मंत्रीमंडल द्वारा शहरी क्षेत्रों में पानी और सीवरेज के अनअधिकारित कुनैक्शनों को नियमत करने और पानी और सीवरेज के बिलों की वसूली के लिए एक मुश्त निपटारा स्कीम को स्वीकृति
हाउस टैक्स और जायदाद करों के लंबित पड़े बकाये की वसूली के लिए भी एक मुश्त व्यवस्था को स्वीकृति
5 Dariya News
चंडीगढ़ 04-Aug-2017
पंजाब मंत्रीमंडल ने शहरी क्षेत्रों में लोगों को बड़ी राहत देते हुये पानी एवं सीवरेज के अनअधिकारित कुनैक्शनों को नियमित करने, पानी और सीवरेज के बकाये की वसूली के लिए एकमुश्त निपटारा स्कीम को स्वीकृति दे दी है। यह स्कीम हाउस टैक्स और जायदाद कर के लंबित पड़े बकाए के निपटारो के लिए भी लागू होगी। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि स्थानीय निकाय विभाग द्वारा आज इस संबंधी रखे प्रस्ताव को मुख्य मंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग दौरान स्वीकृति दे दी गई है। प्रवक्ता ने बताया कि इस एक मुश्त निपटारा स्कीम नीचे डिफालटरें को इस नीति संबंन्धित नोटिफिकेशन जारी होने की तारीख़ से 3 महीने तक का समय दिया जायेगा, जिस दौरान वह 10 प्रतिशत रियायत के साथ अपने बकाए की अदायगी कर सकेंगे। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि आगामी 3 महीने के भीतर डिफालटर आम ब्याज दरों पर भी अपने बकाए की रकम जमा करवा सकते हैं। किसी भी डिफालटर द्वारा यदि इस एकमुश्त व्यवस्था का नोटिफिकेशन जारी होने के 6 महीनो के भीतर अपने बकाए का निपटारा न किया गया तो उसके विरुद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही आरंभ की जायेगी जिस के अंतर्गत उसका कनैक्शन काटा जायेगा और बकाए की वसूली जुर्माने और ब्याज समेत की जायेगी। इसी तरह विभाग द्वारा रियायती जुर्माने और दरों के साथ पानी और सीवरेज के अनअधिकारित कुनैकशनें को नियमित करने के लिए भी एकमुश्त निपटारा स्कीम शुरू की गई है।
प्रवक्ता ने कहा कि एक अनुमान के अंतर्गत सूबे के नगर निगमों वाले सभी शहरों में पानी और सीवरेज के 15 से 20 प्रतिशत कनैक्शन गैरकानूनी हैं। इस के इलावा हाउस टैकस और जायदाद कर के बकाए के मामले में भी अदायगी के लिए एकमुश्त निपटारा नीति लागू करने को भी मंत्रीमंडल ने सहमति दे दी है। इसके अंतर्गत भी डिफालटरों को नोटिफिकेशन जारी होने की तारीख़ से 3 महीनो के समय अंदर अपने बकाए 10 प्रतिशत रियायत के साथ जमा करवाने की छूट दी गई है। इस के इलावा अगले 3 महीनो के समय अंदर डिफालटर अपने बकाए आम ब्याज दरों के साथ जमा करवा सकेंगे। प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि यदि डिफालटर इस योजना के अंतर्गत अपने बकाए की अदायगी नहीं करता तो कानून की धारओं अनुसार उसकी जायदाद को सील करने और जायदाद को बेचने की कार्यवाही की जा सकेगी। प्रवक्ता ने बताया कि 30 जून 2017 तक हाउस टैकस और जायदाद कर का कुल बकाया 306.84 करोड़ है। शहरी स्थानीय संस्थानों को इसी कारण सालाना 110 करोड़ रुपए का अंदाजऩ नुक्सान हो रहा है जिस कारण विभाग ने इस संबंध में लेवी कर का भी प्रस्ताव लाया है। एक अन्य फ़ैसले के अंतर्गत मंत्रीमंडल द्वारा पंजाब वैस्टिंग ऑफ प्रोपार्टी रायटस स्कीम 2016 के अंतर्गत आवेदन देने की समय सीमा बढ़ा दी गई है। इसके अंतर्गत लोगों को 6 महीनो का और समय दिया गया है। यह योजना 14 मार्च, 2017 को बंद हो गई थी परंतु इसके प्रचार की कमी और विधान सभा मतदान के कारण बड़ी संख्या में लोग इसका लाभ लेने से वंचित रह गए थे।