पशुधन सेक्टर की समग्र अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए सेक्टर के लिए संसाधनों को बढ़ाने की आवश्यकता : राधा मोहन सिंह
राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) सहित पशुधन सेक्टर के लिए गुणवत्तापूर्ण आहार तथा चारे की उपलब्धाता में सुधार करने, जोखिम कम करने तथा विस्तार करने, कौशल विकास तथा प्रशिक्षण के लिए भी सहायता देता है : राधा मोहन सिंह
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नई दिल्ली 13-Jul-2017
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, राधा मोहन सिंह ने आज राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) की महापरिषद की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि पशुपालन, डेयरी तथा मत्स्यपालन विभाग पशुधन सेक्टर, विशेष रूप से कुकुट, बकरी, भेड़, सूकर, भारवाही पशु इत्यादि जैसी प्रजातियों के धारणीय विकास को राष्ट्रीय पशुधन मिशन कार्यान्वित कर रहा है।
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि एनएलएम गोपशु तथा भैंसों सहित पशुधन सेक्टर के लिए गुणवत्तापूर्ण आहार तथा चारे की उपलब्धता में सुधार करने, जोखिम कम करने तथा विस्तार करने, कौशल विकास तथा प्रशिक्षण के लिए भी सहायता देता है। उन्होंने कहा कि पशुधन पालक तथा किसान, विशेषरूप से महिलाएं, असंगठित हैं, क्योंकि ये गतिविधियां मुख्यत: घरेलू प्रकृति की हैं। तथापि, जुगाली करने वाले छोटे पशुओं विशिष्ट् वैज्ञानिक इस्तक्षेपों के साथ पशुधन पालकों की पौषणिक तथा आजीविका सुरक्षा में सुधार करने के अपार अवसर प्रदान करता है।श्री सिंह ने बताया कि एनएलएम की योजना रूप से मिशन-रूप में स्थापित करने का एक कारण राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों को उनकी परिस्थितियों के अनुकूल उपयुक्त हस्तक्षेप करने में आवश्यक लचीलापन प्रदान करना है।
पशुधन सेक्टर की समग्र अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए सेक्टर के लिए संसाधनों को बढ़ाने तथा उपयुक्त अभिकेंद्रण के माध्यम से गतिविधियों को एनएलएम के तंत्र के अंतर्गत क्रियाशील बनाने की आवश्यकता है, ताकि राज्यों तथा संघ राज्यों के क्षेत्रों के प्रयासों को उन गतिविधियों का ध्यान रखने के लिए सम्पूरित किया जा सके, जो अन्य चल रही योजनाओं के अंतर्गत समायोजित नहीं किए जा सकते।केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि इसके अलावा किसानों तथा पणधारियों की आवश्यकताओं को देखते हुए तथा भौगोलिक और क्षेत्रीय अपेक्षाओं को देखते हुए एनएलएम के अंतर्गत सभी घटकों को लचीला तथा माडयूलर बनाया गया है, ताकि छोटे तथा सीमांत किसान भी एनएलएम के अंतर्गत प्रस्तावित गतिविधियों के लाभ प्राप्त कर सकें। संसाधनों और सब्सिडी के वितरण को एपीएल,बीपीएल लाभार्थियों तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र, पहाड़ी, वामपंथी उग्रवाद क्षेत्रों के लाभार्थियों को ध्यान में रखते हुए न्याय संगत बनाया गया है जिससे कि अत्यधिक दयनीय स्थिति के लाभार्थी धारणीय आजीविका हेतु समान लाभ प्राप्त् कर सकें।