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पराली निपटारे हेतु मिले 100 करोड़ रुपए का हिसाब दें कैप्टन अमरिन्दर : आप

बादल सरकार के समय मिले पैसों की समयबद्ध जांच हो : अमन अरोड़ा

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चंडीगढ़ 13-Nov-2017

आम आदमी पार्टी (आप) ने मौजूदा कैप्टन सरकार के साथ-साथ पिछली बादल सरकार पर किसानों के साथ धोखा और पंजाब के वातावरण समेत लोगों की सेहत के साथ खीलवाड़ करने का गंभीर आरोप लगाया है।आप द्वारा जारी संयुक्त प्रैस बयान में पार्टी के सह-प्रधान और विधायक अमन अरोड़ा, विधान सभा में उप नेता बीबी सरबजीत कौर, किसान संघर्ष समिति के कनवीनर और विधायक कुलतार सिंह संधवा, नाजर सिंह मानशाहिया, रुपिन्दर कौर रूबी और मीत हेयर (सभी विधायक) ने कहा कि पराली को आग लगाने के मामले में सूबे के किसानों को पूरे देश में बदनाम करने के लिए पूर्व मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल और मौजूदा मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ही असली जिम्मेदार और आरोपी हैं। जिन्होंने पराली के सही निपटारो के लिए पिछले दो सालों में केंद्र सरकार की तरफ से जारी हुए करीब 100 करोड़ रुपए में से एक पैसा भी इस मकसद के लिए खर्च नहीं किया।

अमन अरोड़ा ने कहा कि बादल और कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरकार की इस बदनियत और नालायक नीति का पर्दाफाश किसी ओर ने नहीं, बल्कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने किया है। मीडिया रिपोर्टों में केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बताया है कि पराली को खेतों में आग लगाने की बजाए उसका उचित निपटारा करने के लिए तजवीज योजनाओं को लागू करने के लिए केंद्र की तरफ से 2016 -17 में 49.80 करोड़ और 2017 -18 के लिए 48.50 करोड़ रुपए पंजाब सरकार को अलाट किये गए परंतु पिछली अकाली -भाजपा सरकार और मौजूदा कांग्रेस सरकार ने पराली के निपटारे के लिए किसानों की सहायता करने में यह पैसा इस्तेमाल किया ही नहीं। अमन अरोड़ा ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह से मांग की कि वह अपने कार्यकाल दौरान आए पैसों के बारे में पंजाब के लोगों को स्पष्टीकरण दें और पिछली बादल सरकार की भूमिका का समयबद्ध उच्च स्तरीय जांच करवाएं।

आप नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब के साथ-साथ हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों को भी क्रमवार 45 और 50 करोड़ रुपए पराली निपटारे के लिए जारी किये गए थे। इन दोनों सूबों ने 90 प्रतिश्त से अधिक राशि इस मकसद के लिए खर्च कर दी परंतु पंजाब सरकार ने यह पैसा पता नहीं किधर कर्च दिया, जिस के बारे में कैप्टन सरकार को स्पष्ट करना चाहिए।आप नेताओं ने कहा कि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रिपोर्ट के पैरा नंबर 14 अनुसार पंजाब सरकार को निर्देश दिए गए थे कि पराली निपटारे के लिए मशीनरी और तकनीकी यंत्र या फिर किसान को इस पर आते जायज खर्च के पैसे मुहैया करवाए जाएं। 2 एकड़ से कम मालकी वाले किसान को मुफ्त हैपीसीडर मुहैया किये जाएं। सूबा सरकार पर दोहरी जिम्मेदारी डालते हुए ऐनजीटी ने पराली इक_ी करने से लेकर ढुलाई करने का काम भी सरकार को दिया था, परन्तु पंजाब सरकार ने कोई फर्ज नहीं निभाया।