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ऐतिहासिक जेकेजीएसटी विधेयक पारित, राष्ट्रपति के आदेश में विशिष्ट संवैधानिक सुरक्षा उपाय शामिल : डॉ हसीब डारबु

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श्रीनगर 07-Jul-2017

जम्मू-कश्मीर के वस्तु और सेवा कर (जेकेजीएसटी) विधेयक 2017 (2017 के ला बी बिल नंबर 6) को आज विधायिका के दोनों सदनों द्वारा ध्वनिमत के साथ पारित कर दिया गया।विधेयक को वित्त मंत्री डॉ हसीब डारबु ने अलग-अलग सत्रों के दौरान दोनों सदनों में पेश किया था।यह विधेयक में जम्मू और कश्मीर राज्य द्वारा या दोनों के साथ-साथ माल या सेवाओं के अंतर-राज्य की पूर्ति पर कर के संग्रह और कर के लिए प्रावधान है और इसके साथ जुड़े या उसके प्रासंगिक मामलों के लिए प्रावधान रखता है।विधेयक को सदन में पेश किए जाने के दौरान, वित्त मंत्री ने कानून के गारे में विस्तृत विवरण दिए और सूचित किया कि विधेयक को भारत के राश्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर राज्य संविधान की धारा -5 और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 में शामिल सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों को राष्ट्रपति के आदेश में शामिल किया गया है, जिस पर इस महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा के दौरान विधायिका में कुछ सदस्यों द्वारा आशंका व्यक्त की गई थी।राज्य विधायिका के विचार और पारित करने के लिए विधेयक को पेश करने से पूर्व, डॉ द्राबू ने राज्य की विशेष स्थिति और इसकी विशेष कराधान शक्तियों से संबंधित राष्ट्रपति के आदेश को पढ़ा। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि सदन में एक राष्ट्रपति के आदेश को सदन में रखने की कोई परंपरा नहीं है, लेकिन हम ं राष्ट्रपति के इस आदेश को सदन के पटल पर रख कर राज्य की लोकतंत्र में एक नई परंपरा शुरू कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि  राष्ट्रपति के आदेश का नियम-3 स्पष्ट रूप से बताता है कि ‘‘इस आदेश में जो कुछ भी होता है, जम्मू और कश्मीर के संविधान की धारा -5 के अनुसार जम्मू-कश्मीर राज्य की शक्तियां बरकरार रहेंगी।’’ 

डॉ द्राबू ने कहा कि ‘‘जम्मू और कश्मीर राज्य के विधानमंडल को राज्य द्वारा लगाए गए सामानों और सेवाओं के संबंध में कानून बनाने की शक्तियां होंगी।’’ राज्य की विशेष स्थिति और विशेष कराधान अधिकारों से संबंधित राष्ट्रपति के आदेश के कुछ अंशों को पढ़ते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर के संविधान की धारा 5 के माध्यम से सक्षम किसी भी कर लगाने के संबंध में जम्मू और कश्मीर राज्य की विधायिका को कानून बनाने की विशेष शक्तियां होंगी।’’ राष्ट्रपति के आदेश के अनुसार जम्मू और कश्मीर राज्य से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों पर असर डालने के किसी भी फैसले के उद्देश्य के लिए धारा 4 में धारा 11 में कुछ भी शामिल होने के बावजूद, वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) परिषद में जम्मू और कश्मीर राज्य के प्रतिनिधि की सहमति अनिवार्य होगी और अनुच्छेद 370 के तहत प्रदान की गई प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। इस लेख में जम्मू और कश्मीर के संविधान के धारा -5 के आधार पर जम्मू-कश्मीर राज्य की विधायी क्षमता किसी भी तरह प्रभावित होगी। आदश के अनुसार राज्य को विभाजित राशि भारत के समेकित निधि का हिस्सा नहीं बनायेगी। ‘‘जहां धारा (ए) के तहत लगाए गए टैक्स के रूप में एकत्रित राशि का इस्तेमाल अनुच्छेद 246 ए के तहत राज्य द्वारा लगाए गए कर के भुगतान के लिए किया गया है, ऐसी राशि भारत के समेकित निधि का हिस्सा नहीं बनती है।’’डॉ द्राबू ने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति के आदेश में संवैधानिक सुरक्षा उपायों का समावेश इस सरकार के जम्मू व कश्मीर की विशेष स्थिति की रक्षा के हमारे संकल्प को कायम करता है।’’ उन्होंने कहा ‘‘विपक्ष ने दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर की वित्तीय स्वायत्तता से समझौता किया जाएगा और भारतीय संविधान के तहत राज्य की विशेष स्थिति कम हो जाएगी। राष्ट्रपति के आदेश ने हमारे संवैधानिक, आर्थिक और प्रशासनिक शक्तियों की सुरक्षा के द्वारा जम्मू और कश्मीर विधानसभा की पवित्रता का सम्मान किया है।’’ 

निर्दलीय विधायक पवन गुप्ता के लखनपुर में टोल कर और प्रवेश कर के उन्मूलन के संबंध में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, डॉ द्राबू ने कहा कि माल पर कोई प्रवेश कर नहीं होगा, लेकिन टोल टैक्स का मुद्दा राज्य सरकार का विषय है और कुछ समय में ही राज्य मंत्रिमंडल फैसला करेगा।  वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा जीएसटी शासन में वादा किए गए वित्तीय और प्रशासनिक सुरक्षा उपाय कुछ समय में आ जाएगें।वित्त मंत्री ने भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद, अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर विधान सभा कविंदर गुप्ता, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उपमुख्यमंत्री डॉ निर्मल सिंह, राज्य मंत्रिपरिषद और सदन के सभी सदस्यों ने राज्य में इस महत्वपूर्ण कानून को लाने में उनके पूरे दिल से समर्थन और सहयोग के लिए के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया।उन्होंने मुख्य सचिव बी बी व्यास, आयुक्त/ सचिव वित्त नवीन कुमार चौधरी, विधि विभाग का भी आभार व्यक्त किया।डॉ द्राबू  ने कहा कि राज्य में जीएसटी शासन शुक्रवार की मध्यरात्रि से लाूग होगा, जम्मू व कश्मीर नए कर व्यवस्था में शामिल हो जाएगा।विशेष रूप से, यह जम्मू व कश्मीर विधानसभा के इतिहास में पहली बार है कि, संवैधानिक संशोधन पर राष्ट्रपति के आदेश की मांग करते हुए प्रस्ताव पेश किया गया, चर्चा की गई और पारित किया गया।