5 Dariya News

कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा जेटली के साथ मीटिंग - किसानों के 6000 करोड़ रुपए के बैंक कर्ज़े के निपटारे की मांग

सी.सी.एल. कर्ज़े को ख़त्म करने और लंगर एवं प्रसाद को जी.एस.टी. से छूट देने की भी अपील

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नई दिल्ली/चंडीगढ़ 20-Jul-2017

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय और निजी बैंकों से राज्य के किसानों द्वारा लिए 6000 करोड़ रुपये के कर्ज़े का एकमुश्त निपटारा करने की केंद्र सरकार के पास से मांग की है। आज यहां केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मीटिंग दौरान मुख्य मंत्री ने बताया कि इस निपटारे से मुसीबतों में घिरे राज्य के 4.5 लाख किसानों को फ़ायदा होगा। उन्होंने भारतीय रिज़र्व बैंक (आर.बी.आई.) को आवश्यक दिशा निर्देश देकर 6000 करोड़ रुपये का यह कजऱ् मियादी कर्ज़े में बदलने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री के दख़ल की मांग की। राज्य के लघु एवं मध्यम किसानो में से किसानों के माफ किये कुल कर्ज़े में से 3600 करोड़ रुपये का ऋृण सहकारी था जबकि बाकी 6000 करोड़ रुपए का कजऱ् बैंकों का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बैंकों ने किसानों को यह अनैतिक कजऱ् देकर कर्ज़े के चक्कर में फंसाया है।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य के वित्तीय बोझ घटाने के लिए 31000 करोड़ रुपये की सी.सी.एल. के साथ संबन्धित कर्ज़े के निपटारे के मुद्दे बारे भी वित्त मंत्री के साथ विचार विमर्श किया। 

मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर जेटली को एक कमेटी बनाने की विनती की। यह मुद्दा कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भी उठाया था। मुख्य मंत्री ने कहा कि 12500 करोड़ रुपए के नकद सीमा ऋृण (सी.सी.एल.) पर 18500 करोड़ रुपए का व्याज की विरासती दरार अनुचित है। इस अनुसार सूबे को अगले 20 साल तक हर साल 270 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ेगा जो कि सूबे की भलाई स्कीमों की कीमत पर करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने खरीद के मामले पर सूबे को हुए नुक्सान का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि हर साल 40,000 करोड़ रुपए की खरीद की जाती है जिसके कारण सूबे को 5500 करोड़ रुपए का नुकसान होता है जिसमें किश्तों का भुगतान और सी.सी.एल. कजऱ्े के बकाए पर ब्याज का तकरीबन 3500 करोड़ रुपये भी शामिल है। 

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उच्च ब्याज वाले एन.एस.एस.एफ. के 22110 करोड़ रुपए के ऋृण 33938 करोड़ रुपये के मंडी कर्ज़े को कम ब्याज वाले कर्ज़े में अदला-बदली करन के आगामी अदायगी के सूबे के प्रस्ताव को भी विचारने की वित्त मंत्री को विनती की। उन्होंने कहा कि यह अदला-बदली 3363 करोड़ रुपये से अधिक के ब्याज के बोझ से बचने के लिए मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारों /मंदिरों /चर्चो /मस्जिदों में लंगर और प्रसाद पर लगे जी.एस.टी. को ख़त्म करने की भी वित्त मंत्री से अपील की। मुख्य मंत्री ने धार्मिक संस्थानों में लंगर और प्रसाद की बांट पर जी.एस.टी. ख़त्म करन के लिए पहले भी वित्त मंत्री को पत्र लिखा था। वित्त मंत्री ने इन मुद्दों को हल करने के लिए पंजाब के आधिकारियों के साथ तालमेल करके सभी मुद्दों पर गौर करने के लिए विभाग के कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के साथ वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, अमृतसर से संसद सदस्य गुरजीत सिंह औजला और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।