5 Dariya News

पर्यावरण की समस्याएं औद्योगिक क्रांति का परिणाम : बीरेंदर सिंह

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नई दिल्ली 16-Jun-2017

केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंदर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वर्तमान में दुनिया भर की पर्यावरण की समस्याएं औद्योगिक क्रांति का परिणाम हैं, जो 300 साल पहले यूरोप में हुई थी। सिंह ने यह विचार 'कनेक्टिंग पीपुल टू नेचर : चैलेंजेस एण्ड ऑप्शंस' नाम के कॉन्क्लेव में कही। इसका संचालन प्रतिष्ठित पर्यावरणविद् पारुल महाजन ने किया, जो भारत नीति की प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर भी हैं।अपने सम्भाषण में सिंह ने कहा, "भारत में मौसम परिवर्तन के विपरीत प्रभाव औद्योगिक क्रांति के बाद सामने आए, जो हमारे देश में 70 साल पहले हुई थी। पिछले 30 सालों में पूरी दुनिया में उत्पादन के कार्य एशिया की ओर खिसक रहे हैं, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।" सिंह ने पश्चिमी देशों द्वारा प्रसारित किए जा रहे कार्बन क्रेंडिट्स प्रोग्राम के विचार की निंदा की क्योंकि इससे केवल जिम्मेदारी को विकासशील देशों की ओर टालने का प्रयास किया गया है। 

उन्होंने कहा, "औद्योगिक क्रांति होने से पहले भारत सबसे बड़ा निर्यातक हुआ करता था। आज हम 10.0 करोड़ टन क्रूड स्टील का उत्पादन करते हैं, जिसमें से केवल 1.5 प्रतिशत का निर्यात होता है, क्योंकि औद्योगिक क्रांति होने के बाद हम केवल हाई-एण्ड स्टील का ही निर्यात कर सकते हैं। पश्चिमी विचारों का सोच पर यही प्रभाव हुआ है।"उत्पादन कम हो जाने के बावजूद पश्चिमी दुनिया विकसित है, इस बात की ओर इशारा करते हुए सिंह ने कहा कि यह इसलिए है क्योंकि शोध एवं इनोवेशन उनकी अर्थव्यवस्था के मुख्य स्रोत बन गए हैं। चूंकि भारत में इन चीजों की कमी है, इसलिए हमारा देश पश्चिमी देशों के फैसले मानने पर मजबूर है। उन्होंने बताया कि इस स्थिति को पलटने के लिए पर्यावरणप्रेमियों के लिए मानसिक बदलाव की आवश्यकता है।