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पूर्ण कर्जा माफी’ हेतु सी.एम.हाऊस का घेराव करने जाते किसानों पर पुलिस ने बार-बार की पानी की बौछारें

‘पूर्ण कर्जा माफी’ हेतु कैप्टन का घर घेरने पहुंचे किसान, कैप्टन की वायदाखिलाफी के खिलाफ भाजपा किसान मोर्चा ने किया सी.एम. हाऊस की तरफ मार्च, पुलिस ने बार-बार पानी की बौछारें कर रोका

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चंडीगढ़ 04-Aug-2017

मुख्यमंत्री निवास का घेराव  करने की नीयत से कैप्टन अमरिंदर ङ्क्षसह के निवास की तरफ बढ़ते किसानों के रोष मार्च को चंडीगढ़ पुलिस द्वारा बार-बार की जा रही पानी की बौछारें भी नहीं रोक पा रही थी। किसान मोर्चा भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में पंजाब भर से एकत्रित किसान नारे लगाकर कैप्टन अमरिंदर से अपना पूर्ण कर्जा माफी का वायदा पूरा करने की मांग कर रहे थे। पंजाब भाजपा के उपाध्यक्ष हरजीत ङ्क्षसह ग्रेवाल, प्रदेश सचिव विनीत जोशी, किसान मोर्चा के अध्यक्ष व पूर्व विधायक सुखपाल सिंह नन्नू, किसान मोर्चा के महामंत्री कुलदीप भंगेवाला व भगता के नेतृत्व में किसानों ने मुख्यमंत्री निवास की तरफ कूच कर रहे थे।सुखपाल ङ्क्षसह नन्नू ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को याद करवाया कि उन्होंने अपने चुनावी वायदे अनुसार पहली कैबिनेट मीटिंग में किसानों का पूर्ण कर्जा माफ नहीं किया, यह वह वायदा था जो उन्होंने गुटका साहिब को हाथ में लेकर किसानों के साथ किया था। कैप्टन ने तीन माह बाद विधानसभा में 19 जून को पूर्णकर्जा माफी से मुकरते हुए पहले तो अधूरी कर्जा माफी की घोषणा की, फिर वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने वाषक बजट में नामात्र 1500 करोड़ रुपए रखे और अब तक बैंकों को सरकार ने लिखित रूप में कुछ नहीं भेजा। जब तब सरकार बैंकों को लिखकर नहीं भेजेगी या पैसा नहीं देगी, तब तक ऋण खत्म नहीं होगा, फिर विधानसभा में इस घोषणा का क्या अर्थ। अब बैंकों ने डिफाल्टर किसानों को नोटिस देने के साथ-साथ उनकी तस्वीरें भी नोटिस बोर्ड पर लगानी शुरू कर दी हैं। और तो और एक किसान ने अपने सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार कैप्टन अमरिंदर सिंह को ठहराया है।

ग्रेवाल व जोशी ने कहा कि रेत और खेत में उलझी कैप्टन सरकार के 135 दिन के राज में 162 किसान आत्महत्या कर चुके हैं तथा सबसे दुख की बात यह है कि कैप्टन की अधूरी कर्जा माफी के बाद अब तक 82 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण कैप्टन पूर्ण कर्ज माफी नहीं कर पा रहे हैं, पर यह समझ नहीं आ रहा कि जिन चुनावी वायदों में ज्यादा वित्तीय भार नहीं पड़ता, वह क्यों नहीं पूरे किए जा रहे। जैसे कि प्राकृति आपदा का मुआवजा 20 हजार रुपए प्रति एकड़, आत्महत्या करने वाले किसान के परिवार को 10 लाख मुआवजा तथा उस घर में एक नौकरी देने, सबसिडी किसानों के खातों में डालना, प्राइसिस स्टेबेलाइस फंड बनाना तथा हर किसान को पांच लाख तक लाइफ व हेल्थ इंश्योरेंस देने के अपने वायदे को भी पूरा नहीं किया। शायद सरकार की नीयत खराब है इसलिए किसानों से किए वायदे पूरे नहीं हो रहे। बदनीयत तो इससे भी झलकती है कि कैप्टन सरकार पंचायती राज एक्ट में संशोधन कर पंचों-सरपंचों को बर्खास्त करने का अधिकार डायरेक्टर पंचायत अफसर से लेकर जिले के डी.सी. को सौंपने जा रही हैं, इससे किसान की अपने गांव की अपनी चुनी हुई पंचायत जिला अधिकारियों के रहमो-कर्मों पर निर्भर हो जाएगी और किसान बुरी तरह से टूट जाएगा। किसान मोर्चा भाजपा ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि पूर्ण कर्जा माफी का ऐलान तुरंत करे, नहीं तो पंजाब को किसानों का शमशान बनने से कोई नहीं रोक सकता तथा भाजपा यह किसी भी हालत में होने नहीं देगी। वहीं नन्नू ने घोषणा की किसानों का यह आंदोलन पूर्ण कर्जा माफी तक जारी रहेगा।