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मिजो समझौता दुनिया के लिए शानदार उदाहरण : रामनाथ कोविंद

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आइजोल 30-Nov-2017

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि 1986 के मिजो समझौते पर हस्ताक्षर, इसका क्रियान्वयन व पालन अभी भी पूरी दुनिया के लिए एक शानदार उदाहरण है। राष्ट्रपति ने कहा कि मिजोरम में शांति व विकास के लिए माहौल का श्रेय राजनीतिक हितधारकों व नागरिक समाज, गिरजाघर व इससे जुड़ी संस्थाओं को जाता है।मिजोरम विधानसभा के विशेष सत्र के संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा, "समझौता इस मामले में वास्तव में एक चमत्कार की तरह है कि इसने विद्रोह की स्थिति और हमारे देश व खुद मिजो समाज को बांटने वाले विवाद को समाप्त कर दिया।"कोविंद ने कहा, "भारत के लंबे इतिहास में समझौता व इसकी विरासत सबसे बड़ी सफलताओं में से यह एक है।"उन्होंने कहा, "लालडेंगा के प्रबुद्ध व दूरदर्शी नेतृत्व को याद रखना चाहिए, साथ ही साथ ललथनहावला के प्रयास व उदारता की भावना को भी, जो वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं।"साल 1959 के अकाल के बाद, जिसमें कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई थी और मानव संपत्ति व फसल का भारी नुकसाना हुआ था,। लालडेंगा की अगुवाई में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने भारत सरकार के खिलाफ स्वतंत्रता के लिए 20 साल लंबी छापामार लड़ाई लड़ी। इसके बाद केंद्र के साथ 1986 में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।एमएनएफ अब एक क्षेत्री राजनीतिक दल है।मिजोरम भारतीय संघ का 20 फरवरी 1987 को 23वां राज्य बना।राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत मिजोरम पर ध्यान केंद्रित किया गया है।