5 Dariya News

एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूल में ही 20 से कम विद्यार्थियों वाले स्कूलों को किया जा रहा है मरज़

शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में बेहतर शैक्षिक माहौल सृजन करने और स्टॉफ की सेवाएं आवश्यक जगह पर लेने की कवायद

5 Dariya News

चंडीगढ़ 21-Oct-2017

सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षण माहौल सृजन करने और मौजूदा स्टॉफ की सेवाएं बेहतर और जरूरतमंद जगह पर लेने के मकसद के लिए शिक्षा विभाग द्वारा 20 से कम विद्यार्थियों वाले सरकारी प्राईमरी स्कूलों को नजदीक एक किलोमीटर दायरे में आने वाले सरकारी प्राईमरी स्कूलों में मरज़ करने का फ़ैसला किया गया है। यह जानकारी शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने आज यहां जारी प्रैस बयान द्वारा दी । विभाग के इस फ़ैसले के साथ मरज़ किये जाने वाले इन स्कूलों के अध्यापकों की सेवाएं जरूरतमंद स्थानों पर तैनात किया जा सकेगा।सरकारी प्रवक्ता ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की योग्य नेतृत्व और शिक्षा मंत्री श्रीमती अरुणा चौधरी के दिशा निर्देशों के अंतर्गत सरकारी स्कूलों का स्तर और ऊंचा उठाने और प्राथमिक शिक्षा ढांचे को और मज़बूत करने के लिए पहले ही प्री -प्राईमरी क्लासें शुरू करने का फ़ैसला किया गया है। इसके इलावा सरकारी प्राईमरी स्कूलों का बुनियादी ढांचा मज़बूत करने के लिए विशेष बजट रखा जा रहा है और 400 स्कूलों में पहली कक्षा से ऑपशनल अंग्रेज़ी माध्यम में पढ़ाई शुरू करने का भी फ़ैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा सुधारों की इसी लड़ी के अंतर्गत अब सिर्फ ऐसे सरकारी प्राथमिक स्कूलों के पास के सरकारी प्राईमरी स्कूलों में मरज़ करने का फ़ैसला किया गया है जिनमें विद्यार्थियों की संख्या 20 से कम है। 

उन्होंने स्पष्ट किया कि सिर्फ उसी स्कूल के नजदीक स्कूल में मरज़ करने का फ़ैसला किया गया है जो स्कूल दूसरे स्कूल के एक किलोमीटर के दायरे में आत हैं।उन्होंने यह भी बताया कि जिस स्कूल से दूसरा स्कूल एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर है, उसे मरज़ नहीं किया जायेगा, चाहे विद्यार्थियों की संख्या 20 से कम हो।शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि बच्चों के मुफ्त और लाजि़मी शिक्षा के अधिकार का पूरी तरह पालना की जा रही है और किसी भी विद्यार्थी को अपनी रिहायश से एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर पढऩे नहीं जाना पढ़ता। विद्यार्थियों की सुविधा का विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रवक्तस ने यह भी स्पष्ट किया कि मरज़ किये जाने वाले कई स्कूल तो दूसरे स्कूल के साथ ही पड़ते हैं और कई जगह तो दोनों स्कूलों की दीवार भी सांझी है।सरकारी प्रवक्ता ने आगे और जानकारी देते हुये बताया कि मरज़ किये जाने वाले 47 स्कूल ऐसे हैं जिनमें विद्यार्थियों की संख्या सिर्फ 5 या इससे कम है और इनमें से 15 स्कूलों में तो विद्यार्थियों की संख्या 3 से भी कम है। उन्होंनें कहा कि मरज करने का फ़ैसला विद्यार्थियों और अध्यापकों के हित में है और इसके साथ स्कूलों में बेहतर शिक्षण माहौल सृजन किया जायेगा। प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि मरज़ किये जाने वाले स्कूलों के अध्यापक ोंं को निक्षपक्षता और सीनियर्ता अनुसार उसी संबंधित जिले के अंदर जरूरतमंद खाली जगह वाले स्कूल में ही तैनात किया जायेगा।