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कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा विभिन्न धार्मिक संस्थानों में लंगर और प्रसाद पर जी.एस.टी. से छूट देने की अरुण जेटली से मांग

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चंडीगड़ 17-Jul-2017

पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विभिन्न धार्मिक संस्थानों में बरताए जाते लंगर और प्रसाद पर जी.एस.टी. से छूट देने की केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से मांग की है। मुख्य मंत्री ने सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और अन्य शखशियतों और संस्थानों की तरफ से लंगर और प्रसाद पर जी.एस.टी. ख़त्म करने की अपील के बाद जेटली को पत्र लिखा है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय वित्त मंत्री को याद दिलाया कि मुफ्त लंगर की सेवा करने के लिए गुरूद्वारों को स्पलाई की जातीं वस्तुओं पर वैट के भुगतान से छूट दी गई थी परन्तु जी.एस.टी. के अधीन इन वस्तुओं की खरीद पर टैक्स लगाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रसाद की बिक्री पर भी जी.एस.टी. भुगतान योग्य है जिस करके यह मंदिरों, गुरूद्वारों, मस्जिदों और चर्चो समेत सभी धार्मिक संस्थानों में लागू होता है। 

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि धार्मिक संस्थानों द्वारा खरीदीं जाती वस्तुओं पर जी.एस.टी. जायज नहीं है क्योंकि इन संस्थानों की आमदन का कोई भी स्रोत नहीं है और यह दान के द्वारा दी जाती राशि के साथ चलाईं जातीं हैं। उन्होंने इस मामले को फिर से विचारने और सभी धार्मिक संस्थानों को जी.एस.टी. से छूट देने के लिए केंद्रीय मंत्री से अपील की है। उन्होंने न केवल प्रसाद की खरीद और बिक्री पर बल्कि उन की तरफ से लगाऐ जाते मुफत लंगर की सेवा के लिए खरीदी जाती सभी वस्तुओं पर जी.एस.टी. से छूट देने के लिए कहा। मुख्य मंत्री ने कहा कि धार्मिक संस्थानों के प्रबंधकों की तरफ से जी.एस.टी. से छूट देने की उठायी माँग बिल्कुल जायज है और यह भारत सरकार द्वारा स्वीकृत की जानी चाहिए।