5 Dariya News

बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर, नदियां उफान पर

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पटना 15-Aug-2017

बिहार के सीमांचल में स्थित 12 से ज्यादा जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा है। इधर, राज्य की प्रमुख नदियां मंगलवार को भी विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य के विभिन्न जिलों के करीब 65.40 लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में है। पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में अभी कोई विषेश कमी नहीं हुई है। मंगलवार को भी राज्य की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता अजय कुमार ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि सुबह आठ बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 2़ 15 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था, जो 10 बजे 2़ 08 लाख क्यूसेक हो गया। वाल्मीकि नगर बैराज में गंडक का जलस्तर सुबह 10 बजे 2.06 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि कोसी में जलस्तर बढ़ने की आशंका है। कुमार ने बताया कि बागमती नदी डूबाधार, सोनाखान, चंदौली, ढेंग और बेनीबाद में, जबकि कमला बलान नदी झंझारपुर और जानकीबियर क्षेत्र में खतरे के निशान को पार कर गई है। महानंदा नदी कटिहार के झाबा में खतरे के निशान से उपर बह रही है, जबकि ललबकिया नदी गोआबारी में लाल निशान के ऊपर है। 

राज्य के अररिया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी में स्थिति गंभीर है। किशनगंज और अररिया जिले की स्थिति सबसे बदतर बताई जा रही है। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक राज्यभर के 84 प्रखंडों के 65.37 लाख की आबादी बाढ़ प्रभावित है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 254 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें 45 हजार से ज्यादा बाढ़ पीड़ित शरण लिए हुए हैं। बाढ़ की चपेट में आने से अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है। अपुष्ट खबर के मुताबिक बाढ़ की चपेट में आने से 60 से ज्यादा लोग असमय काल की गाल में समा गए हैं। विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को दावा किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य युद्घस्तर पर चलाए जा रहे हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि बाढ़ का पानी नए इलाकों में भी फैल रहा है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ ) की 22 और एसडीआरएफ की 15 टीमों के अतिरिक्त सेना के 300 जवान लगाए गए हैं। इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित जिले के जिलाधिकारियों को ऊंचे स्थान का चयन कर सामुदायिक किचन चलाने का निर्देश दिया है। ऐसे में लोग यहां खाना खाकर सुरक्षित स्थान पर ठहर सकेंगे।