5 Dariya News

स्वर्गीय अलामा तथा आशाई के योगदानों को याद रखा जाएगा- सईद अल्ताफ बुखारी

सरकार विरासत संरक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत मौलाना अनवर शाह कश्मीरी, गुलाम अहमद आशाई के 19वीं सदी के घरों का संरक्षण करेगी।

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श्रीनगर 19-Jul-2017

जाने माने इस्लामिक विद्ववान मौलाना अनवर शाह कश्मीरी (1875-1933) के साहित्य के योगदान को याद करते हुए स्कूली शिक्षा विभाग ने विभाग के विरासत संरक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत बहाली के माध्यम से स्वर्गीय अलामा के लगभग 150 वर्श पुराने घर के संरक्षण का निर्णय लिया है।शिक्षा विभाग ने आशाई कोचा, फतेह कदल श्रीनगर में 19वीं सदी के सरकारी गर्ल्स सकैंडरी स्कूल के संरक्षण का भी निर्णय लिया है।इस सम्बंध में शिक्षा मंत्री सईद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने आज अपने नीजि कार्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। मौलाना अनवर शाह कश्मीरी के पोता फारूक अहमद, जाने माने संरक्षण निर्माता गुरमीत राय, जावेद अहमद भटट, एनआईटी विभाग श्रीनगर  के प्रोफैसर तथा प्रमुख, आईआईटी चेन्नई के एक पीएचडी विद्यवान धंदापानी बैठक में उपस्थित थे।स्वर्गीय अलामा कश्मीरी की भूमिका पर रोशनी डालते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र तथा समाज सेवा में एक विद्ववान के रूप में उनके योगदान को लम्बे समय तक याद रखा जाएगा।मंत्री को जानकारी दी गई कि अनवराबाद-लोलाब में स्वर्गीय अलामा का लकड़ी से बना 3 मंजिला घर है। कई वर्शो से इसका प्रयोग तथा पर्याप्त रखरखाव न होने से यह क्षतिग्रस्त स्थिति में है तथा भवन को अब शीघ्र ही संरक्षण की आवश्यकता है।

आशाई कोचा फतेह कदल में दूसरे भवन से सम्बंधित शिक्षा विभाग ने प्रमुख शिक्षाविशारद, अफसरशाह तथा विद्ववान गुलाम अहमद आशाई से जुड़े भवन के संरक्षण का निर्णय लिया है।गुलाम अहमद आशाई को एक प्रसिद्ध शिक्षविशारद तथा मानव प्रेमी बताते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्वर्गीय आशाई के समाज सेवा में दिये गये योगदान को याद रखा जाएगा।उन्होंने कहा कि इन दोनों प्रसिद्ध शिक्शाविशारदों को सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में शिक्शा विभाग विरासत संरक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत दोनों भवनों का संरक्षण करेगा।निर्माताओं ने बैठक में बताया कि दोनों भवनों के संरक्षण मेंघाटी में ज्ञान एवं अध्यात्मिकता की संस्कृति में अनवर शाह कश्मीरी के योगदान की मान्यता वाले एक प्रस्तुतिकरण केन्द्र के रूप में  आपातकालीन ढांचा मजबूती, बहाली तथा अनुकूलता  को शामिल किया जाएगा।मंत्री को जानकारी दी गई कि संरक्षण कार्यक्रम को 2 परियोजनाओं के लिए बनाया गया है जिससे कार्यात्मक चिंताओं का समाधान होगा तथा कश्मीर के प्रसिद्ध विद्ववानों तथा शिक्षाविशारदों से जुड़े ऐतिहासिक घरों का संरक्षण होगा।