5 Dariya News

अमरीका की जनरल इलैकट्रिक द्वारर पंजाब में गैस पावर प्लांट स्थापित करने की पेशकश

मुख्यमंत्री द्वारा 15 दिनों में विस्तृत प्रस्ताव की मंाग, जायज़ा लेने के लिए पाँच सदस्यीयता समिति गठित

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चंडीगढ़ 12-Oct-2017

पंजाब में कांग्रेस सरकार के सत्ता संभालने के बाद राज्य के वातावरण में आए साकारात्मक पक्ष से उत्साहित हो कर अमरीका आधारित बहुराष्ट्रीय कंपनी जनरल इलैकट्रिक (जी.ई) ने सूबो में 2400 मेगावाट का गैस आधारित प्लांट स्थापित करन की पेशकश की है जिस के साथ खपतकारों को सिफऱ् 4.81 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब के साथ बिजली उपलब्ध करवाई जायेगी।यह प्रस्ताव एक बड़े कॉर्पोरेट घराने ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को गुरूवार शाम एक मीटिंग दौरान की। मुख्यमंत्री ने कंपनी के सी.ई.ओ दीपेश नन्दा को एक पखवाड़े दौरान इस संबंधी व्यापक प्रस्ताव पेश करने के लिए कहा है। इसके साथ ही उन्होंने इस का जायज़ा लेने के लिए एक पाँच सदस्यीय समिति भी गठित की है।इस समिति में सी.ई.ओ इनवैस्ट पंजाब, डायरैक्टर तकनीकी पी.एस.पी.सी.एल, डायरैक्टर वित्त पी.एस.पी.सी.एल और प्रमुख सचिव वित्त का एक प्रतिनिधि शामिल किये गए हैं। एडीशनल सी.ई.ओ पंजाब इनवैस्ट पंजाब रजत अग्रवाल इसके को -कनवीनर होंगे। यह समिति प्लांट को स्थापित करने संबंधी माडल (आई.पी.पी. या ई.पी.सी) की सरकार को सिफ़ारिश करेगी। इस के इलावा यह प्लांट के लिए जगह का चयन के मुद्दे पर भी विचार केरगी। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने रोपड़ के नज़दीक एक स्थान का सुझाव दिया है जहां इस समय पर 35 साल पुराना थर्मल प्लांट है जो अपनी समय से अधिक उम्र भोग गया है।कंपनी ने राज्य में किसी भी जगह पर यह प्लांट स्थापित करने की पेशकश की है जिससे उद्योग को निर्विघ्न और सस्ती बिजली यकीनी बनाई जा सके परन्तु इसने उस क्षेत्र पर प्राथमिकता दी है जहाँ मौजूदा पाइपलाइन नैटवर्क है। उन्होंने लुधियाना और अमृतसर के लोड केद्रों में गैस पावर प्लांट स्थापित करने के लिए सरकार की हिस्सेदारी की इच्छा जताई है। उन्होंने इंडिपैंडेंट पावर प्रोसीजर (आई.पी.पी.) या इंजीनियरिंग प्रोक्युरमेंट कंस्ट्रक्शन (ई.पी.सी) माडल की पेशकश की है।

मुख्यमंत्री ने संभावना जताई है कि यह गैस प्लांट सूबा सरकार की शिवालिक की पहाडिय़ों के साथ साथ तटीय क्षेत्र को भी औद्योगिक जोन के तौर पर विकसित करने की योजना को प्रोत्साहन देगा। उन्होंने लुधियाना और अमृतसर के लोड सेंटरों में गैस आधारित पावर प्लांट विकसित करने की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए भी समिति को कहा है जिससे इन शहरों के उद्योग की बढ़ रही बिजली की माँग के साथ निपटे जा सके।इससे पहले श्री नन्दा के नेतृत्व में आए जी.ई के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के आगे अपने प्रस्ताव की विस्तृ्रत प्रस्तुति दी। श्री नन्दा ने मुख्यमंत्री को बताया कि भारतीय मंडी में कंपनी की प्रभावशाली असितत्व है। देश में इस की तकरीबन 150 गैस पावर प्लांटों में 275 गैस ट्रबाईनें हैं। कोयलेे आधारित रिवायती पावर प्लांटों के मुकाबले यह प्लांट प्रभावी और वातावरण पक्षीय होने पर ज़ोर देते हुए श्री नन्दा ने कहा कि यह प्लांट ज़्यादा किफ़ायती है और इस लिए 35 एकड़ से कम ज़मीन की ज़रूरत है। उन्होंने आगे बताया कि गैस आधारित पावर प्लांट को स्थापित करने के लिए 20 महीनों की ज़रूरत है जबकि थर्मल पलांट कम से कम 48 महीनों में सम्पूर्ण होता है जिस के कारण गैस आधारित प्लांट किफ़ायती है।इस मौके उपस्थित अन्यों में बिजली और सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह, मुख्य सचिव करण अवतार सिंह, मुख्य प्रमुख सचिव /मुख्यमंत्री सुरेश कुमार, प्रमुख सचिव /मुख्यमंत्री तेजवीर सिंह, प्रमुख सचिव बिजली ए. वेणूप्रसाद शामिल थे।जी.ई. के प्रतिनिधिमंडल में श्री नन्दा के अलावा सीनियर पावर प्लांट इकनोमिकस नेता अरुण उन्नी, मार्किटिंग नेता कनिका तायल, कमर्शियल नेता मृदुल पराशर, जी.ई. एसोसिएटज़ शयान रहमान और शकील रहमान शामिल थे।