5 Dariya News

हरीके हैडवक्र्स में रेत निकालने में सरकार को चूना लगाने वाले 6 सीनियर सिंचाई आधिकारियों और ठेकदार विरुद्ध केस दर्ज -उप्पल

1.4 करोड़ रुपए के रेते को खुर्द -बुर्द करन में ठेकेदार के साथ मिले, एक मुख्य इंजीनियर, दो ऐक्सियन, एक एस.डी.ओ, दो जे.ई और एक ठेकेदार विरुद्ध पर्चा

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चण्डीगढ़ 24-Jun-2017

हरीके हैडवक्र्स में दरिया की सफ़ाई दौरान रेत निकालने मौके सरकारी खजाने को 5.47 करोड़ रुपए का नुक्सान पहुँचाने कारण विजीलैंस ब्यौरो पंजाब ने आज सिंचाई विभाग के छह सीनियर आधिकारियों और एक ठेकेदार विरुद्ध भ्रष्टाचार और फ़ौजदारी कानून की अलग-अलग धारायें अधीन मुकदमा दर्ज किया है।आज यहाँ इस सम्बन्धित जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यौरो के मुख्य निर्देशक -कम -ए.डी.जी.पी श्री बी.के. उपल ने बताया कि विजीलैंस ब्यौरो को हरीके हैडवक्र्स के गाईड बाँध नज़दीक रेत निकालने के ठेके  में अनियमितताएं होने सम्बन्धित मिली शिकायत के आधार पर विजीलैस टीम की तरफ से जांच की गई जिस दौरान यह सामने आया कि कुल 12.04 करोड़ रुपए के ठेके में से छह सिंचाई आधिकारियों ने मिलीभुगत के साथ ठेकेदार की तरफ से ठेके के 45 प्रतिशत काम करन के एवज़ में 5.47 करोड़ रुपए की रकम अदा करके सरकारी खजाने को क्षति पहुंचाई है। इन आधिकारियों ने तीन महीने दौरान काम में हुई देरी कारण ठेकेदार विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की और न ही उसे समय पर काम निपटाने के लिए ताडऩा की जबकि काम को पूरा करन के लिए ठेकेदार ने जानाबुझकर अपेक्षित मशीनरी और मज़दूर भी नहीं लगाए।

श्री उपल ने बताया कि इस संबंधी मुख्य इंजीनियर नहरों जतिन्दरपाल सिंह, कार्यकारी इंजीनियर विजयपाल सिंह मान और गुलशन नागपाल, एस डी औ  मुकैश गोयल और हरीके नहरी डिवीजऩ में तैनात जूनियर इंजीनियर रिशब और विकरमजीत सिंह पन्नू खि़लाफ़ भारतीय दंडवली की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 -बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13 (1) (डी) और 13 (2) के अंतर्गत थाना विजीलैंस ब्यौरो फिऱोज़पुर में मुकदमा दर्ज करके इस सम्बन्धित आगामी पड़ताल आरंभ कर दी है।और जानकारी देते हुए श्री उप्पल ने बताया कि इन दोषी आधिकारियों ने अप्रैल 2016 दौरान सरकार से मंज़ूर किये कुल 1.47 करोड़ रुपए के टैंडर को सरकारी स्वीकृति के बिना ही उक्त टैंडर की कीमत बड़ा कर 1.80 करोड़ कर दी। दोषी मुख्य इंजीनियर जतिन्दरपाल सिंह ने बिना  सरकारी स्वीकृति से अपने स्तर पर उच्च दरों पर टैंडर की स्वीकृति दे दी और अपने पद का दुरुपयोग करते ठेकेदार अशोक कुमार को अधिक दरों पर 12.04 करोड़ में रेत निकालने का ठेका अलाट कर दिया। उन बताया कि पड़ताल दौरान यह भी सामने आया कि उक्त मुख्य इंजीनियर की तरफ से अधिक रेटों वाले इस टैंडर को 40 दिनों बाद सरकार से मंज़ूरी लिए बगैर ही अपने स्तर पर मंज़ूरी दे दी।

श्री उप्पल ने बताया कि जांच दौरान यह भी सामने आया कि यदि विजीलैंस ब्यौरो की तरफ से यह चैकिंग न की जाती तो दरिया में बारिशों का पानी आने मौके आधे -अधूरे काम होने पर ही सिंचाई विभाग के इन आधिकारियों ने पूरे 12.04 करोड़ के कामों को पूरा हुआ दिखा देना था परन्तु विजीलैंस की चौकसी करके उन की आशायों पर पानी  फिर गया।उन्होंने बताया कि मुख्य इंजीनियर जतिन्दरपाल सिंह ने मिलीभुगत करके प्रस्तावित खदानों और खनिज नियमों के अनुसार रेते और खनिजों के सही निकास और रख-रखाव के लिए निचले आधिकारियों को कोई निर्देश नहीं दिए। उसके तबादले के बाद ऐक्सियन गुलशन नागपाल ने अपने सीनियर आधिकारियों और जूनियर कर्मचारियों समेत ठेकेदार के साथ मिलीभुगत करते हुये 1.4 करोड़ की कीमत वाले रेत की संभाल करने में लापरवाही इस्तेमाल करी। इसके इलावा दोषी आधिकारियों ने रेत और खनिज पदार्थों को प्रस्तावित 1.7 किलोमीटिर तक फेंकने के फासले को किताबों में स्वीकृत फासले से ज़्यादा बड़ा दिया जिस कारण सरकार के राजस्व को नुक्सान हुआ।विजीलैंस मुखी श्री उप्पल ने बताया कि सरकार की तरफ से मंज़ूर किये इन टैंडरों को दोषी आधिकारियों की तरफ से अपने पद का दुरुपयोग करते हुये बिना सरकार की मंज़ूरी से टैंडर में विस्तार करके मिलीभुगत सवरूप ठेकेदार अशोक कुमार लाभ पहुँचाया गया और सिफऱ् 45 प्रतिशत काम करन के एवज़ ही उसे 5.47 करोड़ रुपये की रकम अदा कर दी गई जिस करके इस मामलो में विजीलैंस आधिकारियों को गहराई के साथ पड़ताल करन के निर्देश दिए गए हैं।