5 Dariya News

नौजवानों को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी सैन्य कला व चित्र प्रदर्शनी

प्रदर्शनी में पहुंचे पूर्व सैनिकों द्वारा आशा प्रकट

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चंडीगढ़ 19-Nov-2017

यहां की आर्ट गैलरी में बीते दिन शुरू हुई 2 दिवसीय सैन्य कला और चित्र प्रदर्शनी युद्ध सैनिकों और पूर्व सैनिकों की इस आशा के साथ ख़त्म हुई कि यह प्रयास नौजवानों को रक्षा सेनाओं में शामिल होने के प्रति प्रेरित करने में सहायक सिद्ध होगा।पंजाब के मुख्यमंत्री के सीनियर सलाहकार लैफ्टिनैंट जनरल (सेवा निवृत ) टी. एस. शेरगिल्ल ने कहा कि चंडीगढ़ में 7 से 9 दिसंबर को हो रहे देश  के पहले मिलट्री लिटरेचर फेस्टिवल की आगामी सरगर्मियों के हिस्से के तौर पर  लगाई यह प्रदर्शनी रक्षा सेनाओं में शामिल होने के लिए नवयुवकों को उत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।लैिटनैंट जनरल शेरगिल्ल ने कहा कि, 'हमारे पास शूरवीरता और समर्पित भावना से सेवा करने वाले सेना की शानदार विरासत है और हमारी यह विरासत हमारा अनमोल खज़़ाना है जो हमेशा नवयुवकों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है।रक्षा सेनाओं के प्रति पंजाबी नवयुवकों की रूचि घटने के ताज़ा रुझान पर चिंता ज़ाहिर करते हुये लैफ्टिनैंट जनरल शेरगिल ने कहा कि यह दो दिवसीय प्रदर्शनी मिलट्री लिटरेचर फेस्टिवल अधीन करवाए जा रहे प्रोग्रामों की लड़ी का एक हिस्सा है जिसका उद्देश्य नौजवानों को रक्षा सेनाओं में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि 25 से 30 प्रतिशत पंजाबी नौजवान सेना में अपनी सेवाएं निभायें।

लै िटनैंट जनरल शेरगिल्ल ने न सिफऱ् मेजर जनरल रजिंदर सिंह स्पेरो के भारतीय सेना के प्रति योगदान को याद किया बल्कि उनकी तरफ से इस गौरवमयी संस्था का हिस्सा बनने के उनके फ़ैसले को भी याद किया। प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई तस्वीरों में मेजर जनरल सिंह की तस्वीर भी शामिल थी। लैफ्टिनैंट जनरल शेरगिल्ल ने भारतीय सेना की पश्चिमी कमांड की टीम की भी प्रशंसा की जिन्होंने बहुत कम समय में विलक्षण तस्वीरों और कलाकृतियों के अद्भुत खज़़ाने को इस प्रदर्शनी का हिस्सा बनाने में बेहतरीन कार्य किया।यह प्रदर्शनी बीते दिन शुरू हुई जिसमें प्रथम विश्व युद्ध  से लेकर अब तक हुई सैन्य कार्यवाहियों में भारतीय सेना के शानदार इतिहास का गौरवमयी सफऱ मूर्तिमान किया गया था। इस दो दिवसीय प्रदर्शनी में सेना से संबंधित तस्वीरों, कलाकृतियां, पदक , सिख राज के समय की सेना से संबंधित गोलाबारूद, अफसरों की निजी वस्तुएं और 1971 की सैन्य कार्यवाही के दौरान पाकिस्तानी सेना से कब्ज़े में लिए झंडों सहित लगभग 200 वस्तुएँ इस प्रदर्शनी का हिस्सा हैं।सिखों के शानदार सैन्य इतिहास वाले सैक्शन में बर्तानवी राज दौरान सिखों की तरफ से लड़े युद्धों का इतिहास इस प्रदर्शनी में समाया हुआ है। यह प्रदर्शनी भारतीय सैनिकों द्वारा दुनिया भर में हासिल की गई विजयों को दिखाने के लिए विशेष तौर पर बनायी गई है जिससे प्रत्येक व्यक्ति इसकी झलक ले सके। प्रदर्शनी में सिखों के सैन्य इतिहास का वर्णन किये जाने का श्रेय पंजाब डिजिटल लाइब्रेरी को जाता है।एक विशेष दीवार सारागड़ी जंग के योद्धाओं को समर्पित की गई है जो सिख शूरवीरों की हि मत और दिलेरी की मिसाल पेश करती है जिन्होंने शहादत का जाम पिया। इस जंग में थोड़ी सी सं या में बहादुर सिख सैनिकों ने 10,000 से अधिक अफगान कबाईलियों को हराया।