5 Dariya News

पंजाब के मुख्यमंत्री ने 8. 75 लाख छोटे और मझोले किसानों का संपूर्ण फसली ऋण माफ करने की घोषणा की

दो लाख रुपए से अधिक कर्ज वाले डेढ़ लाख मझोले किसानों को दो लाख रूपये की राहत मिलेगी

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चंडीगढ़ 19-Jun-2017

पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज छोटे और मझोले किसानों (पांच एकड़ तक) के लिए दो लाख रुपए तक का संपूर्ण फसली ऋण माफ करने और कर्ज की राशी पर गौर किए बिना शेष सभी मझोले किसानों को 2 लाख रुपए की राहत देने के  की घोषणा की है। इसके साथ ही सत्ताधारी पार्टी ने अपना एक और चुनावी वायदा लागू करने और कृषि ऋण समाप्त करने की दिशा में रास्ता साफ हो गया है।आज पंजाब विधान सभा में अपने भाषण दौरान यह ऐलान करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि इससे कुल 10. 25 लाख किसानों को लाभ होगा जिनमें पाँच एकड़ तक वाले 8. 75 लाख किसान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र  सरकार की तरफ से की गई राहत की घोषणा की अपेक्षा यह दोगुनी राहत है। यह फैसला प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डा. टी. हक्क के  नेतृत्व वाले विशेषज्ञों के समुह की तरफ से दी गई अंतरिम रिपोर्ट पर अधारित है। राज्य सरकार ने इस समुह को राज्यों की संकटों में घिरी कृषि को बाहर निकालने  के ढंग व तरीके सुझाने का कार्य सौंपा था।किसानों के फसली कर्ज माफ करने प्रति अपनी वचनबद्धता पर सरकार के दृढ़ रहने का स्पष्ट रूप से ऐलान करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राज्य में खुदकुशी करने वाले सभी किसानों के परिवारों पर चढ़े फसली कर्जे संस्थागत स्रोतों द्वारा सरकार अपने जिम्मे लेने का भी अतिरिक्त निर्णय किया है। खुदकुशी से पीडि़त परिवारों की एक्सग्रेशिया राशि भी मौजूदा तीन लाख से बढ़ा कर पाँच लाख करने का फैसला भी लिया गया है। 

गैर संस्थागत स्रोतों से लिए गए ऋण पर किसानों को कर्ज राहत देने पंजाब सरकार ने पंजाब कृषि कर्ज निपटारा एक्ट की समीक्षा करने का भी निर्णय लिया है जिससे परस्पर स्विकृत तौर पर सुलाह-सफाई और निपटारे से किसानों को राहत मुहैया करवाई जा सके। इसके तहत कर्ज देने वाली और कर्ज लेने वाली दोनों पार्टियाँ संवैधानिक तौर पर पाबंद होंगी। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से इसका जायजा लेने पहले ही एक कैबिनेट सब समिति बना दी गई है।मुख्य मंत्री ने आत्महत्या करने वाले परिवारों के  पास जाने के लिए स्पीकर की तरफ से विधान सभा की एक पाँच सदस्यीय समिति गठित करने का भी प्रस्ताव किया है, जिससे खुदकुशी के कारणों का पता लगाया जा सके और भविष्य में आत्महत्याओं को रोकने उठाए जाने वाले कदमों बारे सुझाव प्राप्त किये जा सकें।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सदन में यह भी बताया कि उनकी सरकार ने पंजाब सहकारी सोसायटियां एक्ट 1961 की धारा 67- ए को खत्म करने का पहले ही फैसला कर लिया है जो किसानों की जमीन की बोली/ कुर्की की व्यवस्था करती थी।मुख्य मंत्री ने किसानों को मुफ्त बिजली मुहैया कराने की अपनी वचनबद्धता दोहराई परन्तु इसके साथ ही उन्होंने राज्य के बड़े किसानों को स्वैच्छा से बिजली सब्सिडी त्यागने की अपील की। उन्होंने निजी मिसाल प्रस्तुत करते हुए तुरंत अपने फार्म की बिजली सब्सिडी छोडऩे की घोषणा की और अपने साथियों से भी ऐसा करने की अपील की। 

