5 Dariya News

पंजाब की कांग्रेस सरकार के 6 महीने:भाजपा की रिपोर्ट कार्ड में कैप्टन के 8 मंत्री फेल

पहले दो दिनों में एक और अब एक दिन में दो किसान कर रहे हैं आत्महत्या, 180 दिनों में 237 किसानों ने की आत्महत्या

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चंडीगढ़ 16-Sep-2017

पूर्ण कर्जा माफी, एक माह में नशे का खात्मा, घर-घर नौकरी और जब तक नौकरी न मिले तब तक 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता, स्मार्टफोन, बुजुर्गों को 1500 रुपए पेंशन इन चार प्रमुख वायदों के माध्यम से किसानों, युवाओं, बुजुर्गों, गरीबों व आम समाज को अपने पक्ष में खड़ा कर चुनाव जीतने वाली पंजाब की कांग्रेस सरकार 6 महीने पूरे होने पर भी अपने किसी भी वायदे पर खरा नहीं उतरी। इन 180 दिनों के राज में किसान, खेत मजदूर, युवा, दलित, शहरी, ग्रामीण, महिला, बुजुर्ग सभी अपने आपको ठगा-ठगा सा महसूस कर रहे हैं। यह कहना है कि भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल व प्रदेश सचिव विनीत जोशी का, जो पंजाब की कैप्टन सरकार के 6 माह की रिपोर्ट कार्ड जारी कर रहे थे।सही मायने में कैप्टन के 6 माह धोखे के, विश्वासघात के, उम्मीद तोडऩे, सपनों को चूर-चूर करने के रहे। इन 180 दिनों में कैप्टन अमरिंदर, उनके मंत्री व कांग्रेसी नेताओं ने अगर कुछ किया है तो वह है, पंजाब को लूटने का, अपने विरोधियों को पीटने का, राजनीतिक बदलाखोरी का, दलितों पर अत्याचार का, गैंगवार का, लूटपाट का, बिजली कटों का, धरने प्रदर्शन, रोड जाम का, महिलाओं पर अत्याचार का, बेअदबी का, सिंचाई विभाग की गलती से हजारों एकड़ खेतों में बाढ़ का, संसदीय मर्यादाओं को तार-तार करने का, शहीदों के अपमान का, वी.आई.पी. कल्चर बढ़ाने का तथा प्राइवेट स्कूलों द्वारा लूट का रहा है। यह पहली बार है कि आत्महत्या करने वाला मुख्यमंत्री या पंजाब सरकार को दोषी ठहराता हो।किसानों की हालत पर टिप्पणी करते हुए जोशी ने कहा कि किसान कैप्टन से बुरी तरह निराश हो चुका है कि कैप्टन राज के पहले माह में जहां दो दिनों में एक किसान आत्महत्या कर रहा था तथा अब 6 माह गुजरने पर एक दिन में दो किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कैप्टन सरकार के 180 दिनों में 237 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। तहसील अजनाला के गांव तेड़ाकलां के किसान मेजर सिंह ने अपने सुसाइड नोट में कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराकर सब स्पष्ट कर दिया है। शर्मसार करने वाली बात यह है कि खुदकुशी कर चुके किसानों के परिवारों को अब मुआवजे के लिए धरना मारना पड़ रहा है। पंजाबी पहले ही कांग्रेस की वायदा खिलाफी की मार को झेल रहे है और अब सरकार के मंत्रियों द्वारा विभागीय कार्यों में रूचि न लेना पंजाबवासियों पर कहर बन बरपा है।  

6 माह में कैप्टन का हर मंत्री फेल

वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल - फेल क्योंकि पंजाब सरकार के खाते फ्रिज हुए, जी.एस.टी. पूरे देश में लागू हुआ है तो सिर्फ पंजाब सरकार ने ही वेतन लेट क्यों किया, बजट प्रावधान के बावजूदकिसानों के कर्ज माफी के लिए बैंकों को अभी तक एक भी पैसा नहीं दिया और युवाओं को स्मार्टफोन नहीं दिया, सरकार बनते ही अकाली-भाजपा सरकार शुरू किए गए विकास कार्यों को बीच में रूकवाकर पैसा वापिस मंगवा लिया और दोबारा एक भी पैसा नहीं भेजा। 

सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत - फेल क्योंकि 1500 किलोमीटर की ड्रेन को बरसात आने से पहले साफ नहीं करवा पाए तथा बारिश आने के बाद बाढ़ आई, जिसमें कई हजार एकड़ खेत पानी में डूब गए। उनका रेत के प्रति प्यार खेतों को ले डूबा। 

शिक्षा मंत्री अरूणा चौधरी - फेल क्योंकि 6 माह बीत गए हैं और अभी तक सरकारी सकूलों में न तो किताबें पहुंची हैं तथा ना ही स्कूली ड्रैस। टीचर न होने के कारण से मां-बाप स्कूलों पर ताले जड़ रहे हैं, मिड-डे-मील विभागीय गलतियों के कारण कभी भी बंद हो सकती है। इनकी विधानसभा में दो ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जिनके पास सरकारी इमारत नहीं है, वह मंदिरों में चलते हैं, इतना ही नहीं इनके गृह जिले गुरदासपुर में 25 स्कूल बिना सरकारी इमारतों के हैं, जिसको अपने जिले व विधानसभा हलके की बदहाली नहीं दिखती वह पूरे पंजाब का क्या भला करेगी।

