5 Dariya News

कश्मीर में मानव ढाल परिस्थितिजन्य, एसओपी नहीं : सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत

5 Dariya News

हैदराबाद 17-Jun-2017

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को कहा कि कश्मीर में मानव ढाल का इस्तेमाल 'परिस्थितिजन्य' था और इसका इस्तेमाल मानक संचाल प्रक्रिया (एसओपी) के रूप में नहीं होगा, क्योंकि हमारे जवानों का 'मानवाधिकार का रिकॉर्ड बेहद बढ़िया' है और वे अशांत राज्य में शांति के लिए 'शानदार काम' कर रहे हैं। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भरोसा जताया कि जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति शीघ्र नियंत्रित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है।रावत ने कहा कि केवल दक्षिणी कश्मीर के कुछ हिस्सों में ही स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन उन्हें पूरा भरोसा है कि इसे शीघ्र नियंत्रित कर लिया जाएगा।उन्होंने कहा, "सुरक्षा बल और सभी एजेंसियां स्थिति को नियंत्रित करने की दिशा में शानदार काम कर रही हैं। दक्षिण कश्मीर के कुछ हिस्सों में स्थिति तनावपूर्ण है। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए जरूरी कार्रवाई की जा रही है। मुझे नहीं लगता कि फिक्र की कोई बात है।"सेना प्रमुख हैदराबाद के दुंडीगल में संयुक्त स्नातक परेड का निरीक्षण करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

कश्मीर में नौ अप्रैल को सेना द्वारा पत्थरबाजों के खिलाफ एक स्थानीय युवक को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के मुद्दे पर जनरल ने कहा कि कोई भी कार्रवाई 'हालात को देखते हुए की गई और परिस्थितिवश हमसे यही उम्मीद की जाती है।'जब एक संवाददाता ने उनसे सवाल किया कि क्या वे मानव ढाल के इस्तेमाल को एसओपी का हिस्सा बनाएंगे? सेना प्रमुख ने कहा कि मीडिया वह सवाल पूछ रहा है, जिसका उत्तर उसे खुद पता है। उन्होंने कहा, "मैं आपसे एक सवाल पूछूंगा। क्या मीडिया को उम्मीद है कि इसका जवाब क्या होगा। आप ना कभी नहीं कहेंगे। आप मुझसे एक ऐसा सवाल पूछ रहे हैं, जिसका उत्तर आपको पता है।"जब संवाददाताओं ने उनसे जानना चाहा कि क्या उनके उत्तर का मतलब यह है कि मानव ढाल के इस्तेमाल को मानक संचाल प्रक्रिया (एसओपी) का हिस्सा बनाया जाएगा? सेना प्रमुख ने कहा, "नहीं, ऐसा नहीं है। यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है। हमारा प्रयास रहता है कि मानवाधिकारों का उल्लंघन न हो।"उन्होंने कहा, "प्रदर्शन के दौरान जब भी वह महिलाओं तथा बच्चों को आगे देखते हैं, वे उससे उसी हिसाब से निपटते हैं। कड़े उपायों का कभी सहारा नहीं लिया जाता। हम सेना हैं और मानवाधिकार में पक्का यकीन करते हैं।

"यह पूछे जाने पर कि हिंसा से निपटने के लिए सेना मानव ढाल का इस्तेमाल कर रही है? जनरल ने कहा कि उन्हें इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।रावत ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के लोगों को कुछ भ्रांतियां हैं और उनके बीच कुछ गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं, जिसके कारण समस्या पैदा हो रही है। संभवत: इसी वजह से कुछ युवा हथियार उठा रहे हैं।उन्होंने कहा, "मुझे पूरा भरोसा है कि वे जल्द ही समझ जाएंगे कि वे जो कर रहे हैं, वह उनके अपने राज्य और लोगों के लिए सही नहीं है। सशस्त्र बल और सुरक्षा बल घाटी में केवल शांति और स्थिरता चाहते हैं।"उन्होंने कहा, "मुझे पूरा भरोसा है कि कुछ युवा, जिनके हाथों में कम्प्यूटर होने चाहिए और जिन्हें आईआईटी और आईआईएम संस्थानों में प्रवेश के लिए परीक्षाओं की तैयारी करनी चाहिए, वे जल्द ही सही राह पर आ जाएंगे। वे खुद ही समझ जाएंगे कि वह सही राह पर नहीं हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि स्थिति नियंत्रित हो जाएगी।"जनरल रावत ने कश्मीर मुद्दे पर जारी सियासत पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि सुरक्षाबल राजनीतिज्ञों के बयानों की परवाह नहीं करते। उन्होंने कहा, "हमें एक काम दिया गया है, जिसके लिए हम चौबीसों घंटे काम करते हैं।"उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल नियमों का कड़ाई से पालन करते हैं और उस हालात को भी संभालने में प्रशिक्षित हैं, जिसमें महिलाएं व बच्चे शामिल रहते हैं।पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन पर रावत ने कहा कि वे इसे एक उद्देश्य की पूर्ति के लिए करते हैं, लेकिन सेना इसका मुकाबला कर रही है और जवाब दे रही है।