5 Dariya News

एचपीओजी के अगले संस्करण में शामिल होंगे डोप टेस्ट : अनुराग ठाकुर

5 Dariya News

हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश) 28-Jun-2017

देश में पहली बार राज्य ओलम्पिक खेलों का आयोजन कराने वाले हिमाचल प्रदेश ओलम्पिक संघ (एचपीओए) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर का कहना है कि इन खेलों के अगले संस्करण में डोप टेस्ट जैसी अहम चीज को भी शामिल किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश ओलम्पिक खेलों (एचपीओजी) का आयोजन यहां 22 से 25 जून के बीच किया गया था। यह इन खेलों का पहला साल था और इसी कारण प्रतिस्पर्धा और जनभागीदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से डोप टेस्ट को शामिल नहीं किया गया था। अनुराग ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, "निश्चित तौर पर डोप टेस्ट को लेकर खिलााड़ियों में जागरूकता फैलानी चाहिए। ऐसी दवाइयां या उस पदार्थ का सेवन न करें जिससे आपको परेशानी हो। यह बेहद अहम है। यह इन खेलों का पहला साल है, जिसमें हम लोगों की भागीदारी और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना चाहते थे। अगली बार जब इन खेलों का और बड़े स्तर पर आयोजन किया जाएगा, तो इसमें डोप टेस्ट को भी शामिल किया जाएगा।"

अनुराग ने खेलों के विकास के लिए आधारभूत सुविधाओं की बात पर जोर दिया और कहा कि राज्य सरकारों को स्टेडियम और प्रशिक्षकों की कमी को दूर करना चाहिए।

उन्होंने कहा, "हिन्दुस्तान में खेल राज्यों का विषय है और राज्य सरकार खेलों के लिए बजट ज्यादा रखती नहीं हैं। इसमें खेल संघों का भी बहुत महत्व है। तो जब तक सरकारें स्टेडियम नहीं बनाएंगी, अच्छे कोच नहीं रखेंगी तो खेल संघ ज्यादा कुछ नहीं कर पाएंगे।"देश में स्टेडियम जैसी आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराने में केंद्र सरकार की भी अहम भूमिका होती है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अनुराग से जब पूछा गया कि उनकी पार्टी की सरकार ही केंद्र में है, ऐसे में वह सरकार से अनुरोध करेंगे तो इस पर उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार अतिरिक्त सहायता करती है। राज्य सरकार को कोई रोकता नहीं, खेल संघों को कोई रोकता नहीं। इसलिए केंद्र से जो मिले बहुत अच्छा है। लेकिन खेल राज्य सरकार का विषय है। इसलिए राज्य को बड़ी भूमिका निभानी चाहिए।"यह देश में पहला मौका था जब किसी प्रदेश ने राजकीय ओलम्पिक खेलों का आयोजन कराया हो। 

अनुराग ने इस पहल की वजह बताते हुए कहा, "हम चाहते थे खेलों के प्रति लोगों का रुझान बढ़े और युवाओं की भागीदारी हो। अब हमने खिलाड़ियों को एक प्लेटफॉर्म दिया है भागीदारी के लिए और प्रतिस्पर्धा के लिए जिसे आप पीपी मॉडल कह सकते हैं।"इन खेलों में लगभग सभी खेल एक छोटे से स्टेडियम में एक ही छत के नीचे आयोजित कराए गए थे। इसका कारण पूछने पर अनुराग ने कहा, "एक छत के नीचे ही सारे खेल इसलिए कराए गए ताकि वातावरण ऐसा बने कि लोगों की रूचि बढ़े और दर्शकों को देखने को मिले। ऐसे में खेलने में मजा आता है। दर्शक खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई करते हैं तो उन्हें भी अच्छा लगता है।"इन खेलों को लेकर भविष्य की रणनीति पर अनुराग ने कहा, "इन खेलों के बाद हम एक खाका तैयार करेंगे कि हम किन खेलों में आगे बढ़ सकते हैं। कई खेले ऐसे हैं जिनका ओलम्पिक में नाम ही नहीं है, लेकिन राज्य सरकारें सबसे ज्यादा रोजगार उसी में देती हैं। आपको देश के लिए कोई न कोई रणनीति बनानी पड़ेगी की हमें ओलम्पिक खेलों को क्या महत्व देना है। हमे किन खेलों को अधिक महत्व देना है, कितना आधारभूत ढांचा होना चाहिए। इस तरह की बारीक जानकारी आपके पास होनी चाहिए, तब जाकर एक खाका तैयार होता है।"