5 Dariya News

जहां दोतरफा फायदे, वहां भ्रष्टाचार पर लगाम मुश्किल : मनोहर पर्रिकर

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पणजी 06-Dec-2017

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईपीएस) के अधिकारी पर भ्रष्टाचार के कथित मामले में सजा दिलवाने के बदले पद से हटाने के अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि जहां घूस देने वाले और लेने वाले को फायदा हो, वैसे भ्रष्टाचार के मामले को खत्म करना आसान नहीं है। गोवा सरकार द्वारा मंगलवार को अचानक पुलिस महानिरीक्षक विमल गुप्ता को हटाने के फैसले और आगे के आदेश के लिए उन्हें गृह मंत्रालय वापस भेजने के फैसले पर पर्रिकर ने कहा, "अधिकारी की ईमानदारी पर 'प्रश्न' उठ रहे थे।"उन्होंने कहा, "सबसे पहले इस तरह के अपराध में यह साबित करना मुश्किल होता है कि यह अपराध है। यह आसान नहीं है..।"राज्य सचिवालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा, "तीन-चार तरह के भ्रष्टाचार हैं। एक भ्रष्टाचार है, जिसमें दोनों पक्षों को फायदा होता है, ये लोगों के सामने नहीं आते। 

अगर आपका उत्पीड़न हुआ है तो आप शिकायत करने आएंगे। लेकिन अगर आपको फायदा हो रहा है और जिसे पैसे मिले उसे भी फायदा हो रहा है, तब कोई शिकायत नहीं होती।"पर्रिकर ने यह संवाददाता सम्मेलन राज्य विभाग द्वारा गुप्ता को पद से हटाने और उन्हें गृह मंत्रालय में रिपोर्ट करने के निर्देश देने के एक दिन बाद बुलाया।महिला सब इंस्पेक्टर देवयानी अंबेकर और कांस्टेबल चेतन मोरास्कर को पिछले सप्ताह कथित रूप से विभागीय जांच से बचने के लिए गुप्ता को घूस देने की वजह से निष्कासित कर दिया गया था।गोवा पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पहले से ही गुप्ता के भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रही है, लेकिन पर्रिकर ने कहा कि ऐसे मामलों की जांच के परिणाम आने में वर्षो लग जाते हैं, इसलिए उन्होंने गुप्ता को पद से हटाने का फैसला किया।पर्रिकर ने कहा, "अधिकारी को उसके खराब गतिविधियों की वजह से हटाया गया है। मैं यही कह सकता हूं कि इस तरह के मामले को सत्यापित करना आसान नहीं है। इन परिस्थितियों में इसकी जांच पूरी होने में कई वर्ष लग जाएंगे।"