5 Dariya News

सीएआईटी का आग्रह, जिला स्तरीय जीएसटी समन्वय समिति बने

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नई दिल्ली 07-Jul-2017

कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने शुक्रवार को सरकार ने जिला स्तर पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) समन्वय समिति के गठन का आग्रह किया, जो इसके अनुपालन में छोटे व्यापारियों की मदद कर सके। कुल 23 राज्यों के व्यापारिक नेताओं ने इस बैठक में भाग लिया और सरकार से जिला स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों और व्यापार जगत के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए जीएसटी समन्वय समिति बनाने के लिए आग्रह किया।इस बैठक में व्यापारियों ने जीएसटी को आर्थिक लोकतंत्र की दिशा में उठाया गया पहला ठोस कदम बताया जिससे व्यापारियों को विभिन्न प्राधिकारों एवं कई करों के मकड़जाल निजात मिली है। साथ ही, व्यापार जगत के नेताओं ने जीएसटी परिषद से आग्रह किया है कि विभिन्न टैक्स स्लैबों में असमानता, विसंगतियों और विरोधाभासों को दूर किया जाए और प्रक्रियाओं को सरल और आसान बनाया जाए ताकि जीएसटी कर व्यवस्था के तहत एकजुट तरीके से स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा मिल सके। 

इस मौके पर व्यापारिक नेताओं कहा कि सरकार के सतत प्रयासों के बावजूद, विशेष रूप से छोटे शहरों में व्यापारियों के बीच जीएसटी के आधारभूत तत्वों एवं इसके अनुपालन के दायित्वों खास तौर पर करों को चार्ज करने या इनवॉइस रेज करना, रिवर्स प्रभार के आवेदन, लगाए गए टैक्स दर और तदनुरूप एचएसएन कोड के ज्ञान की कमी, कंपोजिट एवं मिक्स सप्लाई पर टैक्स की दर, ब्रांडेड और गैर ब्रांडेड के बीच भेद इत्यादि को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई और इस वजह से विशेष रूप से करों को चार्ज करने में प्रक्रियात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई बार व्यापारियों को जीएसटी पोर्टल तक पहुंचने में भी कई समस्याएं पेश आ रही हैं, साथ ही किसी विशेष फॉर्म को डाउनलोड करने में और अन्य भी विभिन्न व्यावहारिक समस्याओं का उन्हें सामना करना पड़ रहा है जिनका तुरंत समाधान निकाला जाना आवश्यक है ताकि जीएसटी कर व्यवस्था में त्वरित एवं निर्बाध संक्रमण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।

सीएआईटी ने सरकार को सुझाव दिया है कि वे केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों दोनों ही स्तरों पर व्यापार और वाणिज्य जगत के साथ मिलकर 'जीएसटी के मूल्यांकन के लिए बैठकों' का आयोजन करें और सभी जमीनी मुद्दों को समझने और उन्हें तर्कसंगत बनाने की दिशा में जरूरी प्रयास करें। इस तरह से नई प्रणाली में सभी का अधिक आत्मविश्वास जगेगा और भ्रम की स्थिति तुरंत व्यापक स्पष्टता में परिवर्तित हो जाएगी।सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतीया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, "हम छोटे शहर में जीएसटी कराधान प्रणाली में संक्रमण के लिए व्यापारियों को सब्सिडी या प्रोत्साहन दिए जाने के प्रावधानों की सिफारिश करते हैं क्योंकि उनके द्वारा प्रौद्योगिकी संचालित व्यापार प्रक्रियाओं को तेजी से अपनाया जाना आवश्यक है और इसके लिए उन्हें अपना समय और पैसा दोनों ही का निवेश करना आवश्यक है।"