5 Dariya News

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह से मीटिंग

पराली न जलाने बदले किसानों के लिए मुआवज़े की मांग, केंद्रीय मंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय के पास मुद्दा उठाने का भरोसा दिलाया

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नई दिल्ली 03-Oct-2017

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री से मिलकर धान की पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को मुआवज़ा दिए जाने की मांग की है।

पराली जलाने के चल रहे अमल के कारण वातावरण पर पड़ रहे दुषप्रभाव पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने धान की पराली न जलाने बदले किसानों को इसके प्रबंधन के लिए 100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब के साथ मुआवज़ा देने की अपनी मांग दोहराई है ताकि पराली को आग लाने के चलने को रोका जा सके। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने मीटिंग के बाद बताया कि केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह ने अपने मंत्रालय द्वारा इस संबंध में और कृषि से संबंधित अन्य मुद्दों संबंधी पंजाब को हर सहायता देने का वायदा किया। उन्होंने पानी के संरक्षण के लिए भी मुख्यमंत्री को मदद देने का भरोसा दिलाया। कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह पराली के प्रबंधन के लिए मुआवज़ा देने का पंजाब का मुद्दा केंद्रीय वित्त मंत्री के पास उठायेंगे।  कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह को बताया कि धान की पराली जलाने की समस्या की तरफ केंद्र को गंभीर ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है। इससे पहले भी यह मुद्दा उठाए जाने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से अपील की कि वह धान की पराली न जलाने वाले किसानों को राहत देने के लिए धान की खरीद के समय 100 रुपए प्रति क्विंटल बोनस मुहैया कराने के लिए भारत सरकार के संबंधित मंत्रालय को निर्देश दें। उन्होंने कहा कि यह बोनस केवल उन किसानों को ही दिया जाये जो धान की पराली को आग लगाने की जगह किसी अन्य तरीको से इस का प्रबंधन करेंगे। किसानों द्वारा पराली को आग न लगाऐ जाने को यकीनी बनाने के लिए पंजाब सरकार को केंद्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल  द्वारा आए दिशा निर्देशों का जि़क्र करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि चाहे सूबे ने इस संबंध में कई कदम उठाए हैं परंतु केंद्र सरकार द्वारा भी इस समस्या को ख़त्म करने के लिए कदम उठाए जाने की ज़रूरत है। फसलों के अवशेष के प्रबंधन के लिए कृषि मशीनरी की बिक्री पर सब्सिडी देने के इलावा सूबा सरकार द्वारा इस संबंध में किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि पराली जलाने पर रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट के द्वारा नजऱ रखी जा रही है और इससे फील्ड में जा कर भी इस की जानकारी हासिल की जा रही है परंतु इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को जुर्माना लगाना न ही ठीक है और न ही जायज। उन्होंने कहा कि सब्सिडी पर मुहैया करवाई कृषि मशीनरी का प्रयोग से भी पराली का प्रबंधन करने के लिए किसानों पर प्रति एकड़ 3000 रुपए का वित्तीय बोझ पड़ जाता है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री के तुरंत दख़ल की मांग की है।

    प्रवक्ता अनुसार मुख्यमंत्री ने अमृतसर में बनाऐ जा रहे बाग़बानी के नेशनल इंस्टीच्यूट की मौजूदा स्थिति संबंधी भी केंद्रीय मंत्री को अवगत् करवाया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि मंत्री को इस इंस्टीच्यूट का नींव-पत्थर रखने का निमंत्रण जो इस वर्ष में रखे जाने की संभावना है।