5 Dariya News

विकासशील से विकसित भारत बनने में जी.एस.टी. होगी मील का पत्थर साबित : जनार्दन शर्मा

जी.एस.टी. को हकीकत तक पहुंचाने में जेटली का अहम योगदान

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चंडीगढ़ 07-Jul-2017

बहु-प्रतिक्षित गुड्स सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) के लागू होने पर भारत विकासशील से विकसित अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हो चुका है। जी.एस.टी. का पारित होना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारतीय अर्थव्यवस्था के आधुनीकरण कल्याणकारी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उपरोक्त शब्द पूर्व भाजपा प्रदेश मीडिया प्रमुख जनार्दन शर्मा ने जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में कहे। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. को भारत में लागू करने में जहां मोदी सरकार बधाई की पात्र है। वहीं इस प्रक्रिया (जी.एस.टी.) को हकीकत तक पहुंचाने में भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली के सफल प्रयास भी प्रशंसा योग्य है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हर पक्ष के साथ विचार विमर्श करते हुए, सभी नकारात्मक विषयों को सुलझाते हुए देश के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए एक इतिहासिक कर सुधार प्रणाली को वास्तविक्ता का रूप दिया है। जी.एस.टी. विधेयक का पारित होना प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) आकर्षित करने और रोजगार सृजन के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को एकिकृत करने के लंबे प्रयास में मिली इतिहासिक सफलता है। विकासशील दुनिया में सबसे गतिशील अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत में राज्य दर राज्य अलग-अलग कर संहिताए थी, जिसके कारण राज्य की सीमाओं से परे कारोबार करना अनूकूल नहीं था इसलिए वस्तु सेवा कर को सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। इस कर प्रणाली से सरकार को ऐसी समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी और अपेक्षाकृत आर्थिक एकिवृत अर्थव्यवस्था तैयार होगी, जिससे कंपनियों को ज्यादा आसानी से देश भर में विस्तार करने में मदद मिलेगी। देश की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में 2 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी। साथ ही देश में अतुलनीय आर्थिक अवसर का सृजन होगा, जिससे की घरेलू  बाजारों को स्थाई प्रोत्साहन मिलेगा। भारत जैसा विकासशील देश जो विश्व की नजरों में उभरती हुई शक्ति के रूप में सबका ध्यान केंद्रित किये हुए खड़ा है, वहीं जी.एस.टी. भारत को विकसित देशों की पंक्ति में खड़ा करने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। अर्थशास्त्रियों की माने तो यह भारत का आजादी के बाद सबसे बड़ा कर सुधार का माध्यम है, जिससे देश की टेढ़ी कर व्यवस्था पटरी पर आएगी और देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार होगा। उद्योगिक निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे कि देश में रोजगार के साधन जुटेंगे। इसके चलते बेरोजगारी और महंगाई जैसी भयानक बिमारियों से निजात मिलेगी।