न पहल और अन्य गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाये रखने में लोगों के सहयोग के लिए उन्होंने प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त किया।पुलिस महानिरीक्षक श्री हिमांशु मिश्रा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।इस अवसर पर पुलिस के जवानों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। पुलिस बैंड ने आकर्षक प्रस्तुति दी।नागालैंड के पूर्व राज्यपाल एवं हिमाचल के पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री अश्वनी शर्मा, मुख्य सचिव श्री वी.सी. फारका, हिमाचल प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, भारत सरकार व राज्य सरकार के अधिकारीगण, प्रदेश पुलिस के पूर्व अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।