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बिहार : चांदी के 108 कलशों में भरे पंचगव्य से होगा नंदलाल का अभिषेक

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पटना 14-Aug-2017

बिहार में इस वर्ष दो दिन यानी सोमवार और मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बाजारों से मंदिरों, सामाजिक और अध्यात्मिक संगठनों तक की तैयारी अंतिम चरण में है। बिहार की राजधानी पटना में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन पालने में झूल रहे लड्ड गोपाल का चांदी के 108 कलशों से अभिषेक करने की तैयारी है। वहीं कान्हा को झुलाने के लिए बाजारों में विभिन्न तरह के पालने सजे हैं। कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बाजारों में रौनक है तथा श्रद्घालु नन्हें गोपाल के लिए जम कर खरीदारी कर रहे हैं। पटना स्थित अंर्तराष्ट्रीय श्रीकृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) मंदिर में इस वर्ष मंगलवार को कृष्णाष्टमी मनाई जाएगी, जिसके लिए खास तैयारी की जा रही है। इस मौके पर पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में कार्यक्रम आयोजित किया गया है। गोपाल के जन्मोत्सव के बाद महाप्रसादम का आयोजन किया जाएगा। इस्कॉन के प्रवक्ता नंद गोपाल दास ने आईएएनएस को बताया कि इस वर्ष कृष्ण जन्मोत्सव पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम का प्रारंभ मंगलवार रात आठ बजे से हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस्कॉन मंदिर द्वारा श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। भगवान के आगमन से पूर्व भजन, श्री कृष्ण लीला का आयोजन होगा। 

चांदी के 108 कलशों में भरे पंचगव्य से भगवान का अभिषेक किया जाएगा। इस मौके पर आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम ब्रजरत्न वंदना प्रस्तुत की जाएगी। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्घालु यहां पहुंचेंगे। इसके अलावा कान्हा का झूला और दरबार फूलों से सजाया जा रहा है। जन्माष्टमी पर श्री श्री श्याम मंडल की ओर से 31 घंटे का कार्यक्रम दादी जी मंदिर में आयोजित किया गया है। सोमवार शाम अखंड ज्योति प्रज्‍जवलित की जाएगी, इसके बाद आरती और फिर भजनों का कार्यक्रम होगा। श्री श्याम मंडल के अध्यक्ष चांद बिहारी अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों से आए कलाकार भजन प्रस्तुत करेंगे, जबकि मंगलवार को प्रात: कोलकाता से आए सुमित शर्मा द्वारा सुंदरकांड का पाठ किया जाएगा। वृंदावन से पधारे कुंज बिहारी जी भजन और नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगे।इसके बाद कोलकाता से आए सुमित शर्मा एंड पार्टी नृत्य नाटिका, माखन मटकी फोड़ की भावमय प्रस्तुति देंगे। रात्रि 12 बजे श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। बुधवार को भंडारे का आयोजन किया जाएगा। 

पटना के राम-जानकी चौराहा स्थित राधा-कृष्ण, पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर और जगन्नाथ मंदिर में भी जन्मोत्सव की पूरी तैयारी कर ली गई है। मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है तथा झांकियों की तैयारी अंतिम चरण में है। इधर मंदिरों के साथ-साथ बाजारों में भी कृष्णाष्टमी को लेकर बिक्री तेज हुई है। बाजारों में कान्हा के छोटे-छोटे वस्त्र, झूले और गहने खास हैं। गोटा लगे डिजाइनर वस्त्र, गद्दी, तकिया, बांसुरी, मोर पंख, मुकुट, पलना, पलंग समेत अन्य सामग्री से बाजार सजे दिखे। कान्हा के लिए साटन और वेल्वेट के रंग-बिरंगे छोटे-छोटे कपड़े और कान्हा के लिए बने गहने ग्राहकों को खासा लुभा रहे हैं। नन्हे कान्हा को झूले पर झुलाने की चाहत में श्रद्घालु जमकर झूले की खरीददारी कर रहे हैं। बाजार में लकड़ी, धातु और चांदी के झूले उपलब्ध हैं। परंपरा के मुताबिक, कृष्णाष्टमी भाद्रपद की अष्टमी तिथि के दिन मनाई जाती है। इस दिन श्रद्घालु रात-दिन उपवास रखकर आधी रात को भगवान श्रीकृष्ण, यशोदा, और वासुदेव की पूजा करते हैं।