5 Dariya News

कैलाश सत्यार्थी पर बायोपिक बननी चाहिए : बोमन ईरानी

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मुंबई 23-Jun-2017

अभिनेता बोमन ईरानी का मानना है कि नोबेल पुरस्कार विजेता व सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने समाज में जो योगदान दिया है, उसे दर्शाने के लिए उनके जीवन पर आधारित फिल्म बनाना अच्छा विचार होगा। अपनी आगामी फिल्म 'झलकी' में बोमन एक ऐसी भूमिका निभा रहे हैं, जो सत्यार्थी के जीवन से प्रेरित होता है।बोमन ने फोन पर आईएएनएस को बताया, "मुझे लगता है कि वह नि:स्वार्थ व्यक्तियों में से एक हैं..लोग उनके अच्छे कामों के बारे में नहीं जानते हैं। फिल्म में मेरा किरदार छोटा सा है, वास्तव में मेरा किरदार फिल्म के आखिरी चरण में आता है, जब छोटी लड़की 'झलकी' अपने भाई की तलाश के लिए मेरे किरदार के पास पहुंचती है। उसका भाई एक बाल श्रमिक होता है।"उन्होंने आगे कहा, "इसलिए, मुझे लगता है कि कैलाश सत्यार्थी के अच्छे कामों की बदौलत उन पर एक बायोपिक बननी चाहिए और यह बस इसलिए नहीं बननी चाहिए कि वे अपना महिमामंडन करना चाहते हैं बल्कि यह दिखाने के लिए बननी चाहिए कि एक ऐसा भारत भी है, जिसे बेहतरीन जगह बनाने के लिए एक शख्स लगातार काम कर रहा है।

"सत्यार्थी को बाल दासता, बच्चों के शोषण और बाल श्रम के खिलाफ वैश्विक मुहिम चलाने के लिए जाना जाता है। साल 2014 में पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई के साथ उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार मिला था। बोमन ने कहा कि वह सत्यार्थी से काफी प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कई लोग हैं, जिनकी कहानी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए बताई जानी चाहिए, लेकिन वह जानते हैं कि फिल्म बानने के लिए उसमें थोड़ी नाटकीयता होनी चाहिए और सभी की कहानियां पर्याप्त रूप से नाटकीय नहीं है। हालांकि बायोपिक बनाने के लिए सत्यार्थी की कहानी प्रेरणास्पद है। बोमन ने बताया कि वह सत्यार्थी से अभी तक नहीं मिले हैं, लेकिन फिल्म की रिलीज के बाद उनसे मुलाकात होने की उम्मीद करते हैं। फिल्म 'झलकी' में दिव्या दत्ता, तनिष्ठा चटर्जी भी हैं।