5 Dariya News

नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार को सराहा, 3,769 करोड़ की परियोजनाएं दीं

5 Dariya News

पटना 14-Oct-2017

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां शनिवार को एक दिन के अपने बिहार दौरे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की और दिवाली से पहले 3,769 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का तोहफा दिया। प्रधानमंत्री ऐतिहासिक पटना विश्वविद्यालय (पीयू) के शताब्दी समारोह में शामिल हुए। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि देश के 20 विश्वविद्यालयों को विश्वस्तरीय बनाने की योजना है।पीयू के बाद पटना के मोकामा पहुंचे मोदी ने करीब 3,769 करोड़ रुपये की लागत वाली राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय तथा राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की चार-चार परियोजनाओं का शिलान्यास किया।मोदी ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "नीतीश कुमार अच्छे मुख्यमंत्री हैं और वे हमेशा बिहार के विकास से बारे में सोचते हैं।" दो साल पहले तक हालांकि उन्हें नीतीश के 'डीएनए' में गड़बड़ी नजर आती थी। उन्होंने नीतीश और उनकी पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि ये सभी लोग केंद्र सरकार की योजनाओं को बिहार में लागू करने के लिए प्रयासरत रहते हैं। अब बिहार और केंद्र में एक ही सरकार है।प्रधानमंत्री ने कहा, "अब हम आपसी सहयोग से बिहार का विकास करेंगे। हम कंधे से कंधा मिलाकर बेहतर काम कर रहे हैं, बिहार के विकास की गाड़ी को अब कोई रोक नहीं सकता।"उन्होंने 1,161 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) संख्या-31 के औंटा-सिमरिया रोड को चार लेन और गंगा सेतु को छह लेन बनाने, 837 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले एनएच-31 के बख्तियारपुर-मोकामा चार लेन के निर्माण सहित कुल 3,031 करोड़ रुपये की लागत से चार राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इसके अलावा, मोदी पटना शहर के लिए 738.04 करोड़ रुपये की लागत से चार सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एवं 235 किलोमीटर लंबा सीवर नेटवर्क योजनाओं का भी शिलान्यास किया। 

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, राज्यपाल सत्यपाल मलिक और मुख्यमंत्री नीतीश भी मौजूद रहे।प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा को बचाना आने वाली भावी पीढ़ी को बचाना है। पानी के संकट से बचना है तो सभी नदियों को स्वच्छ रखना होगा। जब नदियां स्वच्छ रहेंगी, तब एकबार फिर नदियों के प्रति लोगों के मन में श्रद्धा का भाव जगेगा।उन्होंने कहा, "गंगा हम सबके जीवन से जुड़ी हुई है। मां गंगा नहीं होती, तो हमारी क्या स्थिति होती! गंगा को बचाएंगे, तभी जीवन बचेगा।"प्रधानमंत्री ने विपक्ष को विकास विरोध बताते हुए कहा, "आज भी कुछ विकृत मानसिकता के लोग विकास को पसंद नहीं करते। वे कहते हैं कि सड़क बनाकर क्या होगा? गरीबों को गाड़ी कहां होती है। सड़क तो कारवालों के लिए है।"उन्होंने कहा कि रास्ते होते हैं, तो समृद्धि को खींचकर लाते हैं। सड़कों से आर्थिक उन्नति होती है। सिर्फ सरकारी खजाने से काम नहीं होते, जब जनता जनार्दन चाह लेती है, तब बदलाव तुरंत आता है। प्रधानमंत्री ने केंद्र की योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा, "देश में तीन करोड़ गरीब परिवारों को रसोई गैस का कनेक्शन दे दिया गया है, आने वाले दो साल में और दो करोड़ और गरीब परिवारों को रसोई गैस के कनेक्शन दिए जाएंगे।"वहीं, नितिन गडकरी ने कहा कि बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग का काम तेजी से हो रहा है। गंगा पर गांधी सेतु को छह लेन बनाने का काम जल्द शुरू किया जाएगा। कई योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो वादा किया था, वह पूरा होगा। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है।मौका देख नीतीश ने गडकरी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, "इनसे मेरी काफी बात हुई है, ये इतने मेहनती हैं कि इनकी डिक्शनरी में 'ना' नाम का कोई शब्द नहीं है, हर बात में 'हां' ही कहते हैं।"मुख्यमंत्री ने कहा, "बिहार में अब नए गठबंधन की सरकार है, हम उम्मीद करते हैं कि अब बिहार में विकास की गाड़ी तेजी से दौड़ेगी।"उन्होंने कहा, "गंगा तट पर आर्गेनिक फार्मिग शुरू करना जरूरी है। हम गंगा की अविरलता को निर्मलता से जोड़कर देखते हैं। इसलिए गंगा को गाद की समस्या से छुटकारा दिलाने की जरूरत है।" इससे पहले, प्रधानमंत्री ने पटना विश्वविद्यालय (पीयू) के शताब्दी समारोह में भाग लेते हुए बिहार के गौरवशाली इतिहास की चर्चा की और कहा कि विरासत ही समाज की प्रेरणा होती है। समृद्ध इतिहास ही भावी इतिहास को गढ़ने की प्रेरणा देती है। 

मुख्यमंत्री नीतीश ने अपने संबोधन में पीयू को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग की। इस पर मोदी ने कहा कि पीयू को देश के 20 चुनिंदा विश्वविद्यालयों में शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 10 निजी और 10 सरकारी विश्वविद्यालयों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए उनकी सरकार एक योजना लाएगी। इन विश्वविद्यालयों को सरकार के बंधन से मुक्ति देनी होगी। इन दोनों प्रकार के विश्वविद्यालयों को अगले पांच साल में 10 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।मोदी ने कहा कि बिहार की समृद्ध विरासत रही है। उन्होंने प्राचीन नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय की चर्चा करते हुए कहा कि जितनी पुरानी यहां गंगा की धारा बहती है, उतनी ही पुरानी यहां ज्ञान की धारा भी बहती है। प्रारंभ से ही बिहार ज्ञान की धरती रही है। इसे सरस्वती के साथ ही अब लक्ष्मी की भी जरूरत है।उन्होंने कहा कि विकास के प्रति प्रतिबद्ध बिहार सरकार और पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के प्रति संकल्पित केंद्र सरकार बिहार को वर्ष 2022 तक विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के प्रति दृढ़ संकल्पित है। पीयू में पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में आने का मौका पाने पर मोदी ने कहा, "पूर्व के प्रधानमंत्री हमारे लिए कुछ अच्छे काम का मौका छोड़ कर गए और आज मुझे ये मौका मिला है कि मैं इस ऐतिहासिक विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में मौजूद हूं और मुझे यहां के छात्रों को संबोधित करने का मौका मिला है।"मोदी दिल्ली से जब पटना हवाईअड्डा पहुंचे तो उनका स्वागत राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश सहित कई गणमान्य लोगों ने किया। प्रधानमंत्री पीयू के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद नवनिर्मित बिहार संग्रहालय देखने गए। नीतीश ने वहां रखी ऐतिहासिक वस्तुओं के इतिहास के बारे में उन्हें बताया। पटना संग्रहालय से कई ऐतिहासिक वस्तुएं नए संग्रहालय में लाई गई हैं।