5 Dariya News

किसानों की कर्ज माफी नहीं, निगाह राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर : अरुण जेटली

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नई दिल्ली 20-Jun-2017

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसी भी राज्य को किसानों का ऋण माफ करने के लिए केंद्र सरकार की किसी भी तरह की आर्थिक मदद को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार की निगाह राजकोषीय घाटे को लक्ष्य को हासिल करने पर है। वित्त मंत्री ने यहां प्रेस वार्ता में विभिन्न राज्यों में किसानों द्वारा ऋण माफी को लेकर किए जा रहे आंदोलन पर एक सवाल के जवाब में कहा, "हमारे सामने राजकोषीय उत्तरदायित्व तथा बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम है तथा राजकोषीय घाटे का लक्ष्य है, हमारी मंशा इसी पर चलने की है।"एफआरबीएम समिति ने मौजूदा साल के लिए 3.2 फीसदी राजकोषीय घाटा लक्ष्य तय किया है।जेटली की यह प्रतिक्रिया उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र के बाद पंजाब द्वारा किसानों की ऋणमाफी की घोषणा के एक दिन बाद आई है।मध्य प्रदेश में किसान ऋणमाफी तथा कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर व्यापक आंदोलन कर रहे हैं। 

प्रदेश में हाल ही में 10 किसान खुदकुशी कर चुके हैं। छह जून को मंदसौर में पुलिस की गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गई, जबकि घायल एक अन्य की बाद में मौत हो गई।जेटली पहले ही कह चुके हैं कि जो राज्य इस तरह की योजनाओं (ऋणमाफी) का क्रियान्वयन करना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए साधन खुद जुटाने होंगे।राज्य सरकारों द्वारा किसानों की ऋणमाफी पर चिंता व्यक्त करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पहले ही कह चुका है कि इस तरह के कदम से अर्थव्यवस्था को नुकसान और मुद्रास्फीति के अभी या बाद में बढ़ने का खतरा बढ़ता है।आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि राज्य के बजट में जब तक पर्याप्त वित्तीय साधन न हो, राज्यों को किसानों की ऋण माफी जैसे कदम से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पिछले 2-3 साल के दौरान हासिल वित्तीय लाभ पर पानी फेर सकता है।