5 Dariya News

मंत्रीमंडल द्वारा मानसिक, शारीरिक रोगी व  जीवन के अंतिम पड़ाव पर पहुंचे उम्रकैद काट रहे कैदियों की समय से पूर्व रिहाई नीति में संशोधन

काली सूची में दर्ज पंजाबियों के नामों और सज़ा पूरी करने पर भी जेलों में बंद कैदियों की सूची की मंाग

5 Dariya News

चंडीगड़ 17-Nov-2017

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों अनुसार पंजाब सरकार ने मानसिक तौर पर असमर्थ और बीमारी के कारण जीवन के अंतिम पड़ाव पर पहुंचे उम्र कैदियों की समय से पहले रिहाई नीति में संशोधन करने का निर्णय किया है।पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान न्यायालय के निर्देश सिवल रिट्ट पिटीशन नं. 324 (2013) के पालन में ज़रूरी संशोधनों को स्वीकृति दी गई।मानसिक तौर पर असमर्थ और कैंसर, एड्ज़ या गुर्दों के फेल होने जैसी बीमारियों वाले जि़ंदगी के अंतिम पड़ाव पर पहुंचे उम्र कैदियों को समय से पहले रिहाई से संबंधित नीति में बदलाव से बड़ी राहत मिलेगी। मानसिक तौर पर असमर्थ या गंभीर बीमारी से पीडि़त 10 वर्ष की सज़ा (समेत या बिना माफी) पूरी करने वाले उम्र कैदी को समय से पहले रिहाई से संबंधित नीति में संशोधन से राहत मिलेगी और वह अपनी सज़ा पूरी करने से पहले रिहा हो सकेंगे। कैंसर से पीडि़त या गुर्दों के फेल होने के कारण बीमार हुए कैदी भी समय से पहले रिहाई के लिए योग्य होंगे।प्रवक्ता के अनुसार ऐसे कैदियों की समय से पहले रिहाई की याचिकाओं पर विचार करने के लिए फ़ैसला लेने की प्रक्रिया के हरेक स्तर पर समय सीमा निर्धारित की जायेगी।इस मुद्दे पर हुए विचार-विमर्श के दौरान मंत्रीमंडल ने अपनी सज़ा पूरी करने के बाद भी राज्य की जेलों में बंद कैदियों संबंधी विभाग के संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट की मांग की। प्रवक्ता के अनुसार मंत्रीमंडल ने निर्देश दिए कि राज्य सरकार काली सूची वाले पंजाबियों का मुद्दा केंद्र सरकार के पास उठाए और उनके नाम इस सूची में से हटाने की मांग करे। इस उद्दश्य के लिए मंत्रीमंडल ने उन सभी पंजाबियों की सूची की मांग की है जिन पर टाडा और इस तरह के अन्य कानूनों के अधीन केस दर्ज हैं जो दूसरे देशों में रह रहे हैं और उनको भारत सरकार वापस आने की आज्ञा नहीं दे रही।