5 Dariya News

पंजाब सरकार ने खेहरा द्वारा नारंग आयोग के अधिकारियों विरूद्ध लगाए आरोपों को रद्द किया

विरोधी पक्ष के नेता पर झूठे बयान दे कर राजसी रोटियां सेकने का लगाया आरोप

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चंडीगढ़ 12-Aug-2017

पंजाब सरकार ने विधान सभा में विरोधी पक्ष के नेता द्वारा जस्टिस नारंग आयोग की तरफ से रेत की खदानों की नीलामी बारे दी रिपोर्ट में घपले के लगाऐ दोषों को आधारहीण बताते प्रारंभ से ही रद्द कर दिया है। पंजाब सरकार के प्रवक्ता द्वारा आज यहाँ जारी प्रैस बयान में कहा गया कि विरोधी पक्ष के नेता की तरफ से राजसी रोटियो सेकने के लिए झूठे दोष वाले बयान जारी किये जा रहे हैं।  प्रवक्ता ने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी के सुखपाल सिंह खेहरा द्वारा लगाए जा रहे आरोप सबूतों से हट कर हैं जिन में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि कमीशन के मौजूदा दफतर के अवतार सिंह संधू की लॉ अफसर के तौर पर तैनाती पंजाब लगा आफिसर्ज एंगजमैंट एक्ट -2017 के अंतर्गत सभी शर्ते पूरी करते हुए कानून अनुसार हुई है। प्रवक्ता ने खेहरा के इस बयान को शुरू से ही रद्द कर दिया जिस में कहा गया था कि श्री संधू की एडीशनल एडवोकेट जनरल के तौर पर नियुक्ति यह सिद्ध करती है कि मुख्यमंत्री द्वारा यह कमीशन कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह को क्लीन चिट देने के लिए स्थापित किया गया था। 

उन्होने आगे कहा कि संधू की लॅा अफसर के तौर पर नियुक्ति पंजाब लॅा आफिसर्ज ऐंगजमैंट एक्ट -2017 के अंतर्गत बनी अलग चयन समिति की तरफ से गई है जिस में हाई कोर्ट के पूर्व जज को भी शामिल किया गया था।प्रवक्ता ने आगे बताया कि जांच आयोग एक तथ्य ढूँढने वाली संस्था थी और सरकार के अधिकारी को आयोग के समक्ष सभी तथ्य रखने थे जैसे कि सरकार के रिकार्ड से हवाला दिया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि खेहरा की तरफ से दिए सुझाव अनुसार यह सवाल कहाँ आता है कि संधू द्वारा जांच में किसी ढंग से हेराफेरी की गई है।प्रवक्ता ने कहा कि जस्टिस जे.एस. नारंग जिनको नीलामी के सभी पहलूयों की जांच करने और अनियमितताओं की पहचान करने का काम सौंपा गया था, की बहुत बड़ी भरोसे योग्यता है और किसी व्यक्ति की तरफ से राजसी रोटियाँ सेकने के लिए ऐसे शक्स की छवि खराब करने के लिए झूठे दोष लगाना शर्मनाक बात है।