5 Dariya News

डोनाल्ड ट्रंप का मानना; चीन, उत्तर कोरिया ने भी अमेरिकी चुनाव में दखल दिया'

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वाशिंगटन 10-Jul-2017

व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ रींस प्राइबस ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लगता है कि देश में साल 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में रूस के अलावा, उत्तर कोरिया तथा चीन जैसे देशों ने भी दखलंदाजी की थी। 'फॉक्स न्यूज संडे' कार्यक्रम के दौरान प्राइबस से पूछा गया कि जर्मनी के हैम्बर्ग में पिछले सप्ताह हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान जब डोनाल्ड ट्रंप तथा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन का आमना-सामना हुआ और दोनों के बीच चुनाव में हुई हैकिंग का मुद्दा उठा तो क्या हुआ।प्राइबस ने कहा, "बात चाहे जो भी हो, ट्रंप का अब भी मानना है कि बीते साल हुए चुनाव में रूस ने दखलअंदाजी की थी।"रूस का कहना है कि पुतिन द्वारा किसी प्रकार की गड़बड़ी में उनके देश की भूमिका को नकारने की बात को ट्रंप ने स्वीकार कर लिया, जबकि ट्रंप के अधिकारियों ने जोर दिया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने पुतिन पर जवाब देने का दबाव डाला था।प्राइबस ने कहा, "ट्रंप ने कहा कि उसने (रूस ने) चुनाव में दखलअंदाजी की। एक और बात जो ट्रंप ने कही, और जिसने मीडिया को बेचैन कर दिया लेकिन जो पूरी तरह सच है, वह यह कि अन्य ने भी ऐसा किया। यही सच है।"

उन्होंने कहा, "चीन ने, उत्तर कोरिया ने किया और वे कई, कई वर्षो से ऐसा करते आ रहे हैं। इसलिए, हां, उनका (ट्रंप का) मानना है कि शायद रूस इन सबमे शामिल था, जिनके बारे में कहा गया है, लेकिन ट्रंप का यह भी मानना है कि इसमें अन्य देश भी शामिल थे।"ऐसा पहली बार है कि ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी ने चुनाव में दो देशों पर दखलंदाजी का औपचारिक तौर पर आरोप लगाया है, जिससे ट्रंप के उन दावों को बल मिलता है कि डिजिटल दखलंदाजी में रूस के साथ 'अन्य देश' भी शामिल थे। फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइबस ने हालांकि अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया। यह भी साफ नहीं है कि वह केवल 2016 के चुनाव के बारे में बात कर रहे थे या यह कि उनका आशय यह था कि चीन और उत्तर कोरिया का हाथ पहले के चुनावों में भी शामिल रहा है।बाद में, व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, "प्राइबस केवल हैकिंग से संबंधित मुद्दों पर बात कर रहे थे न कि चुनाव में की गई गड़बड़ियों पर। चीन और उत्तर कोरिया का अमेरिकी संस्थानों, जिनमें सरकार, उद्योग और शिक्षा क्षेत्र शामिल हैं, के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों का लंबा इतिहास रहा है।"