कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा गडकरी के साथ मीटिंग
दिल्ली -अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस-वे सहित पंजाब के अलग-अलग सडक़ीय और हाईवे प्रोजेक्टों संबंधी विचार-विमर्श
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नई दिल्ली 20-Jul-2017
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरूवार को केंद्रीय ट्रांसपोर्ट और हाईवेज मंत्री नितिन गडकरी के साथ मीटिंग करके प्रस्तावित दिल्ली -अमृतसर-कटड़ा ऐक्सप्रैस वेअ और पंजाब के लंबित पड़े अलग-अलग सडक़ीय और राजमार्ग प्रोजेक्टों संबंधी विचार-विमर्श किया।दिल्ली -अमृतसर -कटड़ा हाईवे संबंधी विचार-विमर्श दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री एम.एल खट्टर और जम्मू -कश्मीर के उप मुख्य मंत्री डा. निर्मल सिंह भी उपस्थित थे। इस प्रोजेक्ट बारे विचार - विमर्श दौरान प्रोजैक्ट के लिए ज़मीन प्राप्त करने संबंधी लागत और सडक़ की सिधाई संबंधी चर्चा हुई। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि हाईवेज के लिए ज़मीन की प्राप्ति के लिए सारा भुगतान केंद्र को करना चाहिए क्योंकि सूबे की इस समय वित्तीय हालत ठीक नहीं है। मुख्य मंत्री यह सडक़ हरियाणा में दाखि़ल होने से पहले इस को वाया पठानकोट से अमृतसर- तरनतारन- मोगा - बरनाला - समाना ले जाने के हक में हैं ताकि राज्य के इन इलाकों में विकास को उत्साहित किया जा सके क्योंकि यह क्षेत्र औद्योगिक विकास के पक्ष से पीछे हैं। चाहे इस प्रस्तावित ऐक्सप्रैस हाईवे के लिए अध्ययन और विस्तृत प्रोजैक्ट रिपोर्ट तैयार करने का काम चलाने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने सलाहकार की नियुक्ति के लिए बोली माँग ली है परन्तु इसकी प्रक्रिया बहुत धीरे चल रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रस्तावित एक्सप्रेस हाईवे के निर्माण कार्य में तेज़ी लाने के लिए मंत्रालय से अपील की है।
केंद्रीय मंत्री ने ज़मीन की प्राप्ति की प्रक्रिया का अध्ययन करने और इसकी रूप रेखा की सिफारिश करने के लिए तीन सूबों और केंद्र सरकार के राजस्व सचिवों का एक ग्रुप बनाने का सुझाव दिया है। सूबों की तरफ से ज़मीन प्राप्ति का हिस्सा सहन करने की असमर्थता को स्वीकृत करते हुए गडकरी ने भरोसा दिलाया कि वह इस लागत से सूबों को बचाने के लिए कोई रास्ता निकालेंगे। उन्होंने कहा कि इसकी बजाय राज्य औद्योगिक पार्कों, अन्य ज़रूरतों वाले स्थान आदि बनाने के लिए ज़मीन मुहैया करा सकते हैं। मुख्य मंत्री ने पंजाब की अलग-अलग सडक़ों और राज मार्गों के विकास का मुद्दा भी केंद्रीय मंत्री के पास उठाया। उन्हों ने अलग -अलग लंबित पड़े प्रस्तावों और प्रोजेक्टों में तेज़ी लाने के लिए गडकरी को दख़ल देने की अपील की। इस में खन्ना-मलेरकोटला -रायकोट -जगरावां -नकोदर को नया राष्ट्रीय हाईवेय ऐलान करने के इलावा बाकी रहते चार जि़ला मुख्यालयों को चार मार्गी /छह मार्गी राष्ट्रीय मार्गों के साथ जोडऩे की स्वीकृति शामिल है। पंजाब के 22 जिलों में से 18 जिले पहले ही 4/6मार्गी राष्ट्रीय सडक़ों के साथ जुड़े होने की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि फिऱोज़पुर, मानसा, श्री मुक्तसर साहिब और फाजिल्का जिले ही अभी तक दो मार्गीय राष्ट्रीय सडक़ों के साथ जुड़े हुए हैं।
