5 Dariya News

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा वर्ष के अंत तक पंजाब को खुले में शौच से मुक्त करवाने का केंद्र को भरोसा

ठोस और तरल कूड़ा-कर्कट के निपटारे को प्राथमिकता दी जायेगी

5 Dariya News

चण्डीगढ़ 16-Aug-2017

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस वर्ष के अंत तक पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों को खुलेआम पखाने से मुक्त करवाने के लिए अपनी वचनबद्धता दोहराई है। इसके बाद सूबे में ठोस और तरल अवशेष के निपटारे पर जोर दिया जायेगा।एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने यह भरोसा भारत सरकार के जल सप्लाई और सेनिटेशन के मंत्रालय के सचिव परमेशवरन अययर को दिलाया।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब को खुलेआम पखाने से मुक्त सूबा ऐलाने जाने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस और तरल अवशेष के प्रबंधों को उच्च प्राथमिकता दिए जाने की भी अपनी सरकार की तरफ से सचिव को भरोसा दिलाया।सेनिटेशन से लेकर देहाती जलापूर्ति तक के विभिन्न मुद्दों बारे मुख्य मंत्री के साथ बातचीत करते हुए परमेशवरन अइयर ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और देहाती जलापूर्ति स्कीमों को लागू करने संबंधी भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को लागू करने के लिए सूबे को हर सहायता देने का वायदा किया और उन्होंने इस संबंध में सूबे की कारगुजारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि दूसरे सूबों को भी पंजाब जैसा माडल अपनाना चाहिए विशेषकर देहाती जल स्पलाई स्कीमेें लागू करने के सम्बन्ध में।

जल सप्लाई और सेनिटेशन के सचिव जसप्रीत तलवाड़ ने मुख्यमंत्री को बताया कि विभाग की तरफ से 125 गाँवों में पहले ही 24 घंटे जल सप्लाई मुहैया करवाई जा रही है जबकि 1171 गांवों को 10 घंटे स्पलाई मुहैया करवाई जा रही है। 10 लाख घरों को निजी जल कनैक्शन मुहैया करवाए गए हैं। उनहोंने यह भी बताया कि श्री अइयर ऐसे एक गाँव में गए थे। उन्होंने मोहाली जिले के बल्याली गांव में जा कर 24 घंटे जल सप्लाई मुहैया करवाने और गांव को खुलेआम पखाने से मुक्त करवाने सम्बन्धित स्कीमों को सफलतापूर्वक ढंग के साथ लागू करन संबंधी सूचना प्राप्त की थी। उन्होंने जिला प्रशासन, गांव पंचायत और जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग की तरफ से किये गए कार्य की प्रशंसा की थी जिससे देहाती विकास ने एक नयी ऊँचाई छूई है।इस से पहले श्री अइयर ने सूबेे के सभी डिप्टी कमीशनरों के साथ एक वीडियो कान्फ्रेंस करके पंजाब में स्वच्छ और स्वच्छ पंजाब मिशन का जायजा लिया था। डिप्टी कमीशनरों ने 31 दिसंबर, 2017 तक सभी गाँवों को खुलेआम पखाने से मुक्त करवाने के लिए सभी कोशिशों करने का वायदा किया। आज की तारीख तक 22 जिलों में से 10 जिलों के 6238 गाँव खुलेआम पखाने से मुक्त करवा दिए हैं।

डिप्टी कमीशनरों ने श्री अइयर को यह भी बताया कि बहुमत लाभपात्रीयों बाथ -कम -टायलट अपना रहे हैं। विचार विमर्श  में दखल देते हुए भारत सरकार के जल सप्लाई और सेनिटेशन सचिव ने बताया कि क्वालिटी  कौंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से तीसरी पक्ष का सर्वे किया गया है। सर्वे रिपोर्ट अनुसार पंजाब में बनाऐ गए कुल पखानों में से 98 प्रतिशत पखाने इच्छुक मकसदों के लिए इस्तेमाल किये जा रहे हैं।सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि कुल 33 लाख घरों में से 84 प्रतिशत ने पहले ही अपने घरों में पखानों  का निर्माण कर लिया है जिस से यह प्रकट होता है कि पंजाब इस साल के आखिर तक सूबे को खुलेआम पखाने से मुक्त करवाने के अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा है।इस मौके उपस्थित अन्यों में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, सचिव जल सप्लाई और सेनिटेशन जसप्रीत तलवाड़ और डायरैक्टर जल सप्लाई व सेनिटेशन अश्वनी शर्मा शामिल थे।