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सुरेश प्रभु ने भारतीय रेल गोल मेज सम्मेलन – ‘वैगन डिजाइन के नए विकल्प : ग्राहकों तक पहुंच’ का उद्घाटन किया

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नई दिल्ली 13-Jul-2017

रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने भारतीय रेल गोल मेज सम्मेलन – ‘वैगन डिजाइन के नए विकल्प : ग्राहकों तक पहुंच’ का उद्घाटन किया।इस अवसर पर रेल राज्य मंत्री और संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हा और रेल राज्य मंत्री श्री राजेन गोहिन भी विशेष रूप से उपस्थित थे। रेलवे बोर्ड के सदस्य श्री रविन्द्र गुप्ता (रोलिंग स्टॉक) और रेलवे बोर्ड के अन्य सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारी भी इस मौके पर मौजूद थे।इस अवसर पर अपने संबोधन में रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि भारतीय रेलवे माल ढुलाई खंड में अपना औसत प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है। भारतीय रेलवे की नई माल भाड़ा नीति में तर्कसंगत शुल्क हैं। भारतीय रेलवे माल ढुलाई वाले ग्राहकों के साथ साझेदारी करने की कोशिश कर रहा है। वैगनों के नए वैकल्पिक  डिजाइन इस दिशा में एक अन्य कदम है। ग्राहकों की आवश्यकता के अनुरूप नए वैगन डिजाइन करना ग्राहकों और रेलवे दोनों के लिए फायदेमंद हैं। ग्राहक अपनी आवश्यकता के अनुसार वैगनों को परिवर्तित/बदल सकते हैं और इससे रेलवे के माल ढुलाई के अंश में पर्याप्त वृद्धि हो सकती है। भारतीय रेलवे की जिंस बॉस्केट हमेशा से वैविध्यपूर्ण रही है। माल ढुलाई यातायात में वृद्धि करने के लिए हम कृषि और मत्स्य के अनछुए क्षेत्रों में प्रयास कर रहे हैं।

इस अवसर पर रेल राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा, “अर्थव्यवस्था की वृद्धि के साथ ही गैर पारंपरिक क्षेत्र में बहुत अधिक वृद्धि होने की संभावना है। भारतीय रेलवे द्वारा शुरू की गई बहुत-सी योजनाओं में समर्पित वैगनों की खरीद में उद्योग जगत द्वारा पहले ही निवेश किया जा चुका है। गैर पारंपरिक क्षेत्र में वृद्धि की दृष्टि से सबसे ज्यादा संभावनों से भरपूर क्षेत्रों में स्टील, ऑटोमोबाइल, फ्लाई-ऐश/सीमेंट और कंटेनर शामिल हैं। हम उद्योग जगत का आह्वान करते हैं कि वह रेल के माध्यम से परिष्कृत इस्पात की ढुलाई में वृद्धि करने की दिशा में अपने सामने आने वाली कठिऩाइयों के बारे में बताएं तथा नए प्रकार के वैगनों के डिजाइन और मौजूदा वैगनों के डिजाइन के लिए आवश्यक परिवर्तन/नवोन्मेष के बारे में अपनी अपेक्षाओं से हमें अवगत कराएं। हम उद्योग जगत को सामूहिक रूप से विचार-विमर्श करने और ढुलाई में त्वरित वृद्धि के लिए प्रभावी समाधान प्रस्तुत करने के लिए भी आमंत्रित करते हैं।”इस अवसर पर रेल राज्य मंत्री श्री राजेन गोहिन ने कहा कि सभी हितधारकों को एक मंच पर लाना एक अच्छी पहल है, ताकि नए वैगन डिजाइन परिवहन मॉडलों की आवश्यकता के अनुसार तलाशने के लिए सभी अपने अनुभव साझा कर सकें। इस सम्मेलन की बदौलत उपभोक्ता उद्योग जगत और रेलवे के बीच सक्रिय विचार-विमर्श हो सकेगा।

सम्मेलन के बारे में

भारतीय रेलवे लम्बे अरसे तक ज्यादातर माल ढुलाई परंपरागत खुले और ढके वैगनों के माध्यम से करता रहा है। पिछले दो दशकों से जिंसों के आधार पर वैगनों को डिजाइन और संचालित करने के प्रयास किए जाते रहे हैं। इससे अन्य क्षेत्रों के यातायात को रेलवे की ओर आकर्षित करने में मदद मिली। ज्यादातर ग्राहक अपनी परिवहन संबंधी जरूरतों के सर्वोत्तम समाधान के लिए भारतीय रेलवे का रुख कर रहे हैं। ऑटोमोबाइल-कैरियर, कंटेनर, स्टील के लिए विशेष वैगन, सीमेंट, फ्लाई ऐश, धातु की तलछट की ढुलाई के लिए वैगन आदि इसके कुछ उदाहरण हैं। मौजूदा समय में इन सभी क्षेत्रों में, भारतीय रेलवे की सीमित मौजूदगी है। इनमें से प्रत्येक श्रेणी में वैगनों के कुछ डिजाइन उपलब्ध हैं और उनका इस्तेमाल कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में किया जा रहा है। जिंस के मुताबिक वैगनों का उपयोग करते हुए उद्योग जगत को पर्याप्त अनुभव प्राप्त हुआ है।वैगन डिजाइन में बदलाव और सुधार के लिए समय-समय पर सुझाव मिलते रहे हैं। सभी हितधारकों को एक मंच पर लाना उचित समझा गया ताकि वैगन के मौजूदा डिजाइन और उससे संबंधित परिवहन मॉडलों में सुधार लाने के लिए उनके समृद्ध अनुभवों का लाभ उठाया जा सके। इस सम्मेलन का लक्ष्य ग्राहकों, वैगन मालिकों, डिजाइनरों, वैगन निर्माताओं और माल ढुलाई से संबंधित रेलवे के अधिकारियों को एक मंच पर लाना है।उम्मीद है कि इस सम्मेलन के दौरान नए और नवोन्मेषी विचार सामने आएंगे, उन पर विचार-विमर्श होगा तथा वे विचार वैगन के डिजाइन में सुधार के रूप में परिणत होंगे। इसके अलावा यह उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए वैगन डिजाइनरों और विनिर्माताओं के लिए रोड मैप भी तैयार करेगा।