5 Dariya News

गिल कमीशन द्वारा दूसरी अंतरिम रिपोर्ट पंजाब के मुख्यमंत्री को पेश

राजनीतिक बदलाखोरी से संबंधित 47 झूठे मामलों की पहचान

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चंडीगढ़ 19-Sep-2017

जस्टिस (सेवा निवृत) मेहताब सिंह गिल जांच कमीशन ने मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपनी दूसरी अंतरिम रिपोर्ट पेश कर दी है जिसमें उन्होंने 47 मामलों में राजनीतिक बदलाखोरी की पहचान की है और इनको झूठे बताया है।आयोग ने इन मामलों में से 37 में एफ.आई.आरज़. रद्द करने की सिफारिश की है जबकि चार अन्य  मामलों में दोषियों को मुआवज़ा देने का सुझाव दिया है जिनको अदालतों ने बरी किया हुआ है। दूसरे छह मामलों में कमीशन ने अदालतों में चालान न पेश करने वालों विरुद्ध कार्यवाही की सिफारिश की।आज यहां एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यह रिपोर्ट विस्तृत समीक्षा और आगामी कार्यवाही के लिए गृह सचिव को भेज दी है।इस कमीशन का गठन कमीशन आफ इनकुआइरी एक्ट 1952 के अधीन 5 अप्रैल 2017 को कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा किया गया था। 23 अगस्त तक इसको कुल 4200 मामले /शिकायतें प्राप्त हुए जिनमें से 172 संबंधी कमीशन ने अपनी पहली अंतरिम रिपोर्ट पेश की थी। इस कमीशन को बादल के शासन दौरान कथित तौर पर झूठे केस /एफ.आई.आरज़ दर्ज करने संबंधी जांच करने का कार्य सौंपा गया था।पूर्व जि़ला और सैशन जज बी.एस. मेहंदीरत्ता इस कमीशन के मैंबर हैं और इस द्वारा पिछले 10 वर्षो दौरान पंजाब में कथित झूठे मामलों में लोगों को फसांने की जांच करने का काम दिया गया था और इसको जांच के बाद सरकार के पास रिपोर्ट जमा कराने के लिए कहा गया था। भविष्य में इस तरह की घटनाएं न घटने को यकीनी बनाने के लिए सरकार को कदम उठाए जाने के लिए कमीशन को सिफारशें करने का काम भी सौंपा गया था। 

शुरू में इसकी अवधि छह महीने रखी गई थी और अगर ज़रूरत पड़ी तो सरकार की तरफ से इसकी अवधि में बढ़ौतरी किये जाने की भी व्यवस्था है।दूसरी अंतरिम रिपोर्ट संबंधी विस्तार में जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि 47 झूठे मामलों में से सूची तीन में शिकायतें स्वीकृत करके कमीशन ने सिफारशें की हैं। इन मामलों में सी.आर.पी.सी. की धारा 173 अधीन अंतिम रिपोर्ट पेश नहीं की गई जिसके कारण  दोषियों को अदालतों आदि ने बरी कर दिया।इस सूची में लड़ी नं. 1-37 में कमीशन ने गृह और न्यायिक विभाग को यह सिफारिश की है कि वह एफ.आई.आरज़ रद्द करवाने के लिए कानूनी और उचित ढंग के साथ अदालतों को विनती करें। उचित अदालतों से आदेश प्राप्त करने के बाद इनको रद्द कराने संबंधी सिफारिश की जाये।लड़ी नं. 38-41 के संबंध में यह सिफारिश की गई है कि अदालतों द्वारा बरी किये गए दोषियों को मुआवज़े का भुगतान किया जाये और इस भुगतान की राशि जांच आधिकारियों (आई.ओ) से प्राप्त की जाये। इस के साथ ही सूचक /विशेष पुलिस आधिकारियों पर जेरे दफ़ा 82 आई.पी.सी. के अंतर्गत्त  कार्यवाही की जाये।  42-47 मामलों में यह सिफारिश की गई है कि अदालतों में दोषीआवेदकों विरुद्ध चालान न पेश करने वालों विरुद्ध कार्यवाही की जाये।गिल की तरफ से मुख्यमंत्री को पेश की गई सूची दो, दूसरी अंतरिम रिपोर्ट का हिस्सा है जो 59 शिकायतों के साथ संबंधित है। यह कमीशन की तरफ से रद्द कर दीं गई हैं क्योंकि यह उचित नहीं पाई गई। 

कमीशन उन शिकायतों की तह तक नहीं गया जिनमें चालान पहले ही पेश किया जा चुका है और यह अदालत में लंबित पड़ीं हुई हैं। कमीशन ने दूसरे चरण दौरान कुल 106 का जायज़ा लिया।यह कमीशन स्थापित करने का फ़ैसला कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की पहली मंत्रीमंडल की मीटिंग दौरान लिया गया था। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने चुनाव मुहिम दौरान पंजाब के लोगों के साथ वायदा किया था कि उनकी सरकार सभी झूठे मामलों की जांच करावेयगी और बेगुनाह लोगों को न्याय मुहैया करायेगी । उन्होंने यह भी वायदा किया था कि झूठे मामलों में बेगुनाह लोगों को उलझाने वाले दोषियों विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी।कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनाव मुहिम दौरान प्रभावित व्यक्तियों से बहुत सी शिकायतें मिलीं थीं और उन्होंने इस मामले को कांग्रेस के चुनाव मैनीफैस्टो में भी शामिल किया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह को झूठे मामलों की बहुत सी शिकायतें प्राप्त हुई थीं जो शिरोमणी अकाली दल के लोगों ने पुलिस कर्मचारियों की सहायता के साथ अपने राजनैतिक विरोधियों विरुद्ध दर्ज करवाई थी।