5 Dariya News

बडूंगर बेअदबी की घटनाओं की जांच करने के लिए गठित अयोग के आगे पेश होने से मना करके न्याय को पीठ दिखा रहा -कैप्टन अमरिंदर सिंह

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चंडीगढ़ 01-Oct-2017

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान कृपाल सिंह बडूंगर पर सूबे में धार्मिक बेअदबी के मामलों की जांच करे रहे जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन के आगे पेश होने से ना करके न्याय की प्रक्रिया में रुकावट डालने का दोष लगाया है।आज यहां जारी एक बयान में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सूबे में शांति और संप्रदायिक सदभावना के हित में बनाऐ कमीशन के आगे पेश होने की जगह बडूंगर जांच में सहयोग देने से मना कर रहा है जिस कारण उनके बेअदबी के संबंध में पर्दा डालने के घृणित और अनैतिक इरादे नंगे हो गए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि फरीदकोट जिले की बरगाड़ी घटना सहित बेअदबी की विभिन्न घटनाओं की जांच करने के लिए यह निष्पक्ष कमीशन स्थापित करने का फ़ैसला किया था जिसका उद्देश्य सूबे की सांप्रदायिक गांठाों  को क्षति पहुंचाने के जि़म्मेवार लोगों को कानून के कटघरे में खड़ा करना है। उन्होंने कहा एस.जी.पी.सी. को नाकारत्मक पहुंच अपनाने की जगह इसका स्वागत करना चाहिए। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल  की तरफ़ से भ्रमित बयान जारी करने के लिए धार्मिक संस्था की तीखी आलोचना की जो शायद सभी पर्दाफाश होने के डर से जांच को भटकाने के लिये प्रयास कर रहें है।मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कमीशन की कार्यवाही में सरकार की दख़ल-अदाज़ी के हक में नहीं हैं परंतु वह हर कीमत पर सूबे में शांति बनाए रखने के लिए वचनबद्ध हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख अधिकारों और कल्याण की सुरक्षा के लिए यह धार्मिक संस्था जि़म्मेदार है और एस.जी.पी.सी. को बेअदबी की विभिन्न घटनाओं के विरुद्ध आवाज़ उठानी चाहिए। वास्तव में बहुत सी घटनाएं गुरूद्वारों में घटीं हैं जिनका प्रबंध और कंट्रोल इसके अधीन है जिस करके इसको इसके विरुद्ध आवाज़ उठानी चाहिए थी।मुख्यमंत्री ने कहा कि सारा समय चुप रहने के बाद और अब कमीशन के साथ सहयोग करने से मना करके एस.जी.पी.सी. यह प्रगट कर रही है कि इसको सूबे की धार्मिक सदभावना और एकसुरता की रखवाली के लिए कोई रूचि नहीं है। उन्होंनें कहा कि न्याय को पीठ दिखाना सूबे के लोगों को उन संबंधी जानने के अधिकार से रोकना है जो इन घिनौनी घटनाओं के प्रति जि़म्मेवार हैं।एक सदस्यीय जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन का गठन कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सूबा सरकार की तरफ से अप्रैल में किया गया था जिसका उद्देश्य पंजाब में घटित बेअदबी की घटनाओं की जांच करना है। नयी सरकार ने गत् बादल सरकार की तरफ से बनाऐ ज़ोरा सिंह कमीशन की रिपोर्ट विस्तृत होने के कारण रद्द करके यह नया कमीशन बनाने का फ़ैसला किया था।कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने बरगाड़ी घटना समेत बेअदबी की घटित विभिन्न घटनाओं को गंभीरता से लिया था और बहिबल कलां में गोलीबारी की घटना भी हुई थी। यह घटनाएं जून 2015 से मार्च 2017 के बीच हुई थीं। बेअदबी की कुल 121 घटनाएं घटी थे जिन•ें में से 30 श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अंग फाडऩे, 56 गुटका साहिब फाडऩे, 8 गुरुद्वारों की पवित्रता को क्षति पहुंचाने, 22 भागवत गीता की बेअदबी करने और 5 कुरान की बेअदबी करने की घटनाएं शामिल थी।