5 Dariya News

पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा नई औद्योगिक नीति में मौजूदा व्यापार के पुन: सृजन पर ज़ोर देने के निर्देश

औद्योगिक विकास के लिए ‘व्यापार पहले ’ की फिलासफी पर चलने और सेवाओं को बिना किसी रुकावट से संगठित करने का आह्वान

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चंडीगढ़ 18-Jul-2017

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने नई औद्योगिक नीति में मौजूदा उद्योगों को पुन: सृजन करने की महत्ता पर ज़ोर दिया है जिस में ‘व्यापार पहले ’ की फिलासफी को बढ़ावा देने के लिए ध्यान केन्द्रित किया जायेगा।नयी औद्योगिक नीति के प्रारूप संबंधी विचार-विमर्श करने के लिए एक मीटिंग को संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने सरकार में पहले ही बनी मन की धारणा में तबदीली लाने की बात करते हुए सरलीकरण पर ध्यान केन्द्रित करने पर ज़ोर दिया है। उन्होंने कहा कि उद्योग और व्यापारिक घरानों के साथ भागीदारी  जैसा व्वयहार करना चाहिए न कि उनके प्रति शक वाली पहुंच होनी चाहिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि नयी औद्योगिक नीति में मौजूदा उद्योग को पुन: सृजन करने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उद्योग और व्यापारिक घरानों ख़ासकर लघु और मध्यम उद्योग के विकास पर प्रसार के लिए हर संभव मदद दी जानी चाहिए।मुख्य मंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने मीटिंग के बाद बताया कि व्यापार के लिए सुविधा प्रदान करने के लिए बुनियादी ढांचो के विकास की ज़रूरत पर भी विचार चर्चा हुई और इस मकसद के लिए पंजाब राज्य औद्योगिक बुनियादी ढांचा निगम स्थापित करने का प्रस्ताव सामने आया।

बिजली सैक्टर का स्तर ऊंचा उठाने के इलावा नई नीति में चार औद्योगिक पार्कों और 10 औद्योगिक एस्टेटों को विकसित करने के लिए भी रूप रेखा पेश होगी और इसमें व्यापार को आसान बनाने पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा।प्रस्तावित नीति में सर्विस सैक्टर को कुंजीवत्त पहल देने की पहचान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने की सरकार ने पांच वर्शो में विकास के सात अह्म स्तंभों में पांच लाख करोड़ रुपए के कुल पूंजी निवेश का लक्श्य रखा है। इन स्तंभों में बुनियादी ढांचा, बिजली, एम.एस.एम.ई स्टार्टअप और इंटरप्रिन्योरशिप, हुनर विकास, व्यापार करने को आसान बनाना और निवेश बढ़ावा और वित्तीय रियायतें शामिल हैं। यह नीति केंद्र सरकार के लिए औद्योगिक नीति के साथ तालमेल बिठाने के लिए तैयार की जा रही है।इस नीति में इंटरप्रिन्योरियल बिजनस पर ख़ास तौर पर ज़ोर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक हज़ार स्टार्टअप के विकास के लिए सुविधा मुहैया करवाई जायेगी जिससे सूबे में आर्थिक विकास साथ साथ रोजग़ार भी पैदा हो सकें। कालेजों में 50 उद्यमी हुनर विकास केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव है जिससे नौजवानों को स्व:-रोजग़ार की तरफ उत्साहित और प्रेरित किया जा सके।प्रवक्ता अनुसार मीटिंग के दौरान आम सुविधा केंद्र और बिना किसी रुकावट से चलने वाली ऑनलाइन सेवाएं  स्थापित करने संबंधी भी विचार विमर्श किया गया। व्यापार को सुविधा मुहैया करवाने के लिए ज़रूरी अहम सेवाओं की बिना किसी रुकावट से उपलबद्धता संबंधी सवालों के भी जवाब दिए गए।

 आधिकारियों  ने सुझाव दिए कि सभी प्रकार की  विकास की ज़रूरतों के लिए एकल प्रौद्यौगिकी मंच तैयार किया जाये जिस की आम स्वरूप और पहचान हो। मीटिंग में यह भी बताया गया कि एक पोर्टल  पर दो लाख सेवाओं के साथ निपटे जा सकेगा और सेवाओं को संगठित करने का कार्य सहज ही प्राप्त किया जा सकेगा।विचार-चर्चा अनुसार  राज्य सरकार ने टैक्सटाईल  और पोशाक, साइकिल तथा साइकिल के पुजऱ्े व वाहनों का साजो-सामान, चमड़ा और खेलों का सामान, पैट्रोकैमिकल, स्टील, एन आर एस ई, सोजो-सामान, कृषि व फूड प्रोसैसिंग, इलैक्ट्रोनिक्स, बॉयो तकनॉलोली और फार्मास्युटीकल जहाज़ तथा रक्षा से जुड़े साजो-सामान का निर्माण पर केन्द्रित होने में रूचि दिखाई।सेवाओं के क्षेत्र में आई टी और आई टी ई एस, जीव विज्ञान, सैनिक योजनाबंदी, पर्यटन व मेज़बानी, मनोरंजन व फिल्म उद्योग, स्वास्थ्य संभाल तथा शिक्षा सवाओं पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।बैठक में कैबिनेट मंत्री ब्रहम महिन्द्रा, मनप्रीत बादल, राणा गुरजीत सिंह और चरनजीत सिंह चन्नी के इलावा मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, प्रमुख सचिव वित अनिरूद्ध तिवाड़ी, प्रमुख सचिव आवास व शहरी विकास विन्नी महाजन, वित्त आयुक्त्त कर अनुराग अग्रवाल, वित आयुक्त्त विकास एम पी सिंह, प्रमुख सचिव उर्जा ए.वेनू प्रसार, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा जी. वज्रालिंगम, प्रमुख सचिव स्थानीय निकाय सतीश चंद्रा, प्रमुख सचिव श्रम संजय कुमार, सचिव उद्योग व व्यापार राकेश वर्मा तथा निदेशक उद्योग डी पी एस खरबंदा उपस्थित थे।