समाजिक सुरक्षा मंत्री साधू सिंह धर्मसोत - फेल क्योंकि केन्द्र द्वारा प्रायोजित पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप के पैसे बच्चों को नहीं मिल पा रही है। चुनावी वायदे अनुसार न तो अब बेघर दलितों को घर दिए, न ही प्रत्येक दलित परिवार में एक सदस्य को रोजगार मिला, ना ही शगुन योजना की राशि 51000 रुपए की, ना ही गरीब एस.सी. का 50000 रुपए तक का कर्ज माफ हुआ, ना ही 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त की, समय-सीमा के भीतर रिक्त सरकारी पदों को भरने कवायद शुरू की।   

टेक्नीकल एजूकेशन मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी - फेल क्योंकि घर-घर नौकरी वायदा पूरा करने के नाम पर प्राइवेट कालेजों द्वारा 15 वर्षों से चलाए जा रहे रोजगार मेलों पर अपना बोर्ड लगाकर वायदा पूरा करने की असफल कोशिश की। यह रोजगार मेले भी फेल क्योंकि इनमें एम.ए., बी.टैक, इंजीनियङ्क्षरग विद्यार्धियों को पीयून, लेबर व गार्ड बनाकर उनको 6000 रुपए वाली नौकरी के आफर मिले।  

संसदीय मामले बारे मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा - फेल क्योंकि पंजाब विधानसभा के इतिहास में संसदीय परम्पराओं को तार-तार करते हुए विपक्षीय विधायकों को बोलने से रोकने के लिए उन्हें उठाकर विधानसभा से बाहर फैंका गया तथा इसी प्रक्रिया में पंथक मर्यादाओं की धज्जियां उड़ाते हुए विधायकों की पगडिय़ां उछली, दस्तारें खुली तथा महिलाएं विधायकों की चुन्नियां उतरी। 

ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री तृप्त राजिन्द्र सिंह बाजवा - फेल क्योंकि चुनावी घोषणा पत्र में पंचायती राज संस्थाओं को और शक्तिशाली करने का वायदा किया, पर हकीकत में पंचायती राज एक्ट में संशोधन कर पंचों-सरपंचों को बर्खास्त करने का अधिकार डायरेक्टर पंचायत अफसर से लेकर जिले के डी.सी. को सौंपने जा रही हैं, इससे किसान की अपने गांव की अपनी चुनी हुई पंचायत जिला अधिकारियों के रहमो-कर्मों पर निर्भर हो जाएगी। 

समाजिक सुरक्षा मंत्री रजिया सुल्तान - फेल क्योंकि अपने चुनावी वायदे अनुसार बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यांग की पेंशन 1500 रुपए प्रतिमाह करना तो दूर अकाली-भाजपा सरकार के समय में लगभग 19 लाख लाभपात्रियों को दी जा रही 500 रुपए प्रतिमाह पेंशन भी नहीं दे रहे हैं। पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप के पैसे बच्चों को नहीं मिल पा रही है। 

तीन प्रमुख चुनावी वायदों का आंकलन:

किसानों का पूर्ण कर्जा माफ -- नहीं हुआ 

पूर्ण कर्जा माफी के वायदे से मुकरते हुए कैप्टन 19 जून की शाम को विधानसभा में अधूरी कर्जा माफी की घोषणा की, फिर वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने वार्षिक बजट में नामात्र 1500 करोड़ रुपए रखे और अब तक बैंकों को सरकार ने लिखित रूप में कुछ नहीं भेजा। जब तक सरकार बैंकों को लिखकर नहीं भेजेगी या पैसा नहीं देगी, तब तक ऋण खत्म नहीं होगा, फिर विधानसभा में इस घोषणा का क्या अर्थ।   

एक माह में नशा खत्म -- नहीं हुआ 

पंजाब में नशा सरेआम बिक रहा है यह हम नहीं कह रहे कि बल्कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के अपने ही विधायक सुरजीत सिंह धीमान बोल रहे हैं और जो कि स्पष्ट तौर पर कांग्रेसी नेताओं व पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का नाम ले रहे हैं। इतना ही नहीं तरनतारन का एक नशा तस्कर दो कांग्रेसी विधायकों की सहायता से नशे का व्यापार कर रहा है और यह उसकी चार मिनट की आडियो रिकॉर्डिंग से स्पष्ट हो गया है। तरनतारन के खेमकरण में कांग्रेसी नेता की जमीन पर अफीम की खेती का जगजाहिर हो चुकी है। 

घर-घर नौकरी, स्मार्टफोन -- नहीं मिला 

घर-घर नौकरी के नाम पर प्राइवेट कालेजों कई वर्षों से चल रहे रोजगार मेलों पर अपना बोर्ड लगाकर वायदा पूरा करने की असफल कोशिश की। बजट में प्रावधान करने बावजूद स्मार्ट फोन नहीं दिया। 2500 रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ते से सरकार अब मुकरती दिख रही है।