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विजिलैंस द्वारा लोक निर्माण के एस.ई. और ठेकेदार विरुद्ध मुकदमा दर्ज

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चण्डीगढ़ 09-Aug-2017

पंजाब विजिलैंस ब्यूरो ने गुरदासपुर जिले में अप्परबारी दुआब नहर (यू.बी.डी.सी) पर पुल के निर्माण दौरान हुए घुटाले का पर्दाफाश करते पी.डबलयू.डी. विभाग के तीन सीनियर आधिकारियों सहित निर्माण ठेकेदार विरूद्ध अपराधिक मुकदमा दर्ज किया है। इस मामलें में प्रस्तावितशुदा पुल के निर्माण का अनुमानित एक चौथाई काम होने पर ही इन दोषी अफसरों ने ठेकेदार को लगभग पूरी रकम अदा कर दी।आज यहाँ यह जानकारी देते हुए श्री बी.के. उप्पल, ए.डी.जी.पी -कम -चीफ डायरैक्टर विजिलैंस ब्यूरो पंजाब ने बताया कि राज्य सरकार ने 15 जुलाई 2015 को ई -टैंडरिंग के द्वारा 1,669,69,699 रुपए की लागत के साथ गाँव बब्बेहाली, गुरदासपुर के समीप यू.बी.डी.सी पर पुल के निर्माण का काम मैसर्जं. बालाजी बिलडरज़ बटाला के मालिक संजीव गुप्ता को छह महीना में पूरा करने के लिए अलाट किया था। इस काम के लिए गुरदासपुर में तैनात ऐक्सियन सुखदेव सिंह, जो अब मुकेरियाँ में तैनात हैं, के इलावा एस.डी.ओ. हरजिन्दर सिंह और जे.ई. कमलजीत सिंह की तरफ से पहली माप पुस्तक (एम.बी) 2410 /291 के आधार पर 56,47,814 रुपए की अदायगी निर्माण उक्त निर्माण फर्म को कर दी गई। विजिलैंस द्वारा की गई जांच दौरान यह पाया गया कि सम्बन्धित अधिकारियों ने ठेकेदार की तरफ से किये गए असली काम की अपेक्षा कुल 7,50,805 रुपए की अधिक रकम की अदायगी मिलीभुगत के साथ की।

उन्होने ने बताया कि इस के बाद पठानकोट में तैनात परमिन्दर सिंह टिवाना एस.ई. ने इस काम की निगरानी बटाला के ऐक्सियन के पास तबदील कर दी थी, जहाँ वह स्वयं डिवीजन का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहा था। यह भी जांच दौरान पाया गया था कि जे.यी कमलजीत सिंह, जो कि एस.ई. टिवाना अधीन काम करता था, ने एक ओर एम. बी. (2489 /340) बना कर उक्त निर्माण फर्म को 1,07,10,948 रुपए जारी करवा दिए।श्री उप्पल ने बताया कि उक्त आधिकारियों ने बालाजी बिलडरज को कुल 1,63,58,789 रुपए का भुगतान किया जबकि इस कंपनी की तरफ से सिर्फ 48,97,036 रुपए की लागत का काम ही किया गया था और सारा निर्माण कार्य अभी अधूरा है। विजिलैंस ब्यूरो की तकनीकी टीम द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि इन अफसरों /कर्मचारियों ने आपसी और ठेकेदार की मिलीभुगत के साथ सरकारी खजाने को 1,14,61,753 रुपए का वित्तीय नुक्सान पहुँचाया और अपने ओहदों का दुरुपयोग करते निर्माण फर्म और अपने आप को लाभ पहुँचाया है।

श्री बी.के. उप्पल ने बताया कि इस मुद्दे पर सार्वजनिक शिकायतों के बाद एस.ई टिवाना और जे.ई. कमलजीत सिंह ने एक ओर एम.बी. नंबर 2454 /335 तैयार की जिस अनुसार गुरदासपुर में एक मैरीटोरियस स्कूल के निर्माण करने के लिए उक्त अदा की रकम (1,07,10,948 रुपए) जितने बिल तैयार किये, क्योंकि इतनी रकम पहले ही अधूरे पुल के निर्माण के लिए उक्त ठेकेदार को जारी की जा चुकी थी। जिक्रयोग्य है कि इस स्कूल के निर्माण का काम भी इसी ठेकेदार की तरफ से किया जा रहा था। विजिलैंस टीम ने यह भी पाया है कि उक्त फंड सिर्फ बब्बेहाली पुल के निर्माण के लिए जारी हुए थे न कि इस स्कूल के निर्माण के लिए जो इन आधिकारियों को शक के घेरे में लाता है।इस मामलो में विजिलैंस ब्यूरो ने उक्त दोषी आधिकारियों विरूद्ध थाना विजिलैंस ब्यूरो अमृतसर में धारा 420, 467, 468, 471, 120 -बी आई.पी.सी. और 13(1) डी, 13(2) पी.सी.एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करके आगामी जांच आरंभ दी है।