5 Dariya News

गरीबी से लड़ने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण : भारत

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संयुक्त राष्ट्र 13-Oct-2017

 भारतीय सांसद संतोष अहलावत ने यहां गुरुवार को कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी गरीबी से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि गरीबी के सशस्त्र संघर्ष और शरणार्थी संकट जैसे घातक परिणाम हो सकते हैं। अहलावत सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की सदस्य हैं और वह संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौजूदा सत्र में हिस्सा लेने आए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की हाल की सफलताओं के बावजूद बड़े पैमाने पर भयानक गरीबी मानवता के लिए लगातार सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।उन्होंने कहा, "आज गरीबी के कारण सशस्त्र संघर्ष एवं बड़े पैमाने पर लोगों के विस्थापन हो रहे हैं।"राजस्थान के झुंझनू की सांसद अहलावत ने भारत के गरीबी रोधी अभियान में बैंकिंग, लाभ के प्रावधानों, शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी और मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर जो दिया।अहलावत ने लोगों को वित्तीय और बैंकिंग सेवा पहुंचाने में विस्तार के लिए जे-ए-एम कार्यक्रम का भी जिक्र किया।न्होंने कहा कि जे-ए-एम 'जनधन', 'आधार', और 'मोबाइल फोन' को एक-दूसरे से लिंक कराने की योजना है। बायोमेट्रिक आधारित पहचान पत्र-आधार से 100 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हैं।अहलावत ने कहा कि गरीब और समाज के वंचित तबकों के लिए 30 करोड़ से ज्यादा बैंक खाते खोले गए और इसे स्मार्टफोन से जोड़ा गया।उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में इ-नेम(राष्ट्रीय कृषि बाजार डैसबोर्ड) प्रौद्योगिकी से कृषि उत्पादों को बाजार से जोड़ा गया और दूरसंवेदी प्रौद्योगिकी से फसलों की सूची, पानी की उपब्धता, एवं प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए पहले चेतावनी जारी करने की तरकीब से किसानों को फायदा हुआ।उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छोटे व्यापारियों के लिए शुरू की गई मुद्रा परियोजना, स्वच्छता के लिए स्वच्छ भारत अभियान, रोजगार बढ़ाने के लिए मेक इन इंडिया और कौशल क्षमता को बढ़ाने के लिए स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों का भी जिक्र किया।