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छत्तीसगढ़ : बगैर बैच नंबर, एक्सपाइरी डेट बिक गई करोड़ों की वैक्सिन

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कवर्धा (छत्तीसगढ़) 09-Jul-2017

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में स्वास्थ्य विभाग ने बगैर वजन, बैच नंबर और एक्सपायरी डेट की करोड़ों रुपयों की वैक्सिन बेच दी। इसके साथ ही विभाग ने कोताही बरतते हुए दो टन की एयर कंडीशनर (एसी) भी बगैर कंपनी के नाम व मॉडल नंबर के खरीद ली। विभाग के अधिकारी मामले पर 'गणितीय पर्दा' डालने में जुटे हैं। कवर्धा के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ने कहा कि मामला क्या है, ये तो फाइल देखने के बाद ही पता चलेगा। दस्तावेजों के अनुसार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय कवर्धा द्वारा एंटी रेबीज वैक्सीन की खरीदी में सप्लायर और अधिकारी की मिलीभगत से, शासन को करोड़ों की क्षति पहुंचाए जाने की आशंका है। एंटी रेबीज वैक्सिन खरीदी के बिल में न तो दवा निर्माता कंपनी का नाम है, न बैच नंबर और न ही एक्सपायरी डेट अंकित है। एंटी रेबीज वैक्सिन की दवा खुले बाजार में 300 से 350 रुपये के आस-पास मिल जाते हैं। इसके बावजूद इसे आशा डिस्ट्रीब्यूटर से 400 रुपये में खरीदा गया है। 

दवा खरीदी भी एंटी रेबीज वैक्सिन खरीदी में हर बार एक ही मात्रा में दवा की खरीदी की गई और बिल भी एक ही राशि 99 हजार 540 रुपये का बनाया गया है। और तो और, एक ही दिन बिल बनाने के बाद भी बिल एक साथ न बनाकर अलग-अलग बनाए गए, ताकि एक लाख से कम राशि की खरीदी दिखाई जा सके।सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आ रही है कि एक ही दिन बनाए गए इन बिलों में कंप्यूटर से तो मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी अंबिकापुर लिखा गया था, जिसे काटकर हाथ से कवर्धा किया गया है, जो सारी खरीदी को संदिग्ध बनाते हैं। आशा डिस्ट्रीब्यूटर के नाम पर लगे बिल में आशा डिस्ट्रीब्यूटर फार्मास्युटिकल डिस्ट्रीब्यूटर लिखा गया है, लेकिन इस फर्म ने जिले के स्वास्थ्य विभाग को फ्रीज और एयर कंडीशनर तक की सप्लाई की है। विभाग द्वारा की गई एसी की खरीदी में भी जमकर अनियमितता बरती गई, जिसे छिपाने के लिए बिल में न तो एसी की कंपनी का नाम है और न ही मॉडल नंबर तक अंकित है। यही हाल फ्रीज की खरीदी और लगाए गए बिल में है। बाजार में मिलने वाले दो टन के एसी की कीमत लगभग 50 से 55 हजार रुपये बताई जा रही है, मगर मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी कवर्धा ने खुले बाजार से अधिक दर 78 हजार रुपये में खरीदी है। इसी तरह ब्लीचिंग पाउडर की खरीदी के बिल में भी न तो पाउडर का वजन बताया गया है, और न ही बैच नंबर और न ही एक्सपायरी डेट बताई गई है।