5 Dariya News

मध्य प्रदेश : 5 और किसानों ने की खुदकुशी

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भोपाल 27-Jun-2017

मध्य प्रदेश में किसानों की आत्महत्या का दौर थम नहीं रहा है। सोमवार और मंगलवार के बीच पांच किसानों ने कर्ज, सूदखोरों व अन्य समस्याओं से परेशान होकर जान दे दी है। इस तरह राज्य में 16 दिनों में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 27 हो गई है। खंडवा जिले के हरसूद में किसान घिसिया खान (70) ने ईद की रात अपने खेत के कुएं में लटकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार को उनका शव कुएं में लटका मिला। घिसिया का पेशा खेती, आटा चक्की के साथ ट्रैक्टर भी था। इसी वर्ष उन्होंने एक नया ट्रैक्टर खरीदा था, जिसका कर्ज था। हरसूद के थाना प्रभारी विश्वदीप सिंह परिहार ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया, "आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। जहां तक कर्ज की बात है तो यह परिजनों के बयान से ही पता चल पाएगा।"

इसी तरह बालाघाट के भरवेली जागपुर के किसान डाल चंद्र लिल्हारे (42) ने कर्ज से परेशान होकर सोमवार देर रात कीटनाशक पी लिया और मंगलवार सुबह उसकी मौत हो गई।परिजनों के अनुसार, उसके पास तीन एकड़ जमीन थी, जिसमें से कर्ज चुकाने के लिए उसने एक एकड़ जमीन बेच दी थी। उसके बाद भी कर्ज बना हुआ था, जिससे परेशान होकर उसने यह कदम उठाया।भरवेली थाने के प्रभारी ब्रजेश विश्वकर्मा ने स्वीकार किया है कि "उसके पास सिंडिकेट बैंक से एक लाख 18 हजार रुपये की वसूली का नोटिस आया था और सोसायटी का भी 70 हजार रुपये कर्ज था। आत्महत्या का कारण क्या है, यह पुलिस जांच कर रही है।"

इंदौर के गांधीनगर थाना क्षेत्र के धरनावदा गांव के युवा किसान पवन (20) ने कीटनाशक पीकर मंगलवार को आत्महत्या कर ली। परिजन कर्ज की बात कह रहे हैं, लेकिन गांधीनगर थाने के प्रभारी आदेश सत्तावत का कहना है कि पवन मजदूरी किया करता था, उसकी खेती और कर्ज के बारे में पता नहीं चला। पुलिस मामले की जांच कर रही है।विधायक जीतू पटवारी ने कहा है, "पवन ने बटाई पर खेती ली थी, उसमें भी उसे घाटा लग गया था, कर्ज भी दो से तीन लाख रुपये था। अप्रैल में ही उसकी शादी हुई थी। उसने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की है, परिजनों ने यह जानकारी दी है।"इसके अलावा, झाबुआ जिले के पारा चौकी क्षेत्र के आदिवासी किसान जहू ने आर्थिक तंगी के चलते सोमवार को कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। 

झाबुआ थाने के प्रभारी आर. के. बास्करे के अनुसार, "जहू के बेटे ने एक लड़की से भागकर शादी की थी। आदिवासी समाज की पंचायत ने परंपरा के अनुसार जहू को लड़की वालों को साढ़े चार लाख रुपये बतौर दहेज देने का फैसला सुनाया। इसके लिए जहू ने जमीन भी गिरवी रख दी थी, उसके बाद भी पूरी रकम का इंतजाम नहीं हुआ तो उसने खुदकुशी कर ली।"देवास में भी एक किसान ने जहरीला पदार्थ पीकर खुदकुश की है। टोंकखुर्द तहसील के केसली गांव निवासी किसान मनोहर सिंह (50) पर कथित तौर पर लगभग पांच लाख रुपये का कर्ज था, जिससे परेशान होकर उसने रविवार को जहर पी लिया, गंभीर हालत में उसे पहले देवास फिर इंदौर ले जाया गया, जहां सोमवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। राज्य के किसान अपनी दो सूत्रीय मांगों -कर्ज माफी और उपज के सही दाम- को लेकर पहली जून से 10 जून तक आंदोलनरत थे। 

इस दौरान कई स्थानों पर हिंसक आंदोलन भी हुआ, पुलिस ने मंदसौर में छह जून को गोलीबारी की, जिसमें पांच किसान मारे गए थे। उसके बाद एक अन्य किसान की पिटाई से मौत हुई थी। आंदोलन के हिंसक होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में उपवास किया, जो दूसरे दिन ही खत्म हो गया, लेकिन किसानों की मांगें पूरी नहीं हुई। किसान आंदोलन के खत्म होने के बाद आत्महत्याओं को दौर शुरू है। इस दौरान 12 से 27 जून के बीच 16 दिनों में 27 किसान आत्महत्या कर चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से यही कहा जा रहा है कि किसान कर्ज के दवाब में आत्महत्या नहीं कर रहा है और कर्ज माफ नहीं होगा।