5 Dariya News

मंत्रीमंडल द्वारा ''पंजाब राज्य कृषि शिक्षा कौंसिल और ''पंजाब राज्य किसान और मज़दूर कमीशन एक्ट 2017 को सहमति

जलवायू चुनौती फंड और डायरैक्टोरेट ऑफ ग्राउंड वाटर मैनेजमेंट बनाने का फैसला

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चंडीगढ़ 04-Aug-2017

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने सूबे में कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ''पंजाब राज्य कृषि शिक्षा कौंसिल की स्थापना करने के इलावा किसानी भाईचारे के हितों की रक्षा करने के लिए ''पंजाब राज्य किसान कमीशन एक्ट, 2017 बनाने का फ़ैसला किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाले मंत्रीमंडल द्वारा शुक्रवार को लिए कुछ महत्वपूर्ण फ़ैसलों में उपरोक्त फ़ैसला शामिल था। मीटिंग के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रस्तावित कौंसिल की स्थापना के लिए एक आर्डीनैंस लाया जायेगा जिसका नाम ''पंजाब स्टेट कौंसिल फॉर एग्रीकल्चरल एजुकेशन आर्डीनैंस 2017 होगा। इसका उद्देश्य सूबे कें विभिन्न कालेजों और संस्थानों में कृषि शिक्षा संबंधी तालमेल करने और इसको बढ़ावा देना होगा। इसको सूबे में उच्च कृषि शिक्षा के दिशा निर्देश और नियम बनाने का काम सौंपा जायेगा जिसके द्वारा कालेजों /संस्थानों /विभागों को मान्यता दी जायेगी। यह कृषि में ऐजुकेशनल डिग्री प्रोग्राम चलाने के लिए निर्धारित नियमों और मापदंडों पर खरा उतरने चाहिएं। मान्यता दिए जाने के बाद मान्यता प्राप्त कालेजों /संस्थानों /विभाग शिक्षा की निर्धारित प्रणाली पर चलना होगा जिनमें इनको चलाने के लिए बुनियादी ढांचा (क्लास रूम, लैबोट्रियां, साजो-समान संस्थाई फार्म आदि), एडमिशन का ढंग विधि, स्टॉफ की भर्ती, पाठ्यक्रम, इम्तिहान का पैटर्न आदि पर चलना होगा। समय -समय कौंसिल द्वारा दिए गए निर्देशों पर भी इनको चलना होगा।किसानों को कानूनी अधिकार देने के उद्देश्य से एक अन्य महत्वपूर्ण फ़ैसला लेते हुए मंत्री मंडल ने आर्डीनैंस के द्वारा ''पंजाब राज्य किसान और खेत मज़दूर कमीशन एक्ट, 2017 बनाने को सहमति दे दी है। नामज़द चेअरपर्सन, सदस्य सचिव, कृषि यूनिवर्सिटी के वी.सी., गडवासू के वी.सी. और अतिरिक्त  मुख्य सचिव (विकास)/एफ.सी.डी. के  साथ पांच सदस्यीय कमीशन को कृषि नीति तैयार करने और सरकार द्वारा आगे भेजी जाने वाली अन्य सामग्री को तैयार करने की शक्तियां दीं जाएंगी। 

इस कमीशन का कॉप्र्स फंड शुरू में 25 करोड़ रुपए होगा और सूबा सरकार द्वारा अगले पांच सालों के लिए पांच करोड़ रुपए की अनुदान दी जायेगी। इसको अपनी रिपोर्ट पंजाब विधान सभा में लाजि़मी तौर पर रखनी होगी। कमीशन का चेअरपर्सन कैबिनेट मंत्री के रुतबे वाला होगा और इस का सदस्य सचिव सरकार के सचिव रंैक के बराबर का अधिकारी होगा।राज्य में पराली और नाड़ को जलाऩे की बड़ी समस्या के साथ निपटने के लिए एक पहलकदमी करते हुए मंत्री मंडल ने 'जलवायु चुनौती फंड पैदा करने को सहमति दे दी है। यह फंड पराली और नाड़ को जलाने के ख़तरनाक प्रभावों संबंधी किसानों में जागरूकता पैदा करने के लिए मदद देगा। मंत्रीमंडल पराली और नाड़ी के साथ निपटने के लिए स्थायी हल अपनाने वाले किसानों को रियायत देने के लिए एक करोड़ रुपए का फंड पैदा करने के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति देने के लिए भी सहमत हो गया है। मंत्रीमंडल ने सिंचाई और बिजली विभाग के सिंचाई विंग अधीन 'डायरैक्टोरेट ऑफ ग्राउंड वाटर मैनेजमेंट बनाने का भी फ़ैसला किया है ताकि इसकी सेवाएं राज्य में भू-जल के साधनों की संभाल, प्रयोग और प्रबंधन के लिए प्राप्त की जा सकें। सिंचाई विभाग का मौजूदा जल स्रोत प्रबंधन नये डायरैक्टोरेट में मिला दिया जायेगा। गौरतलब है कि राज्य को दरियाई  पानियों की सीमित बाँट के कारण सिंचाई की 73 प्रतिशत ज़रूरतें भू-जल के साथ पूरी की जातीं हैं जो कि तेज़ी के साथ नीचे जा रहा है। इसलिए भू-जल संसाधनों के प्रभावी प्रबंध की बहुत ज़्यादा ज़रूरत है और इस डायरैक्टोरेट के पैदा होने से राज्य को इस समस्या के साथ वैज्ञानिक तरीको साथ निपटने में मदद मिलेगी।