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पंजाब में '108' ऐंबुलैंसों पर मुख्यमंत्री की तस्वीर नहीं लगेगी -कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा जरूरी आदेश जारी

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चंडीगढ़ 25-Sep-2017

सूबे में से वी.वी.आई.पी. संस्कृति को खत्म करने के लिए एक ओर कदम उठाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने '108' एंबुलेंस पर मुख्यमंत्री की फोटो न लगाने को यकीनी  बनाने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने के आदेश जारी किये हैं। एंबुलेंस पर यह तस्वीर बादल के शासन दौरान भारी विवाद का विषय बनी थी क्योंकि इस तस्वीर के साथ सूबे के खजाने को  बड़ा नुक्सान हुआ है।प्रकाश सिंह बादल की तस्वीर ऐंबूलैंसों पर लगाने से कई साल सूबे के खजाने को भारी कीमत चुकानी पड़ी और इस सम्बन्ध में 2013 में उस समय केंद्र सरकार के साथ  विवाद भी पैदा हुआ जब केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर सूबे को 3.5 करोड़ रुपए की केंद्रीय ग्रांट रोकने की धमकी दी थी।इस मुद्दे पर दो साल पहले भी उस समय पर बहुत बड़ा विवाद हुआ था  जब कम्पटरोलर एंड ऑडीटर जनरल (कैग) ने राष्ट्रीय देहाती स्वास्थ्य मिशन (एन.आर.एच.एम.) के अधीन आने वाली ग्रांट को बेअर्थ जाने के लिए रगड़े लगाऐ थे क्योंकि उस समय पर सूबा  सरकार ने एमरजैंसी ऐंबूलैंसों के बादल की तस्वीर हटाने से न कर दी थी।साल 2015 की रिपोर्ट में कैग ने कहा है कि पंजाब ने साल 2012 से तीन वित्तीय सालों के दौरान ऐंबूलैंसों के मामले  पर 23.8 करोड़ रुपए की केंद्रीय ग्रांट गवां दी है क्योंकि यह एन.आर.एच.एम. के निर्धारित एक समान संहिता में चलने से असफल रही थी।

सोमवार को सम्बन्धित अधिकारियों को जारी निर्देशों में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नया नोटिफिकेशन जारी करने के लिए कहा ताकि भविष्य में इतना ऐंबूलैंसों पर मुख्यमंत्री की तस्वीर  न लगने को यकीनी बनाया जा सके। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के तौर पर प्रभार संभालने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह की तस्वीर इन ऐंबूलैंसों पर नहीं लगाई थी।एक सरकारी प्रवक्ता ने  बताया कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया बिना किसी देरी से शुरू की जाये और ऐंबूलैंसों के सम्बन्ध में एन.आर.एच.एम. के नियमों पर पूरी तरह चला जाये।कैप्टन अमरिंदर सिंह  सरकार द्वारा सूबे में से वी.वी.आई.पी. संस्कृति खत्म करने के लिए 108 एंबुलेंस से मुख्यमंत्री की तस्वीर हटाना पहले ही शुरू की अनेकों पहलकदमियां का एक हिस्सा है। इसके इलावा  वी.वी.आई.पी. गाड़ीयों से लाल बत्तीयां भी हटाई गई हैं। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से जल्दी बाद ही अपने मैनीफैस्टो अनुसार वी.वी.आई.पी. संस्कृति खत्म करने के लिए किये गए वायदे  को पूरा करने के लिए प्रयास शुरू कर दिये थे। इसके इलावा नींव -पत्थरों और उद्घाटन के साथ सम्बन्धित मंत्रियों, विधायकों आदि के नाम वाली प्लेटें लाने पर भी रोक लगाई है।