5 Dariya News

बंदरगाह अस्‍पतालों को अपग्रेड करने के सुझावों के लिए जहाजरानी मंत्रालय ने समिति बनाई

बंदरगाह अस्‍पतालों में मेडिकल कॉलेज खोलना संभव

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नई दिल्ली 14-Jul-2017

जहारानी मंत्रालय ने एक समिति गठित की है, जो इस बात का अध्‍ययन करेगी कि किस प्रकार सस्‍ती चिकित्‍सा और अर्द्ध चिकित्‍सा शिक्षा देने के साथ-साथ विश्‍वस्‍तर की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं प्रदान करने के लिए पीपीपी के अंतर्गत प्रमुख बंदरगाहों में वर्तमान स्‍वास्‍थ्‍य सेवा बुनियादी ढांचे को अपग्रेड किया जा सकता है। जहारानी और सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी को आज नई दिल्‍ली में अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए समिति ने संभावित विकल्‍पों की जानकारी दी, जिनसे पीपीपी मोड के अंतर्गत बंदरगाह अस्‍पतालों को अपग्रेड किया जा सकता है, ताकि उनकी स्‍वास्‍थ्‍य सेवा सुविधाएं बेहतर बन सकें।रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि बंदरगाह अस्‍पतालों में मेडिकल कॉलेज और पोस्‍ट ग्रेजुएट स्‍पेशलिटी पाठ्यक्रमों को शुरू करना संभव है। रिपोर्ट के अनुसार 200 से अधिक बिस्‍तरों वाले मुंबई बंदरगाह के अस्‍पतालों, कोच्चि, चेन्‍नई, विशाखापत्‍तनम, कोलकाता बंदरगाहों में विशिष्‍टता के साथ सुविधाओं को अपग्रेड करने के बारे में विचार किया जा सकता है, जिसे बाद में अन्‍य बंदरगाह अस्‍पतालों के सभी रेफरल उद्देश्‍यों के लिए एक विशिष्‍ट बंदरगाह अस्‍पताल का सुपर स्‍पेशलिटी केन्‍द्र बनाया जा सकता है। 

चेन्‍नई स्थित पोर्ट ट्रस्‍ट अस्‍पताल को हृदय से जुड़ी बीमारियों के लिए, पोर्ट ट्रस्‍ट अस्‍पताल कोच्चि को नेफ्रोलॉजी, पोर्ट ट्रस्‍ट अस्‍पताल कोलकाता को न्‍यूरोलॉजी और न्‍येरोसर्जरी तथा पोर्ट ट्रस्‍ट अस्‍पताल विशाखापत्‍तनम को गेस्‍ट्रोएन्‍टेरोलॉजी तथा सर्जरीकल गेस्‍ट्रोएन्‍टेरोलॉजी के लिए  विकसित किया जा सकता है।इस रिपोर्ट में कुछ नीतिगत बदलावों का भी संकेत दिया गया है, जो पीपीपी मोड के दायरे को बढ़ाने के उद्देश्‍य से किये जा सकते हैं।इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि यदि पीपीपी मोड के अंतर्गत बंदरगाह अस्‍पतालों को अपग्रेड किया जा सकता है और यदि इन अस्‍पतालों में मेडिकल कॉलेज और पीजी पाठयक्रम शुरू किये जा सकते हैं, तो इससे न केवल बंदरगाह और उसके आस-पास के लोगों को गुणवत्‍तापूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य सेवा मिलेगी, बल्कि स्‍थानीय युवकों के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर खुलेंगे। उन्‍होंने कहा कि इस कदम से देश में डॉक्‍टरों और पैरा मेडिकल कर्मचारियों की भारी कमी को पूरा किया जा सकेगा और बंदरगाह आर्थिक बदलाव के संचालक बनेंगे तथा स्‍थानीय क्षेत्र का समग्र विकास हो सकेगा। इससे स्‍मार्ट बंदरगाह, स्‍मार्ट शहर और स्‍मार्ट अस्‍पताल का युग शुरू होगा।इस समिति का गठन कृष्‍णा इंस्‍टटीयूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, कराड के चांसलर डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा और भारतीय चिकित्‍सा परिषद नई दिल्‍ली की अकादमिक समिति के चेयरमैन की अध्‍यक्षता में 06 मई, 2016 को किया गया था। 

गडकरी ने कहा कि राजमार्गों का उपयोग ऑप्टिक फाइबर, तेल और गैस पाइप लाइन बिछाने में किया जा सकता है सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश में पारदर्शी और कुशल शासन मुहैया कराने की कुंजी सूचना और प्रौद्योगिकी के पास है। श्री गडकरी ने एबीपी समूह और फैडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो एंड स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज द्वारा आज नई दिल्ली में आयोजित इंफोकॉम 2017 को संबोधित करते हुए यह बात कही।भारतीय इंजीनियरों और सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों द्वारा दुनियाभर में निभाई जा रही भूमिका की सराहना करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि अगर हम दुनिया भर में प्रतिस्पर्धात्मक रूप से बेहतर स्थान बनाना और उसे बरकरार रखना चाहते हैं, तो हमें अपनी परिसंपत्तियों से बेहतर लाभ प्राप्त करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पास लगभग 2 लाख किलोमीटर राजमार्ग हैं और उन्होंने समस्त राजमार्गों का उपयोग ऑप्टिक फाइबर, तेल और गैस पाइप लाइन बिछाने में करने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि इससे मंत्रालय को कुछ राजस्व मिल सकता है जिसका इस्तेमाल सड़कों के निर्माण और रखरखाव में किया जा सकता है।

सड़क परिवहन क्षेत्र का उल्लेख करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि बहुत जल्द ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के काम का पूरी तरह से कम्प्यूटरीकरण कर दिया जाएगा। ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के लिए किसी व्यक्ति की फिटनेस कम्प्यूटर कार्यक्रम के द्वारा तय की जाएगी और इसमें मानव हस्तक्षेप नहीं होगा। इससे लाइसेंस केवल योग्य चालकों को ही मिलेंगे जिससे सड़कों पर सुरक्षा में पर्याप्त वृद्धि होगी।श्री गडकरी ने कहा कि मंत्रालय ने पिछले साल ई-टोलिंग की व्यवस्था शुरू की थी जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा में यातायात की भीड़भाड़ में कमी लाने में मदद मिली है। फास्टैग वाले ट्रकों और अन्य वाहनों को टोलगेट्स पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ती। श्री गडकरी ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा वाहनों द्वारा इन फास्टैग का इस्तेमाल किए जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। जल्द ही ये टैग वाहनों के डीलरों को उपलब्ध करा दिये जायेंगे और सभी नए वाहनों पर ये टैग पहले से लगे होंगे। इस अवसर पर दूरसंचार सचिव सुश्री अरूणा सुंदरराजन ने भी अपने विचार प्रकट किए।