5 Dariya News

केबल टीवी उद्योग में प्रत्येक को एक समान मौका देने के लिए वचनबद्ध : नवजोत सिंह सिद्धू

'पारदर्शिता यकीनी बनाना सब से अहम काम, नामी वकील विनीत भक्त ने तथ्यों के साथ किया फास्टवे के गोरखधंदे का खुलासा

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चंडीगढ़ 02-Aug-2017

''पंजाब सरकार केबल टीवी उद्योग के क्षेत्र में प्रत्येक को एक समान मौका देने के लिए वचनबद्ध है और इस क्षेत्र में अजारेदारी बर्दाश्त नहीं की जायेगी।यह बात स्थानीय निकाय संबंधी मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू ने आज यहां पंजाब भवन में प्रैस कान्फ्रेंस दौरान कही। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की तरफ से किये गए भ्रष्टाचार की गाथा बहुत लम्बी है जिस को उस के सही अंत तक लेजाया जायेगा।स. सिद्धू ने आगे कहा कि हर क्षेत्र में पारदर्शिता यकीनी बनाना उन के लिए सब से अधिक अहमीयत रखता है और वह इस बात के लिए वचनबद्ध है कि बीते समय दौरान केबल टीवी उद्योग के क्षेत्र में हुई बेनियमियों को लोगों के सामने उजागर किया जाये।इस मौके सुप्रीम कोर्ट के नामी वकील श्री विनीत भक्त जो कि केबल टीवी उद्योग में अजारेदारी कायम कर चुकी बड़ी कंपनियों खि़लाफ़ छोटे केबल आपरेटरों केस लड़ते रहे हैं, ने तथ्यों सहित खुलासे करते कहा कि 1995 में प्रति टीवी मनोरंजन कर पंजाब में 50 रुपए था परंतु बीती सरकार ने फास्टवे को टैक्स के घेरे में से बाहर रखने के लिए टैक्स के प्रावधानों में संशोधन किया और केबल टीवी नेटवर्कों के मालिकों के लिए प्रति वर्ष केवल 15000 रुपए टैक्स निर्धारित कर दिया जो कि वह भी पूरा नहीं वसूला गया। 

सरकार को हुये राजस्व के नुकसान संबंधी रौशनी डालते हुए श्री भगत ने कहा कि साल 2012 के कंपीटीशन कमीशन आफ इंडिया की रिपोर्ट अनुसार यदि फास्टवे के 40 लाख कुनैकशनों को ध्यान में लिया जाये तो यह नुकसान 1440 करोड़  रुपये बैठता है जो कि जाना तो सरकारी खजाने में चाहिए था परन्तु यह कुछ निजी व्यक्तियों की तरफ से हड़प लिया गया। यह आंकड़े वर्ष 2010 से 2016 तक के अनुमानित हैं। उनहोंने यह भी कहा कि यह तो अभी कुछ भी नहीं है क्योंकि गहराई के साथ जाँच पड़ताल करने पर यह रकम 20,000 करोड़ रुपए तक भी पहुंच सकती है।श्री विनीत भक्त ने आगे और जानकारी देते बताया कि डी.टी.एच. क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए डी.टी.एच. सेवाओं पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाया गया। इतना ही नहीं बल्कि 15 हज़ार का निगुना सा टैकस वसूलना बनता था वह भी नहीं वसूला गया क्योंकि फास्टवे पंजाब में और केबल टीवी नैटवर्क आपरेटरें खि़लाफ़ झूठे मामले दर्ज करवा कर पूरे सूबे में सभी बड़े केबल टीवी नैटवर्का पर बड़ा प्रभाव बनाने में सफल हो गया था। उन्होंने और विवरण देते हुए कहा कि अमृतसर के पप्पी भुल्लर खि़लाफ़ 8 मामले दर्ज किये गए और उस के कार्यालय में तोडफ़ोड़ भी की गई परंतु ऐसा करने वालों खि़लाफ़ कोई केस दर्ज नहीं हुआ। 

इस बारे सिद्धू ने मौके पर ही पुष्टि करते कहा कि वह सारा मामला जानते हैं। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि सूबे के सभी बड़े केबल नैटवर्क हड़पने के बाद भी फास्टवे ने 15 हज़ार रुपए प्रति वर्ष का निगूना सा टैकस नहीं अदा किया और फिर भी उस खि़लाफ़ कोई कार्यवाही नहीं हुई। आज के समय 80 लाख से अधिक कनैक्शन होने के बावजूद फास्टवे ने टेलीकाम रेगुलेटरी अथॉरटी आफ इंडिया (ट्राई) को 24 लाख कुनैकशनों की ही सूचना दी है।स. सिद्धू ने और विवरण देते कहा कि जिन सूबे में मलटीसिस्टम आपरेटरों में मुकाबलेबाज़ी है वहां स्थानिक केबल आपरेटरों (एल.सी.ओ.) के पास से उतर प्रदेश में 60 रुपए, राजस्थान में 75 रुपए परंतु पंजाब में 130 रुपए वसूले जा रहे हैं। वह भी बिना किसी इकरारनामे और बिना किसी इनवायस के काटे जाने के। एल.सी.ओज़ को टैलिफ़ोन पर महीनावार खर्चों बारे सूचना दी जाती थी और फिर उनके पास बतायी रकम संचित करवाने के इलावा और कोई चारा नहीं था बचता। यह बिना किसी लिखित इकरारनामो केबल टीवी सिगनल के फिर प्रसारन के तय कानून का उल्लंघना है। इस तरह अपनी अजारेदारी का इस्तेमाल करते हुए फास्टवे प्रति वर्ष बराडकास्टरों के पास से प्लेसमेंट /कैरेज़ राजस्व के तौर पर 200 करोड़ रुपए वसूलने में सफल रहा।इस मौके विभाग के सलाहकार डा.अमर सिंह और श्री एस.एल. गोयल भी उपस्थित थे।