5 Dariya News

तिरंगे के विरुद्ध बोलने वाली महबूबा ने साबित किया उसका आका पाकिस्तान - वीरेश शांडिल्य

तिरंगे के विरुद्ध महबूबा का ब्यान राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा - वीरेश शांडिल्य

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श्रीनगर 31-Jul-2017

आवाज़-ए-हिंदुस्तान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री हिन्दू तख़्त के राष्ट्रीय प्रचारक वीरेश शांडिल्य ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती के भारतीय तिरंगे के विरुद्ध दिए ब्यान को शर्मनाक बताते हुए उन्हें पाकिस्तानी आतंकी संगठनों व पाक की आईएसआई का एजेंट बताया और कहा की महबूबा मुफ़्ती पाकिस्तान के इशारे पर देश की एकता और अखंडता को कमजोर कर रही है l शांडिल्य ने कहा की भारत के प्रधानमन्त्री को महबूबा सरकार से तुरंत समर्थन वापिस लेना चाहिए क्योंकि महबूबा ने कहा यदि जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे के साथ छेड़छाड़ की तो कश्मीर में तिरंगा उठाने वाला भी कोई नहीं मिलेगा lआवाज़-ए-हिंदुस्तान के सुप्रीमो वीरेश शांडिल्य ने कहा की महबूबा मुफ़्ती ने तिरंगे के खिलाफ बोलकर ना केवल राष्ट्रद्रोह किया बल्कि उसने भगत सिंह,राजगुरु,सुखदेव,अशफाक उल्लाँ खान,रामप्रसाद बिस्मिल,बोस,उधम सिंह,आजाद,लाला लाजपत राय,सराभा जैसे शूरवीरों की शहादत का अपमान किया जिनकी बदौलत भारत को तिरंगा मिला l उन्होंने कहा की यदि महबूबा मुफ़्ती पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज न हुआ तो वह इसके लिए आवाज़-ए-हिंदुस्तान व श्री हिन्दू तख़्त अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है l शांडिल्य ने कहा महबूबा के तिरंगे के खिलाफ दिए ब्यान के बाद यह स्पष्ट हो गया की जम्मू-कश्मीर सरकार का आका पाकिस्तान है l 

वही,शांडिल्य ने कहा की महबूबा के इस ब्यान के बाद देशवासियों को तिरंगे का अपमान करने वाली महबूबा के खिलाफ मोर्चा खोलना चाहिए क्योंकि महबूबा का ब्यान देश की एकता और अखंडता के लिए बहुत बड़ा खतरा है और जम्मू-कश्मीर में हो रही पत्थरबाजी को भी महबूबा के ब्यान के साथ जोड़कर जांच की जाए और मुख्यमंत्री महबूबा की एक साल की काल डिटेल एनआईए रिकॉर्ड पर लें इससे निश्चित तौर पर साबित होगा की महबूबा आईएसआई के इशारे पर काम करती है व उनकी सरकार का रिमोट कण्ट्रोल पाकिस्तान व हुर्रियत नेताओं के हाथ में है l शांडिल्य ने कहा की मोदी सरकार महबूबा से समर्थन वापिस लें व तुरंत जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापिस लेते हुए 370 खत्म करें व जम्मू-कश्मीर राष्ट्रपति शासन लागू हो l वही शांडिल्य ने कहा की 1989 में महबूबा की बहन रुबैय्या मुफ़्ती का अपहरण हुआ था जिसकी एवज में पाकिस्तान के आतंकवादियों को तिहाड़ जेल से रिहा किया था तब महबूबा के पिता केंद्र सरकार में गृहमंत्री थे l देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह इस बात की जाँच के पुन: आदेश दें की कही महबूबा की बहन का अपहरण मुफ़्ती परिवार व पाकिस्तान की कोई साजिश तो नहीं थी क्योंकि भारतीय तिरंगे के खिलाफ एक संवैधानिक पद पर बैठकर ब्यान देने वाला मुख्यमंत्री नहीं हो सकता वह तो सिर्फ देशद्रोही हो सकता है l उन्होंने कहा की वह इस बारे भारत के प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से मिलेंगे व उससे पहले राज्यपाल के माध्यम से पीएम व गृहमंत्री को ज्ञापन भेज मांग करेंगे की भाजपा जम्मू-कश्मीर में पीडीपी से समर्थन वापिस लें वहा राष्ट्रपति शासन लागू कर 370 खत्म करने की पहल करें l