पिछली अकाली सरकार की कृषि और किसानों प्रति पनाई गई नीति की तीखी आलोचना करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि बादल शासन ने अनाज की खरीद के लिए नगद सीमा कर्ज में कमी को पूरा करने 31, 000 करोड़ रुपए के ऋण को स्वीकृत किया था, जिससे उनकी सरकार की तरफ से 270 करोड़ रुपए महीना और 3240 करोड़ रुपए सालाना का भुगतान करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा न किया होता तो उनकी सरकार किसानों के कल्याण के लिए अतिरिक्त 31000 करोड़ रुपए का प्रयोग कर सकती थी।विभिन्न अध्ययनों का उल्लेख करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि सूबो में खेती से सम्बन्धित तकरीबन 18. 5 लाख परिवार हैं और इनमें से लगभग 65 प्रतिशत छोटे और मझाले किसान हैं। इनमें से तकरीबन 70 प्रतिशत की संस्थागत वित्त तक पहुँच है।किसानों को पेश समस्याओं का जिक्र करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की मुख्य प्राथमिकता उन सभी किसानों की आमदन को लगातार बढ़ाना है जो खेतीबाड़ी पर निर्भर हैं और वातावरण का संतुलन बना कर रख रहे हैं। उन्होंने किसानों की आमदन बढ़ाने राज्य की कृषि नीति बनाने का भी ऐलान किया जो जल्दी ही तैयार हो जायेगी। 

मुख्य मंत्री ने कृषि क्षेत्र को फिर से पटरी पर लाने के लिए अनेक और कदम उठाए जाने का ऐलान भी किया, जिनमें कृषि उत्साहित कार्यक्रम भी शामिल है जो कि काश्त, उपज में बढ़ोतरी और मानक, आकर्षक प्रतिफल का सहारा और डाइर्वसीफिकेशन वाली फसलों के लिए ज्यादा रियायतों देने पर केंद्रित होगा। इसके अलावा फार्म एक्स्टेंशन सेवाओं को पुर्नजीवित करने और कृषि शिक्षा को नियमित करने के लिए नया कानून भी इस सम्बन्ध में उठाए जाने वाले कदम होंगे।किसानों की तरफ से पराली और नाड़ को आग लगाए जाने की प्रक्रिया को बंद करने धान की पराली चुनौती फंड स्थापित करने की घोषणा करते हुए मुख्य मंत्री ने सदन में बताया कि उन्होंने पहले ही उन सभी किसानों को 100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस देने की अनुमति देने के लिए प्रधान मंत्री ने पत्र लिखा है जो पराली को जलाने की बजाए इसे जमीन में खपाएंगे। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में किसानों को रियायत देने की जरूरत है।न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली में फेर बदल करने के लिए भारत सरकार को मंजूरी न देने की अपनी सरकार की वचनबद्धता दोहराते हुए मुख्य मंत्री ने स्वामीनाथन कमीशन की सिफारशों को लागू करने और केंद्र की तरफ से मक्की व अन्य फसलों के लिए निर्धारित किये जाते न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने व कम भाव मिलने पर इसकी भरपाई करने की केंद्र से अपील की। अपनी सरकार की तरफ से बिना अड़चन और भ्रष्टाचार मुक्त खरीद को यकीनी बनाने का जिक्र करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि इस साल अप्रैल महीने में मंडियों में पहुँची 120 लाख टन गेहूँ का एक- एक दाना खरीदने के अलावा किसानों को समय पर भुगतान को भी यकीनी बनाया है। उन्होंने कहा कि आने वाले धान और कपास के सीजन के दौरान भी किसानों को बढिय़ा सेवाएं मुहैया करवाई जाएंगी। 

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ''एंड टू एंड कंप्यूटराईजेशन आफ टारगेटिड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन व्यवस्था ( टी. पी. डी. एस.) आपरेशनज स्कीम अधीन राज्य में सभी प्रकार की गतिविधियों का कंप्यूटरीकरण करने के निर्णय की घोषणा भी की है। इससे लाभार्थियों को सब्सिडी वाला अनाज सही ढंग से और बिना किसी कमी के वितरण को सुनिश्ििचत किया जा सके। शिनाख्त किये गए लाभार्थियों को स्मार्ट राशन कार्ड मुहैया करवाए जाएंगे और राशन बायोमैट्रिक  प्रमाणतीकरण के साथ पी. ओ. एस. यंत्रों से बांटा जाएगा।मुख्य मंत्री ने फसली विभिन्नता में सहायता प्रदान करने और किसानों की आमदन में बढ़ोतरी करने बागवानी को बढ़ावा देने की अपनी सरकार की वचनबद्धता दोहराई और उन्होंने इसके लिए रियायतें देने का भी ऐलान किया। उन्होंने मंडी में उतार चढ़ाव आने की सूरत में किसानों को बचाने के लिए मूल्य स्थिरता फंड स्थापित करने का भी ऐलान किया। उन्होंने फलों और सब्जियाँ जैसी जल्दी खराब होने वाली फसलों के सम्बन्ध में विशेष बल दिया।