उन्होंने इन जिलों को 4/6मार्गी राष्ट्रीय सडक़ों के साथ जोडऩे की विनती करते हुए एन.एच -703 के बरनाला -मानसा सैक्शन और एन.एच -10 के डब्बवाली -मलोट -अबोहर -फाजिल्का सैक्शन को चार मार्गीय स्वीकृति देने की माँग की। यह मुद्दा नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया के पास लंबित पड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री ने इस मुद्दो के हल के लिए केंद्रीय मंत्री के समर्थन की माँग की है।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एन.एच.ए.आई से अपील की कि तलवंडी -फिऱोज़पुर और श्री मुक्तसर साहिब -मलोट को अपग्रेड करने की प्रक्रिया तेज़ करने की हिदायत की जाये। मुख्य मंत्री ने खन्ना -मलेरकोटला -रायकोट -जगरावां -नकोदर मार्ग को नया राष्ट्रीय मार्ग ऐलान करने की भी अपील की क्यों कि यह मार्ग राष्ट्रीय मार्ग-95 के द्वारा राष्ट्रीय मार्ग -71 को राष्ट्रीय मार्ग-1(अब राष्ट्रीय मार्ग -44) के साथ जोड़ता है।मुख्यमंत्री ने एक और अहम मसला उठाते बंगा -गढ़शंकर -आनंदपुर साहब -नैना देवी रोड को राष्ट्रीय राजमार्ग के तौर पर अपग्रेड करन की माँग की जिस के लिए भारत सरकार की सैद्धांतिक स्वीकृति के बावजूद अभी तक औपचारिक नोटिफिकेशन बकाया है। मुख्य मंत्री ने चार मार्गी प्रोजेक्टों का काम सूबे के लोक निर्माण विभाग (भ और म) को सौंपने की माँग की जिस के पास राष्ट्रीय मार्ग के प्रोजेक्टों के अमल के लिए काम करन के लिए समर्पित स्टाफ है।
भारत सरकार के सडक़ी यातायात और मार्ग मंत्रालय ने चाहे राष्ट्रीय मार्ग (ओ) की सालाना योजना के लिए 1049 करोड़ रुपए को स्वीकृत करने की सैद्धांतिक सहमति दी थी परन्तु पहले पड़ाव के अंतर्गत 158 करोड़ रुपए के एक प्राजैकट को हरी झंडी दी गई है। इस तरफ ध्यान दिलाते कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपील की कि बाकी 418.48 करोड़ रुपए की विस्तृत प्रोजैक्ट रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दीं हैं जिन को स्वीकृति दी जा सकती है।मुख्य मंत्री ने मंत्रालय को राष्ट्रीय मार्ग -95 के लुधियाना -तलवंडी भाई हिस्से को चार मार्गी करने के साथ संबन्धित बकाया मसले सुलझाने के लिए कहा जिस का काम मैसर्ज एसल इनफ्रास्ट्रक्चर के द्वारा एन.एच.ए.आई की तरफ से मार्च 2012 में बी.ओ.टी आधार पर शुरू किया गया था परन्तु इस का काम कई बार रुका। उन्होंने कहा कि काम पूरा ना होने के कारण लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंत्रालय को तरन तारन जिले में गाँव जौड़ा से महमूदपुर तक नहर (कसूर ब्रांच अधीन /खेमकरन रजबाहा) आसपास सडक़ की नव निर्माण के लिए बकाया प्रस्ताव को जल्दी मंज़ूर करने के लिए कहा जिस को केंद्रीय सडक़ फंड के अंतर्गत मंज़ूर किया हुआ है।मुख्य मंत्री के साथ वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल और मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार उपस्थित थे।