5 Dariya News

भारतीय विकसित राष्ट्र बनने के लिए कर भुगतान करें : अरुण जेटली

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नई दिल्ली 01-Jul-2017

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को यहां कहा कि देश के नागरिकों को आवश्यक कर भुगतान के लिए तैयार होना चाहिए और एक विकासशील राष्ट्र से विकसित राष्ट्र की तरफ बढ़ने के लिए एक नई सोच बनानी चाहिए। जेटली ने द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ट अकाउंट्स ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित चार्टर्ट अकाउंट्स दिवस को संबोधित करते हुए कहा, "विमुद्रीकरण के दौरान मैंने कहा था कि भारत को अब नई सामान्य स्थिति को परिभाषित करने की आवश्यकता है। और सामान्य स्थिति यह है कि मुझे जो भी कर भुगतान करना है, उसे मुझे भुगतान करना आवश्यक है।"जेटली ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत एक विकासशील देश से विकसित देश की तरफ आगे बढ़े।

उन्होंने कहा, "देश को आगे ले जाने के लिए इस सोच को भी एक विकसित अर्थव्यवस्था की सोच बननी चाहिए।"सरकार ने शनिवार को देशभर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू कर दिया है।जेटली ने कहा कि दशकों से यहां कर अदा करने से बचने की प्रवृत्ति रही है।उन्होंने सोने पर एक प्रतिशत कर का जिक्र किया, जिसके कारण देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था और उसे वापस लेना पड़ा था। लेकिन ऐसे ही लोगों ने सोने पर तीन प्रतिशत कर लगाने के जीएसटी परिषद के निर्णय का स्वागत किया।जेटली ने कहा कि सरकार देश चलाने के लिए हमेशा विभिन्न संस्थानों से कर्ज नहीं ले सकती। सरकार को करों के माध्यम से देश के नागरिकों से ही धन जुटाना होगा।

उन्होंने कहा, "हम इसे इसलिए नहीं कर सकते, क्योंकि हमारी व्यवस्था में कर वंचना की प्रवृत्ति बन गई है।"उन्होंने जीएसटी के बारे में कहा कि इससे आर्थिक व्यवस्था सुदृढ़ होगी और औपचारिक अर्थव्यवस्था विकसित होगी।जेटली ने मौजूदा कर आधार का जिक्र करते हुए कहा कि यह बहुत कम है। 130 करोड़ आबादी में से मात्र 78 लाख लोग अपनी आय पांच लाख रुपये से अधिक दिखाते हैं, जिनमें से 61 लाख लोग वेतनभोगी हैं।उन्होंने कहा कि तीन महत्वपूर्ण श्रेणियों -सेवा कर, मूल्यवर्धित कर और उत्पाद शुल्क- के तहत अप्रत्यक्ष कराधान में कुल 80 लाख लोग पंजीकृत हैं, जो कुल आबादी के एक प्रतिशत से कम है।

उन्होंने कहा, "यह समाज का एक प्रतिशत शीर्ष आर्थिक वर्ग है, जो कहता है कि उन्हें नहीं पता कि कंप्यूटर कैसे चलाना है और इसलिए मैं कर भुगतान करना नहीं चाहता।"जेटली ने कहा कि 80 लाख अप्रत्यक्ष करदाताओं में से जो 20 लाख रुपये प्रतिवर्ष से नीचे वाले हैं, उन्हें छूट मिली हुई है और जो 75 लाख रुपये से ऊपर हैं, उनको संयोजन मुहैया कराया गया है।उन्होंने कहा, "कृपया देश के लिए कुछ कीजिए- रक्षा और विकास के लिए। हमारी व्यवस्था ऐसी रही है कि जिसमें कर भुगतान न करना गलत नहीं रहा है। कोई भी धारा यह दावा नहीं कर सकती कि मैंने कर भुगतान नहीं किया है, इसलिए मैं भुगतान नहीं करूंगा।"उन्होंने कहा, "झुकने वाली सरकार कभी सुधार नहीं ला पाएगी। हम किसी भी सुधार को लेकर भयभीत नहीं हुए।"