5 Dariya News

मुख्यमंत्री एवं सभी अधिकारियों को घेरे में लाने वाला नया लोकपाल पंजाब सरकार लायेगी

मुख्यमंत्री द्वारा सेवा के अधिकार एक्ट एवं एकीकृत सेवा केंद्रों को नया रूप देने का एलान

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चंडीगढ़ 19-Jun-2017

पंजाब सरकार एक नया लोकपाल कानून बनायेगी जिसके पास मुख्यमंत्री, मंत्रीयों तथा अधिकारियों विरूद्ध सभी स्तरों की षिकायतों पर कार्रवाई करने की शक्तियां होंगी।यह एलान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज राज्य विधानसभा में किया।स्रकार ने सेवा के अधिकार कमिषन एक्ट का जायजा लेने और इसको संषोधन का भी फैसला किया है ताकि इसकी प्रणाली में अधिक पारदर्षिता लाई जा सके। एकीकृत डिलवरी केंद्रों/सर्विस केंद्रों को नया रूप देने का मुद्दा भी सरकार के सामने है और सरकार न्याय पंचायत स्थापित करने के प्रस्ताव का भी जायजा ले रही है ताकि निम्न स्तर पर सरल, शीघ्र तथा वाजिब दरों पर न्याय को विष्वसनीय बनाया जा सके।मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि प्रवासी भारतीयों, सेवा कर रहे सैनिकों, नषों के तस्करों के मामले से संबंधित केसों में विषेष अदालतें स्थापित करने की प्रक्रिया आरंभ की है।मुख्यमंत्री ने प्रैस की स्वतंत्रता को बनाये रखने के लिये वचनबद्धता दोहराई है और कहा है कि उनकी सरकार मीडिया पर विभिन्न प्रकार की सैंसरषिप, अजारेदारी तथा जुटबंदी विरूद्ध दृढता से खड़ी है। उन्होंने समाचार चैनलों तथा केबल नेटवर्क में दिलचस्पी रखने वाली सभी पक्षों को बराबर के अवसर मुहैया करवाने तथा पारदर्षिता बनाने का भी भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन एप्स के साथ सेवा केंद्रों को नया रूप देने के साथ राज्य के नागरिकों को तेजी से और प्रभावी ढंग से सेवांए प्रदान करने को यकीनी बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि गत् सरकार द्वारा स्थापित किये गये 70 प्रतिषत केंद्र गैर कार्यषील हैं और इनकी बिना किसी बात से प्रतिमाह 20 करोड़ रूप्ये की देनदारी है। गत् सरकार ने इन केंद्रों के निर्माण के लिये 400 करोड़ रूप्ये खर्चे थे जहां कि बहुत थोड़ी सेवांए दी गई। उन्होंने प्रत्येक को उनके दरों पर सेवांए मुहैया करवाने का वायदा किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत् सरकार ने 11 सदस्यीय सेवा के अधिकार आयोग का गठन किया था जिसने गत् 5 वर्षो के दौरान 11.82 करोड़ रूप्ये के खर्चे से केवल 45 पटीषनों संबंधी फैसला किया। मौजूदा सेवा के अधिकार एक्ट का जायजा लिया जायेगा और इसको नये एक्ट में तबदील किया जायेगा ताकि आयोग को पूरा जवाबदेह बनाने के लिये स्थायी और नियमित स्टॉफ यकीनी बनाया जा सके।गत् सरकार के कुप्रबंध के परिणाम स्वरूप राज्य में बड़े स्तर पर फैले भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार संपूर्ण प्रक्रिया को नया रूप देकर भ्रष्टाचार को रोकने के लिये राज्य की सरकारी मषीनरी को शक्तिषाली बना रही है ताकि प्रषासन में अधिक पारदर्षिता को यकीनी बनाया जा सके।50 करोड़ रूप्ये से अधिक के सभी खाता तबादले की जांच को यकीनी बनाने के लिये राज्य में व्यापक विधिवत सुधारों के लिये प्रषासकीय नैतिक और सुधार आयोग स्थापित किया है।राज्य में वी आई पी संस्कृति समाप्त करने के लिये अपनी सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकारी अधिकारियों के लिये वी आई पी नंबर प्लेट लगाने की कोई भी कोषिष नही की जा रही। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी गाडिय़ों की नंबर प्लेटों पर केवल जी जोड़ा जा रहा है।